जबलपुर (विश्वजीत सिंह): यहां के एक किसान ने अपने खेत में ऐसी हल्दी उगाई है कि इसके स्वाद और सुगंध के दीवाने रशियन भी हो गए हैं. उन्होंने अपनी लैब में टेस्ट करने के बाद जबलपुर के किसान अंबिका प्रसाद पटेल को हल्दी की खेप रूस भेजने का ऑर्डर दिया है. बता दें कि अंबिका प्रसाद पटेल बीते कई सालों से ऑर्गेनिक हल्दी का उत्पादन कर रहे हैं. इन्होंने हल्दी की पूरी प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है और यह सामान्य किसान से अधिक पैसा कमा रहे हैं.
खेती को फायदे का धंधा बनाने की थी जिद
जबलपुर से लगभग 22 किलोमीटर दूर आमखोह के पास अंबिका प्रसाद पटेल का फार्म है. अंबिका प्रसाद पटेल अपने खेतों में परंपरागत फसलें उगाना नहीं चाहते थे, उनकी इच्छा थी कि खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए कुछ नया किया जाए. अंबिका प्रसाद पटेल ने काफी खोजबीन की और उन्होंने तय किया कि वह मसाला खेती करेंगे और उसमें भी वह हल्दी की खेती करेंगे.
उड़ीसा से लाए थे हल्दी की गांठे
किसान अंबिका प्रसाद ने हल्दी की खेती करने का निर्णय लिया. उनका यह फैसला क्रांतिकारी था क्योंकि जबलपुर के आसपास हल्दी की खेती नहीं होती. किसान अंबिका प्रसाद को हल्दी की खेती का कोई तजुर्बा नहीं था फिर भी उन्होंने उड़ीसा के कालीकट से सेलम वैरायटी की हल्दी की गांठे लाकर अपने फार्म पर लगाई. शुरुआत के सालों में उन्हें फायदा नहीं मिला लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने हल्दी की फसल से जुड़ी सभी छोटी बड़ी जानकारियां अनुभव में बदलकर हल्दी की फसल को सफल बनाया.
ऑर्गेनिक तरीके से उगा रहे हैं हल्दी
किसान अंबिका पटेल ने बताया कि "वे शुरुआत से ही हल्दी की फसल को ऑर्गेनिक तरीके से उगा रहे हैं. उन्होंने अपने खेतों में कभी भी रासायनिक खाद नहीं डाला, हालांकि शुरुआत में उनकी उपज बहुत ही कम हुई लेकिन धीरे-धीरे समझ गए हैं कि इसकी उपज को कैसे बढ़ाया जाता है. अब उन्हें 1 एकड़ खेत से 5 से 6 क्विंटल सूखी हल्दी मिल जाती है."
मास्को की लैब में सैंपल पास, मिला बड़ा ऑर्डर
हल्दी के मामले में यह उत्पादन बहुत कम है लेकिन किसान अंबिका प्रसाद का कहना है कि "ऑर्गेनिक हल्दी को 400 से 500 रुपये प्रति किलो बेचते हैं. उनका उत्पादन इतना शुद्ध है कि इसके कुछ सैंपल रूस के मास्को से आए हुए लोग भी लेकर गए थे और उन्होंने जब इस हल्दी का लगातार 3 साल तक टेस्ट किया तो उन्हें इसमें कोई भी पेस्टिसाइड और रसायन नहीं मिला. इसलिए अब उन्होंने इस हल्दी को रूस में बेचने की तैयारी की है और जल्द ही वे इसे भारत से रूस भेजेंगे. अंबिका का कहना है कि एक अनुमान के तहत उन्हें लगभग 1200 रुपये प्रति किलो के दाम मिलेंगे. उन्हें फिलहाल 15 क्विंटल हल्दी रूस भेजने का ऑर्डर मिला है. मास्को में जनवरी फरवरी में एक प्रदर्शनी में इसे रखा जाएगा."
हल्दी की लगाई प्रोसेसिंग यूनिट
अंबिका प्रसाद का कहना है कि "उन्होंने हल्दी की प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर रखी है. इसके लिए बैंक से लोन भी लिया है और वे प्रोसेसिंग भी कर रहे हैं. खादी ग्राम उद्योग भी उनके इस प्रोडक्ट को खरीद रहा है और अपने स्टॉल पर बेच रहा है लेकिन अभी भी मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बेचने में उत्पादकों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है क्योंकि इसकी कोई मंडी नहीं है. ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया भी काफी महंगी है. सरकार को इसे भी सस्ता करना चाहिए ताकि आम किसान इसके प्रति आकर्षित हो सकें."
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नौकरी से ज्यादा पैसा दे सकती है खेती
अंबिका प्रसाद पटेल का कहना है कि "ऐसा नहीं है की खेती घाटे का धंधा है, इसमें भी अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके लिए कुछ प्रयास किसान को करना होगा और कुछ सरकार की मदद मिल जाए तो खेती नौकरी से ज्यादा पैसा दे सकती है. उनके इंजीनियरिंग किए हुए बच्चे भी उन्हें देखकर खेती करने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं और वह अपने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट को ही अपना करियर बनाने के लिए अब तैयार हैं."