बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है. विधानसौध के बैंक्वेट हॉल में आज आयोजित क्वीन सिटी परियोजना के उद्घाटन समारोह के बाद उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे.
उन्होंने कहा, ''मैं इस्तीफा नहीं दूंगा बीजेपी के लोगों में इतनी नैतिकता नहीं है कि वे मुझसे इस्तीफा मांगें. क्या आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो गोधरा कांड के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री थे, ने इस्तीफा दिया था? एचडी कुमारस्वामी, जो आज मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं, उन पर आरोप हैं और वे जमानत पर हैं. क्या उन्होंने इस्तीफा दिया? क्या तब उन्हें शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई?''
कांग्रेस के पूर्व स्पीकर ने मांगा इस्तीफा
MUDA घोटाले के सिलसिले में विपक्ष द्वारा सीएम के इस्तीफे की मांग के अलावा अब कांग्रेस के नेता भी सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केबी कोलीवाड़ा का कहना है कि, हाईकोर्ट और जनप्रतिनिधि न्यायालय के फैसले के मद्देनजर सीएम सिद्धारमैया के लिए इस्तीफा देना बेहतर है.'
बेंगलुरु में बोलते हुए कोलीवाड़ा ने सिद्धारमैया से जांच पूरी होने तक इस्तीफा देने को कहा. उन्होंने मांग की है कि अगर जांच में आरोप साफ हो जाते हैं तो उन्हें फिर से सीएम पद पर आ जाना चाहिए. केबी कोलीवाड़ा ने मांग की कि 'सिद्धारमैया को पार्टी की शर्मिंदगी से बचने के लिए अभी इस्तीफा दे देना चाहिए. दूसरे राज्यों में भी चुनाव हो रहे हैं. वहां भी विपक्षी दल सीएम के इस्तीफे की बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को उठा रहे हैं. इससे पार्टी को शर्मिंदगी हो रही है. इसलिए सिद्धारमैया ने उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देने की सलाह दी है.
बीजेपी का विरोध प्रदर्शन
उधर सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग कर रहे बीजेपी नेताओं ने गुरुवार को विधानसभा का घेराव कर गेट बंद कर दिया. पुलिस ने तुरंत सभी नेताओं को हिरासत में लेकर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया. बाद में, विपक्षी नेता आर अशोक, सभी प्रदर्शनकारी बीजेपी विधायकों और सांसदों के साथ केंगल गेट के गेट तक मार्च किया. इसके बाद पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में ले लिया.
इससे पहले, भाजपा विधायकों और सांसदों ने विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा था कि सिद्धारमैया के पास कोई और विकल्प नहीं है, कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का सुझाव दिया है. आप किस बात का इंतजार कर रहे हैं? जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे, तब आपने आरोप लगने पर इस्तीफा देने को कहा था. क्या अब आपको इसका पालन नहीं करना चाहिए?
उन्होंने कहा कि जब ईश्वरप्पा पर आरोप लगे थे, तब आपने विधानसौदा में विरोध किया. अब आप चुप क्यों हैं? आपने पीएम मोदी के बारे में भी बड़ी टिप्पणी की, पूरे देश में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है. इसलिए पीएम मोदी ने इसका जिक्र किया.
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