कानपुर: सरकार ने 23 किलो जो सोना जब्त कर किया है उससे मुझे कोई एतराज नहीं है. यह कहना है इत्र कारोबारी पीयूष जैन का. कन्नौज के इत्र कारोबारी ने कानपुर के स्पेशल सीजेएम कोर्ट में इस संबंध में प्रार्थना पत्र दिया है. साथ ही कहा है कि कोर्ट का जो फैसला होगा वो उन्हें मान्य होगा. दरअसल कुछ माह पहले जब इत्र कारोबारी के यहां डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने छापा मारकर कारवाई की थी तब करीब 197 करोड़ रुपए कैश बरामद किया गया था. इसके साथ ही 23 किलो सोना भी मिला था. इस पर कस्टम एक्ट के तहत 60 लाख रुपए पेनाल्टी लगाई गई थी. इसमें 30 लाख रुपए पीयूष जैन पर और 30 लाख रुपए उनकी फर्म पर पेनाल्टी लागू की गई थी. इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने 60 लाख रुपए की पेनाल्टी का भुगतान भी कर दिया था. यह सारी प्रक्रिया कंपाउडिंग के तहत पूरी हुई थी.
12 दिसंबर को इत्र कारोबारी ने दिया था प्रार्थना पत्र: इस पूरे मामले पर इत्र कारोबारी के अधिवक्ता अम्बरीश टंडन ने बताया कि इत्र कारोबारी ने मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क पटना के समक्ष कंपाउंडिंग का प्रार्थना पत्र 11 दिसंबर 2023 को दिया था. इसमें इत्र कारोबारी ने कहा था कि उनका सोने से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही वह कंपाउंडिंग का आदेश भी मानने को तैयार है, जिसे मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क पटना में स्वीकार करके कमिश्नर कस्टम लखनऊ कार्यालय में फीस को वापस लेकर 56.86 लाख रुपए की कंपाउंडिंग जमा करने का आदेश दिया था. इस पर पीयूष जैन ने लिखित प्रार्थना पत्र दिया कि सोने से उनका कोई मतलब नहीं है और उन्होंने पेनाल्टी जमा कर दी. अब इत्र कारोबारी ने कंपाउंडिंग जमा होने के बाद मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क पटना के आदेश की कॉपी लगाकर उन पर दर्ज 135 कस्टम एक्ट के मामले में राहत देने की गुहार स्पेशल सीजेएम कोर्ट में लगाई है.
बता दें कि साल 2021 में डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर छापा डालकर 197 करोड़ कैश बरामद किया था. इसके अलावा टीम ने 23 किलो सोना और चंदन का तेल भी बरामद किया था. इसके बाद इत्र व्यापारी को जेल भेज दिया गया था.