जयपुर. आराध्य देव गोविंद देव जी में चल रही 'नानी बाई रो मायरो' की कथा का रविवार को समापन हुआ. इससे पहले आयोजक श्री श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति और मिनी काशी परिवार के 100 से ज्यादा सदस्यों ने संत महंतों के सानिध्य में करीब 56 करोड़ का मायरा भरा. इस दौरान कथा वाचक जया किशोरी ने कथा के प्रसंग में बताया कि किस तरह भगवान श्री कृष्ण ने सभी पटरानियों के साथ नरसी भगत की बेटी का मायरा भरा.
जया किशोरी ने सुनाया कथा का प्रसंग : अपने मधुर भजन और कथा से श्रद्धालुओं का मंत्र मुक्त कर देने वाली जया किशोरी की कथा नानी बाई रो मायरो का रविवार को आखिरी दिन रहा. गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में बारिश के दौरान भी जब जया किशोरी अपने मुखारविंद से भगवान श्री कृष्णा और भक्त नरसी की कथा सुना रहीं थीं तो भक्तों ने एक पल के लिए भी अपनी जगह नहीं छोड़ी और कथा में डूबे हुए नजर आए. इस दौरान जया किशोरी ने कथा के प्रसंग में बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने सभी पटरानियों के साथ नरसी भगत की बेटी का मायरा भरा. नानी बाई के ससुराल से आई भात के सामान की लिस्ट से कहीं अधिक ठाकुर जी ने 56 करोड़ का मायरा भरा. पूरे नगर में भात के सामान से भरी बैलगाड़ियों की लंबी कतार लग गई और अशर्फियों की बारिश हुई.
जय किशोरी ने बताया कि भक्तों के सम्मान की रक्षा के लिए भगवान 'दास' बनना भी पसंद करते हैं. भगवान ने ऐसा मायरा भरा कि सभी गांव वालों को और नानी के सगे संबधियों को मन चाहे वस्त्र और आभूषण पहनाए. न तो भूतकाल में कभी ऐसा भात भरा गया और न ही भविष्य काल में कभी भरा जाएगा. कार्यक्रम के आयोजक राम बाबू झालानी ने बताया कि संस्था के सदस्यों ने मायरा भर कर कार्य सम्पन्न किया. साथ ही सभी सदस्यों ने व्यास पीठ की आरती की. इस दौरान मेघ भी जमकर बरसे, लेकिन इससे भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ.