कोटा. इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन अप्रैल अटेम्प्ट में 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल होंगे. इन कैंडिडेट्स को इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ के नियम की जानकारी होना आवश्यक है. यह इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ का नियम केवल जेईई एडवांस्ड में ही लागू होता है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि 4 अप्रैल से जेईई मेन प्रवेश परीक्षा शुरू हो रही है. इसमें किसी विषय विशेष के प्रश्नों का डिफिकल्टी लेवल ज्यादा है और विद्यार्थी यह महसूस करता है कि उसे बहुत कम अंक लाने होंगे. यहां तक कि उसके अंक शून्य या ऋणात्मक भी हो सकते हैं, तो क्या उसका सिलेक्शन प्रभावित होगा ?, लेकिन ऐसा नहीं होता है. किसी विषय विशेष में अंकों का कैंडिडेट के सिलेक्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यहां इंडिविजुअल सब्जेक्ट कट ऑफ की बाध्यता लागू नहीं होती.
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देव शर्मा ने बताया कि जेईई मेन में सिलेक्शन का क्राइटेरिया कैंडिडेट के आने वाले कुल अंक है. जनवरी अटेम्प्ट में भी एडवाइजरी और सब्जेक्ट स्पेसिफिक इंस्ट्रक्शन इन मौके पर जारी किए गए थे. इसके चलते कई विद्यार्थियों को परेशानी हुई थी. हालांकि, जनवरी सेशन की ही एडवाइजरी लागू किए जाने की संभावना है. ऐसे में विद्यार्थियों को इसकी जानकारी होना जरूरी है, ताकि अंतिम समय पर जारी की जाने वाली एडवाइजरी को समझने में आसानी रहे.
स्मार्ट पेपर अटेम्प्टिंग स्ट्रेटजी का करें उपयोग : देव शर्मा ने कैंडिडेट्स को सलाह दी है कि विषय विशेष के प्रश्न कठिन होने से घबराना नहीं है. कैंडिडेट्स को स्मार्ट पेपर अटेम्प्टिंग स्ट्रेटजी के तहत अपने कमजोर सब्जेक्ट को छोड़कर मजबूत सब्जेक्ट के प्रश्नों पर ध्यान देना होगा. इससे वह ज्यादा से ज्यादा नंबर ला सकें. कई विद्यार्थियों का कोई एक सब्जेक्ट कमजोर होता है और इंडिविजुअल-सब्जेक्ट कटऑफ के डर से विद्यार्थी उस कमजोर विषय के प्रश्नों को भी अटेम्प्ट करने लगते हैं. सब्जेक्ट कमजोर होने के कारण वे गलतियां भी करते हैं, जिसके कारण परीक्षा के दौरान समय बर्बाद चला जाता है और निगेटिव मार्किंग के चांस भी बढ़ते हैं.