नई दिल्ली: इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 हाइजैक कांड दो दशक से भी अधिक समय बाद एक बार फिर चर्चा में है. वजह है इस घटना पर आधारित नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज, जो हाल ही में रिलीज हुई है. अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित सीरीज आईसी 814 - द कंधार हाईजैक वेब सीरीज में विजय वर्मा, नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, अरविंद स्वामी और दीया मिर्जा मुख्य भूमिकाओं में हैं.
फिल्म में भारत के इतिहास में अब तक के सबसे लंबे समय तक चले हाइजैक में शामिल हाइजैकर्स के चित्रण को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है. काठमांडू से नई दिल्ली आ रहे आईसी 814 विमान को भारतीय वायुक्षेत्र में प्रवेश करते ही हाइजैक कर लिया गया था और उसे अमृतसर, लाहौर और दुबई सहित विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया था. अंत में विमान को अफगानिस्तान के तत्कालीन तालिबान शासित कंधार में उतारा गया था.
हालांकि, आठ दिनों के लंबे समय के बाद भारत ने बंधकों के बदले में तीन आतंकवादियों- अहमद उमर सईद शेख, मसूद अजहर और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा करने की हाइजैकर्स की मांगों को स्वीकार कर लिया. रिहा किए गए आतंकवादियों में से एक मसूद अजहर ने बाद में जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन का गठन किया, जिस पर 2019 के पुलवामा हमले सहित भारत पर कई हमलों की साजिश रचने का आरोप है.
विमान में सवार थे 176 यात्री
बता दें कि इस विमान में कुल 176 यात्री सवार थे. इसमें कुछ हाई प्रोफाइल यात्री भी शामिल थे. ऐसा माना जाता है कि विमान में एक वीआईपी यात्री की मौजूदगी ने भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. इस यात्री का नाम था रॉबर्टो जियोरी. ऐसे में सवाल उठता है कि रॉबर्टो जियोरी कौन हैं और ऐसा क्या था जिसकी वजह से भारत इंटरनेशल प्रेशर पड़ा. तो चलिए आपको रॉबर्टो जियोरी के बारे में बताते हैं.
कौन हैं रॉबर्टो जियोरी?
जियोरी एक स्विस-इतालवी कारोबारी हैं. रॉबर्टो जियोरी उस समय डे ला रू कंपनी के मालिक थे. यह ब्रिटेन स्थित एक कंपनी थी, जो दुनिया के 90 फीसदी करेंसी प्रिंटिंग बिजनेस को कंट्रोल करती थी. 2000 में छपी टाइम की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोरी अपनी साथी क्रिस्टीना कैलाब्रेसी के साथ काठमांडू में छुट्टियां मनाकर लौट रहे थे.
स्विट्जरलैंड के सबसे अमीर शख्स थे जियोरी
टाइम की रिपोर्ट में कहा गया है कि जियोरी उस समय स्विट्जरलैंड के सबसे अमीर लोगों में से एक थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के आठ दिनों के हाइजैक के दौरान एक समय पर हाइजैकर्स ने भारत सरकार से 200 मिलियन डॉलर की मांग की थी. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इकोनॉमी क्लास में बैठे बंधकों में से कोई व्यक्ति आसानी से उन्हें उस राशि का चेक दे सकता है.
फ्लाइट में जियोरी की मौजूदगी भारतीय सरकार पर दबाव बढ़ाने वाली थी, क्योंकि स्विट्जरलैंड ने गुप्त रूप से कंधार में एक विशेष काफिला भेजा था, ताकि उनकी तत्काल रिहाई की सुविधा की मांग की जा सके.
क्या काम करती है डे ला रू?
डे ला रू एक ग्लोबल प्लेयर है जो करेंसी नोटों की छपाई और दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों को सप्लाई के लिए बैंक नोटों में इस्तेमाल होने वाले सुरक्षा धागे और सुरक्षा होलोग्राम जैसी सुविधाओं के प्रोडक्शन के कारोबार करती है. यह फर्म 2016 तक भारत को इन मैटेरियल की एक प्रमुख सप्लायर थी.
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