शिमला: लोकसभा चुनाव की रणभेरी और मंडी से कंगना रनौत को टिकट मिलने के बाद ये सीट देश भर में चर्चा का केंद्र बन गई है. बॉलीवुड क्वीन कंगना को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा में भी विरोध के सुर गूंजने लगे हैं. आम कार्यकर्ता इस बात से नाराज है कि पैराशूट से प्रत्याशी नहीं उतारा जाना चाहिए था. पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी संकेत किया है कि उन्हें वरिष्ठतम नेता का झुनझुना पकड़ा कर बात नहीं बन सकती. पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने महेश्वर सिंह की नाराजगी दूर करने के लिए उनसे मुलाकात की है.
कंगना की जीत के लिए जी-जान लगाएंगे जयराम: उधर, कांग्रेस नेता और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट डालकर सन्नी देओल के बहाने कंगना की उम्मीदवारी पर निशाना साधा है. सन्नी देओल गुरदासपुर से चुनाव जीत गए तो उन्होंने एक प्रतिनिधि नियुक्त कर उसे बैठकों आदि के लिए अधिकृत कर दिया. इसी प्रकार कहा जा रहा है कि कंगना जैसे हाई प्रोफाइल सोसायटी के जीवन के आदी लोग प्रचार के दौरान गलियों की खाक कैसे छानेंगे. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि अपने संसदीय क्षेत्र की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए क्या बॉलीवुड सेलिब्रिटी समय दे पाएंगे. ऐसे में कंगना की जीत के लिए जयराम ठाकुर को जी-जान लड़ानी पड़ेगी. वो इसलिए कि मंडी जयराम ठाकुर का गृह जिला है. वे पूर्व सीएम हैं और नेता प्रतिपक्ष का दायित्व भी संभाल रहे हैं. अंदरखाते उन्होंने कंगना के नाम की पैरवी भी की है. ऐसे में जयराम ठाकुर की जिम्मेदारी अधिक बन जाती है.
कंगना के अपमान पर भाजपा लाल: कंगना रणौत के खिलाफ सुप्रिया श्रीनेत की अभद्र टिप्पणी को भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाया है. बुधवार को मंडी के सेरी मंच पर जयराम ठाकुर की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन किया गया. जयराम ठाकुर ने कंगना पर की गई टिप्पणी को मांडव्य ऋषि की भूमि और देवभूमि हिमाचल की बेटी का अपमान बताया है. भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगी. वहीं, कंगना रनौत को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कई बातें की जा रही हैं. कंगना से जुड़े पुराने मुद्दे उखाड़े जा रहे हैं कि उन्होंने पर्यटन के लिए हिमाचल का ब्रांड एंबेसडर बनने के लिए भारी रकम की मांग की थी. बरसात में आई आपदा के दौरान भी उनके व्यवहार और प्रतिक्रिया को सोशल मीडिया पोस्टों के माध्यम से दर्ज किया जा रहा है. वहीं, कंगना खुद को हिमाचल की बेटी बताकर समर्थन मांग रही है.
मंडी की दस सीटों पर जयराम ठाकुर का प्रभाव: जयराम ठाकुर जब सीएम बने तो मंडी से इस कुर्सी पर पहुंचने वाले वो पहले नेता थे. मंडी ने अपने नेता को हाथों-हाथ लिया. वहीं, 2017 में सत्ता में आने के बाद 2019 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो मोदी मैजिक के कारण भाजपा सभी 68 विधानसभा हल्कों में कांग्रेस को पछाड़कर बढ़त बनाने में कामयाब रही. विधानसभा चुनाव में टिकटों के आवंटन और सत्ता विरोधी रुझान के बावजूद जयराम ठाकुर अपने गृह जिला की दस में से नौ सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में कामयाब रहे. अब कंगना को पार्टी हाईकमान ने मंडी सीट से मैदान में उतारा है. ऐसे में जयराम ठाकुर की दोहरी भूमिका रहेगी. गृह जिला होने के कारण यहां की दस विधानसभा सीटों पर विजयी बढ़त दिलाने के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष होने के नाते अन्य इलाकों में भी बढ़त का दबाव जयराम ठाकुर पर होगा.
कांग्रेस को यहां वीरभद्र सिंह के नाम का सहारा: कांग्रेस हाईकमान ये चाहती है कि मंडी सीट से प्रतिभा सिंह मैदान में उतरे. इसके पीछे वीरभद्र सिंह के नाम का फैक्टर है. इस सीट पर अभी भी वीरभद्र सिंह की छवि काम करती है. परंपरागत वोट बैंक वीरभद्र सिंह के नाम का ही है. इसलिए कांग्रेस हाईकमान प्रतिभा सिंह के नाम पर मुहर लगाना चाहती है. बेशक प्रतिभा सिंह अभी चुनाव लड़ने से प्रत्यक्ष रूप से इनकार कर रही हैं, लेकिन हाईकमान के जोर डालने पर उन्हें राजी होना पड़ेगा. इस तरह कंगना को प्रतिभा सिंह के समक्ष कड़े मुकाबले से जूझना पड़ेगा.
मंडी सीट पर कांग्रेस बीजेपी में होगी कांटे की टक्कर: वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि मंडी सीट इस समय देश में सबसे अधिक चर्चा वाली सीटों में से एक हो गई है. एक तो सिने स्टार कंगना रनौत का मैदान में उतरना और दूसरे कांग्रेस की तरफ से अभद्र टिप्पणी किया जाना. साथ ही हिमाचल के साथ नरेंद्र मोदी का गहरा लगाव है. वे कंगना के पक्ष में प्रचार करने के लिए आएंगे. कंगना के पक्ष में कई बातें हैं तो उनके खिलाफ भी कुछ बिंदु हैं. भाजपा को इन सभी पर काम करना होगा. सबसे पहले तो टिकट के दावेदार नेताओं को मनाना होगा. इस कड़ी में महेश्वर सिंह से शुरुआत हो चुकी है. जयराम ठाकुर पर इस समय मंडी सीट को लेकर बड़ी जिम्मेदारी हैं. जयराम ठाकुर केंद्र की राजनीति से इतर हिमाचल में ही सक्रिय रहना चाहते हैं. अब कंगना को टिकट मिलने से उनकी कई मुश्किलें हल हो गई हैं. ऐसे में वे अब कंगना की जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत करेंगे.
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