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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: सिर पर कलश रखकर यात्रा में शामिल हुईं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 22, 2024, 4:41 PM IST

अमेठी में कलश यात्रा में सांसद एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी सोमवार को राम के रंग में सराबोर नजर ( Union Minister Smriti Irani with urn on her head) आईं. वह सिर पर कलश रखकर इस यात्रा (Kalash Yatra in Amethi) में शामिल हुईं.

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Etv Bharat Smriti Irani with an urn on her head
अमेठी में कलश यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

अमेठी: सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अमेठी में राम भक्तों में खास उत्साह दिखाई दिया. अमेठी में कलश यात्रा (Kalash Yatra in Amethi) निकाली गयी. इस यात्रा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सिर पर कलश रखकर (Union Minister Smriti Irani with urn on her head) चलती दिखीं. कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और नौजवान शामिल हुए. इसके बाद स्मृति ईरानी ने देवी पाटन मंदिर में मां का पूजन किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने देश वासियों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं दीं.

अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आज राम भक्तों के लिए ऐतिहासिक दिन है. करीब 500 साल के बाद धर्म के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की हम भक्तों से यह अपेक्षा रही होगी कि हम कलयुग में भी मर्यादा का प्रमाण दें. जिन भक्तों ने मर्यादा और धैर्य का प्रमाण दिया. उनको हम प्रणाम करते हैं. आज विशेष रूप से उन पुरखों को याद करने का दिन है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर निर्माण के लिए गुजार दिया.

उन्होंने कहा कि उन सभी राम भक्तों को भी प्रणाम है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति इसलिए दी कि अयोध्या में भगवान राम की भव्य मंदिर बन सके. एक भव्य मंदिर में उनकी प्राण प्रतिष्ठा हो, आज उन राम भक्तों का स्वप्न साकार हो गया है. हमारे राम भक्त दीपावली की बात कर रहे हैं. प्रकाश की बात कर रहे हैं. आज उनकी बात न करें, जिन्होंने विश्व को अंधेरे के अलावा कुछ न दिया हो. राम भक्त अपने धर्म का पालन करने के लिए आजाद हैं.

स्मृति ईरानी ने कहा कि राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हमारे लिए दिवाली की तरह है. हमने वह दिन भी देखे हैं, जब रामभक्त कहलाना भी राजनीति में अभिशाप माना जाता था. वे लोग सत्ता से बाहर हैं. मैं उन लोगों को याद करना चाहती हूं, जिन्होंने गोलियां खाईं. राम भक्तों के सीने पर रेत की बोरियां बांधकर जिंदा सरयू नदी में बहा दिया गया था. आज उन सभी को प्रणाम है.

उन्होंने कहा कि कार सेवकों का सम्मान करना, हमारे लिए सम्मान की बात है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में राम भक्तों ने खुशियां मनायीं. पूरा देश राम मय नजर आया. जगह-जगह कलश यात्रा, शोभा यात्रा, भजन, भंडारा किया गया. समरोह को नव्य और भव्य बनाने में आम और खास सभी लोगों ने अपना योगदान दिया.

ये भी पढे़ं- भगवान भास्कर 6 मिनट करेंगे रामलला का 'सूर्याभिषेक', वैज्ञानिकों ने बनाया ये स्पेशल डिवाइस

अमेठी में कलश यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

अमेठी: सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अमेठी में राम भक्तों में खास उत्साह दिखाई दिया. अमेठी में कलश यात्रा (Kalash Yatra in Amethi) निकाली गयी. इस यात्रा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सिर पर कलश रखकर (Union Minister Smriti Irani with urn on her head) चलती दिखीं. कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और नौजवान शामिल हुए. इसके बाद स्मृति ईरानी ने देवी पाटन मंदिर में मां का पूजन किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने देश वासियों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं दीं.

अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आज राम भक्तों के लिए ऐतिहासिक दिन है. करीब 500 साल के बाद धर्म के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की हम भक्तों से यह अपेक्षा रही होगी कि हम कलयुग में भी मर्यादा का प्रमाण दें. जिन भक्तों ने मर्यादा और धैर्य का प्रमाण दिया. उनको हम प्रणाम करते हैं. आज विशेष रूप से उन पुरखों को याद करने का दिन है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर निर्माण के लिए गुजार दिया.

उन्होंने कहा कि उन सभी राम भक्तों को भी प्रणाम है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति इसलिए दी कि अयोध्या में भगवान राम की भव्य मंदिर बन सके. एक भव्य मंदिर में उनकी प्राण प्रतिष्ठा हो, आज उन राम भक्तों का स्वप्न साकार हो गया है. हमारे राम भक्त दीपावली की बात कर रहे हैं. प्रकाश की बात कर रहे हैं. आज उनकी बात न करें, जिन्होंने विश्व को अंधेरे के अलावा कुछ न दिया हो. राम भक्त अपने धर्म का पालन करने के लिए आजाद हैं.

स्मृति ईरानी ने कहा कि राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हमारे लिए दिवाली की तरह है. हमने वह दिन भी देखे हैं, जब रामभक्त कहलाना भी राजनीति में अभिशाप माना जाता था. वे लोग सत्ता से बाहर हैं. मैं उन लोगों को याद करना चाहती हूं, जिन्होंने गोलियां खाईं. राम भक्तों के सीने पर रेत की बोरियां बांधकर जिंदा सरयू नदी में बहा दिया गया था. आज उन सभी को प्रणाम है.

उन्होंने कहा कि कार सेवकों का सम्मान करना, हमारे लिए सम्मान की बात है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में राम भक्तों ने खुशियां मनायीं. पूरा देश राम मय नजर आया. जगह-जगह कलश यात्रा, शोभा यात्रा, भजन, भंडारा किया गया. समरोह को नव्य और भव्य बनाने में आम और खास सभी लोगों ने अपना योगदान दिया.

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