बेंगलुरु: वाल्मिकी निगम घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने जांच तेज कर दी है. 17 जून यानी की आज पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की पत्नी मंजुला को अधिकारियों ने शहर के डॉलर्स कॉलोनी स्थित आवास से बेंगलुरु के शांतिनगर स्थित ईडी दफ्तर ले गए. बी नागेंद्र को हाल ही में घोटाले से संबंधित ईडी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और उनसे पूछताछ की थी. खबर के मुताबिक नागेंद्र की ईडी हिरासत की अवधि कल (18 जून) को खत्म होगी. वहीं, इस मामले को लेकर ईडी ने जांच तेज कर दी है. नागेंद्र, जो अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने KMVSTDC में चल रहे घोटाले के बीच 6 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
क्या है मामला?
वाल्मिकी विकास निगम के अधीक्षक चंद्रशेखरन ने कुछ महीने पहले शिवमोगा में आत्महत्या कर ली थी. एक नोट में उन्होंने निगम से अवैध तरीके से करोड़ों रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करने का आरोप लगाया था. उन्होंने साथ ही फंड ट्रांसफर में अनियमितता का आरोप लगाया. सीआईडी के डीएसपी मोहम्मद रफी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल मामले की जांच कर रहा है. चन्द्रशेखरन लिखे गए डेथ नोट में सत्यनारायण वर्मा और सैथेज का नाम लिया था. फिलहाल एसआईटी ने सैतेज को हिरासत में ले लिया है.
सैकड़ों खातों में पैसे ट्रांसफर
निगम में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने कई अहम सबूत उजागर किये हैं. हाल ही में जांच में 700 से ज्यादा खातों में पैसे ट्रांसफर होने की बात सामने आई है. शुरुआत में पता चला कि सिर्फ 18 खातों में ट्रांसफर हुए हैं. हालांकि, यह पता चला है कि सैकड़ों खातों में पैसा स्थानांतरित किया गया है.आरोप सामने आने के बाद बी नागेंद्र ने 6 जून को अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
ये भी पढ़ें: वाल्मीकि कॉरपोरेशन घोटाला मामला, 18 जुलाई तक ईडी हिरासत में भेजे गए पूर्व मंत्री बी नागेंद्र