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झारखंड में इंटरनेट सेवा तत्काल करें बहाल, सरकार को हाई कोर्ट का आदेश, फैसला से पहले लेनी होगी स्वीकृति - Internet shutdown in jharkhand

Internet service in Jharkhand. झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तत्काल इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश दिया है. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई.

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झारखंड हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 22, 2024, 3:06 PM IST

Updated : Sep 22, 2024, 3:12 PM IST

रांची: झारखंड कर्मचारी आयोग द्वारा 21 और 22 सितंबर को आयोजित सीजीएल परीक्षा के दौरान पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बाधित करने के राज्य सरकार के आदेश पर नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने सेवा को तत्काल बहाल करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि रविवार के दिन इस मसले पर आकस्मिक सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत ने राज्य सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई और स्पष्ट निर्देश दिया कि इस तरह का फैसला लेने से पहले हाई कोर्ट की स्वीकृति जरूरी होगी. हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा के नाम पर पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा को बाधित करना कहीं से भी उचित नहीं है.

हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के गृह सचिव को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था. हाई कोर्ट ने आदेश की उस कॉपी को भी मांगा है जिसमें सुबह 4 बजे से शाम 3:30 बजे तक इंटरनेट सेवा बाधित रखने का जिक्र है. मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी. हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद दोपहर 2:00 बजे के करीब इंटरनेट सेवा बहाल हो गई.

जानकारी देते हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार (Etv Bharat)

क्या था सरकार का फैसला

दरअसल, 20 सितंबर की शाम गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल के हस्ताक्षर से एक आदेश जारी हुआ था कि 21 और 22 सितंबर को सीजीएल परीक्षा को निष्पक्ष और कदाचार मुक्त करने के लिए सुबह 8:00 बजे से 1:30 बजे तक पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. आदेश में कहा गया था कि परीक्षा के दौरान अफवाह उड़ाने और प्रश्न पत्र लीक करने की संभावना बनी रहती है.

इसी आधार पर 21 सितंबर को सुबह 8:00 बजे से 1:30 तक इंटरनेट सेवा बंद भी थी. लेकिन राज्य सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने रजिस्टार जनरल के माध्यम से एक्टिंग चीफ जस्टिस को पत्र के जरिए सूचित किया था. उनके पत्र के आलोक में उसे जनहित याचिका में तब्दील कर सुनवाई के लिए बेंच गठित किया गया था. 21 सितंबर को खंडपीठ ने इंटरनेट सेवा बहाल करने से इनकार कर दिया था.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी जताई थी आपत्ति

खास बात है कि 21 सितंबर की शाम बल्क मैसेज के जरिए एक सूचना प्रेषित की गई थी कि 22 सितंबर को परीक्षा के मद्देनजर सुबह 4:00 बजे से शाम 3:30 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. इस बार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आपत्ति जताते हुए एक्स पर पोस्ट भी किया था.

जवाब में झामुमो की ओर से कहा गया था कि इस फैसले से भाजपा के लोगों की साजिश नाकाम हो गई है. इसलिए बाबूलाल मरांडी तिलमिलाए हुए हैं.

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हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के गृह सचिव को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था. हाई कोर्ट ने आदेश की उस कॉपी को भी मांगा है जिसमें सुबह 4 बजे से शाम 3:30 बजे तक इंटरनेट सेवा बाधित रखने का जिक्र है. मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी. हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद दोपहर 2:00 बजे के करीब इंटरनेट सेवा बहाल हो गई.

जानकारी देते हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार (Etv Bharat)

क्या था सरकार का फैसला

दरअसल, 20 सितंबर की शाम गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल के हस्ताक्षर से एक आदेश जारी हुआ था कि 21 और 22 सितंबर को सीजीएल परीक्षा को निष्पक्ष और कदाचार मुक्त करने के लिए सुबह 8:00 बजे से 1:30 बजे तक पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. आदेश में कहा गया था कि परीक्षा के दौरान अफवाह उड़ाने और प्रश्न पत्र लीक करने की संभावना बनी रहती है.

इसी आधार पर 21 सितंबर को सुबह 8:00 बजे से 1:30 तक इंटरनेट सेवा बंद भी थी. लेकिन राज्य सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने रजिस्टार जनरल के माध्यम से एक्टिंग चीफ जस्टिस को पत्र के जरिए सूचित किया था. उनके पत्र के आलोक में उसे जनहित याचिका में तब्दील कर सुनवाई के लिए बेंच गठित किया गया था. 21 सितंबर को खंडपीठ ने इंटरनेट सेवा बहाल करने से इनकार कर दिया था.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी जताई थी आपत्ति

खास बात है कि 21 सितंबर की शाम बल्क मैसेज के जरिए एक सूचना प्रेषित की गई थी कि 22 सितंबर को परीक्षा के मद्देनजर सुबह 4:00 बजे से शाम 3:30 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. इस बार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आपत्ति जताते हुए एक्स पर पोस्ट भी किया था.

जवाब में झामुमो की ओर से कहा गया था कि इस फैसले से भाजपा के लोगों की साजिश नाकाम हो गई है. इसलिए बाबूलाल मरांडी तिलमिलाए हुए हैं.

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Last Updated : Sep 22, 2024, 3:12 PM IST
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