नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. बुधवार को जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा. सुनवाई के दौरान ED ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि संजय सिंह के पास जांच से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेज हैं, जो सार्वजनिक नहीं हैं.
ED ने कहा कि कि 4 अक्टूबर 2023 को छापे के दौरान उनके आवास से कुछ ऐसी दस्तावेज मिले जो ईडी के दफ्तर से फोटो खींचे गए थे. ये फोटो गैरकानूनी तरीके से खींचे गए थे. सिंह इस मामले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं. इससे पहले हाईकोर्ट ने 8 जनवरी को ईडी को नोटिस जारी किया था. सिंह ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 22 दिसंबर 2023 को संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. तब कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया संजय सिंह मनी लॉड्रिंग मामले में सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं. जो तथ्य रिकॉर्ड पर रखे गए हैं उससे कोर्ट को मानने के लिए पर्याप्त है कि वह मनी लॉड्रिंग के दोषी हैं. कोर्ट ने कहा था कि अगर एफआईआर में नाम नहीं है और अगर कोई आरोपी एफआईआर में नाम दर्ज होने के बावजूद बरी भी हो जाता है तो उसे मनी लॉड्रिंग कानून से छूट नहीं मिल सकती.
कोर्ट ने कहा था कि संजय सिंह को उनके पीए रह चुके सर्वेश मिश्रा के जरिए सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा ने दो करोड़ रुपये पहुंचाए. अरोड़ा ने इस संबंध में 14 अगस्त को अपने बयान में इस बात की स्वीकारोक्ति की थी. अपने बयान में दिनेश अरोड़ा ने पैसे देने की विस्तृत जानकारी दी थी. इसके अलावा गवाह अल्फा (छद्म नाम) ने भी दिनेश अरोड़ा के बयान की पुष्टि की थी. ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.