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कर्नाटक सरकार ने मुसलमानों को ओबीसी लिस्ट में किया शामिल, आरक्षण का मिलेगा फायदा - MUSLIM RESERVATION IN KARNATAKA

Karnataka Muslim Reservation: कर्नाटक सरकार ने मुसलमानों को ओबीसी की लिस्ट में शामिल कर लिया है. इसके साथ ही अब मुसलमानों को राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.

सिद्धारमैया
siddaramaiah
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 24, 2024, 3:41 PM IST

Updated : Apr 24, 2024, 4:43 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (OBC) की लिस्ट में शामिल कर लिया है.सरकार ने मुसलमानों को कैटेगरी II-बी के तहत ओबीसी लिस्ट में जगह दी है. हालांकि, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. NCBC ने कहा कि इस फैसले ने सामाजिक न्याय के सिद्धांत को कमजोर कर दिया है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्नाटक में मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत आने वाले रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल कर लिया गया है.

आयोग ने बताया कि कैटेगरी-1 में 17 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी माना गया है, जबकि कैटेगरी-2 ए में 19 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी से लिस्ट में शामिल किया गया है.

किस जाति को मिली जगह: जिन 17 मुस्लिम जातियों को ओबीसी की कैटेगरी-1 में जगह मिली है. उनमें नदाफ, पिंजर, दरवेश, छप्परबंद, कसाब, फुलमाली (मुस्लिम), नालबंद, कसाई, अथारी, शिक्कालिगारा, सिक्कालिगर, सालाबंद, लदाफ, थिकानगर, बाजीगारा, जोहारी और पिंजारी शामिल हैं.

वहीं, ओबीसी की कैटेगरी-2 में दिकोनी, लोहार, सोनार, अतारी, अथारी, दर्जी, रंगरेज, जोलाह, पाटीदार, हथकार, कासिन और फुलारी जैसी जातियां शामिल हैं.

कर्नाटक में कितने मुसलमान?: रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को लिखित रूप से इसकी जानकारी दी है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, कर्नाटक राज्य में मुस्लिम की जनसंख्या 12.32 फीसदी है और उसे राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा हासिल है.

यह भी पढ़ें- VVPAT की पूरी गिनती की मांग वाली याचिका पर आज 'सुप्रीम' फैसला - Verification Of Votes With Vvpat

बेंगलुरु: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (OBC) की लिस्ट में शामिल कर लिया है.सरकार ने मुसलमानों को कैटेगरी II-बी के तहत ओबीसी लिस्ट में जगह दी है. हालांकि, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. NCBC ने कहा कि इस फैसले ने सामाजिक न्याय के सिद्धांत को कमजोर कर दिया है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्नाटक में मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत आने वाले रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल कर लिया गया है.

आयोग ने बताया कि कैटेगरी-1 में 17 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी माना गया है, जबकि कैटेगरी-2 ए में 19 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी से लिस्ट में शामिल किया गया है.

किस जाति को मिली जगह: जिन 17 मुस्लिम जातियों को ओबीसी की कैटेगरी-1 में जगह मिली है. उनमें नदाफ, पिंजर, दरवेश, छप्परबंद, कसाब, फुलमाली (मुस्लिम), नालबंद, कसाई, अथारी, शिक्कालिगारा, सिक्कालिगर, सालाबंद, लदाफ, थिकानगर, बाजीगारा, जोहारी और पिंजारी शामिल हैं.

वहीं, ओबीसी की कैटेगरी-2 में दिकोनी, लोहार, सोनार, अतारी, अथारी, दर्जी, रंगरेज, जोलाह, पाटीदार, हथकार, कासिन और फुलारी जैसी जातियां शामिल हैं.

कर्नाटक में कितने मुसलमान?: रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को लिखित रूप से इसकी जानकारी दी है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, कर्नाटक राज्य में मुस्लिम की जनसंख्या 12.32 फीसदी है और उसे राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा हासिल है.

यह भी पढ़ें- VVPAT की पूरी गिनती की मांग वाली याचिका पर आज 'सुप्रीम' फैसला - Verification Of Votes With Vvpat

Last Updated : Apr 24, 2024, 4:43 PM IST
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