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जबलपुर में नो फ्लाइंग डे पर आंदोलन, तपती दुपहरी में निकले लोग, सरकार से की ये मांग - JABALPUR NO FLYING DAY

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 6, 2024, 9:52 PM IST

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में आज नो फ्लाइंग डे के मौके पर लोगों ने यात्राएं नहीं की. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकले और तपती दुपहरी में प्रदर्शन किया. लोगों ने जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी सुधारने की मांग की है.

JABALPUR NO FLYING DAY
जबलपुर में नो फ्लाइंग डे पर आंदोलन (ETV Bharat)

जबलपुर। नो फ्लाइंग डे के मौके पर गुरुवार को एमपी के जबलपुर से लोगों ने हवाई यात्राएं नहीं की. बड़े पैमाने पर लोगों ने जबलपुर के टैगोर गार्डन से एयरपोर्ट तक की एक रैली भी निकाली और एक सभा के माध्यम से अपना विरोध भी जताया. विरोध जताने वाले इन लोगों का कहना है कि 'जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी सुधारी जानी चाहिए और जबलपुर को मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और जयपुर जैसी शहरों के लिए सीधी विमान सेवाएं चाहिए. यदि सरकार यहां से विमान सेवाएं चालू नहीं करती, तो वह इसी तरह के आंदोलन करते रहेंगे.

जबलपुर में नो फ्लाइंग डे पर आंदोलन (ETV Bharat)

नो फ्लाइंग डे पर जबलपुर में आंदोलन

मध्य प्रदेश ब्राह्मण सभा की सदस्य सुमित्रा मिश्रा का कहना है कि 'वे जबलपुर के 45 डिग्री तापमान में भी आज नो फ्लाइंग डे के मौके पर एयरपोर्ट में आंदोलन करने के लिए शौक से नहीं आई हैं, बल्कि जबलपुर से मुंबई की फ्लाइट उनकी जरूरत है. उन्होंने बताया कि उनके बच्चे मुंबई में पढ़ते हैं और यदि बच्चों को एक-दो दिन की छुट्टियां मिलती हैं तो ना वे आ पाते हैं ना परिवार उनसे मिलने के लिए मुंबई जा पता है, क्योंकि मुंबई आने-जाने में ट्रेन से पूरा दिन लग जाता है. इसी तरीके से उनके एक मित्र के घर में मेडिकल इमरजेंसी आ गई थी. डॉक्टर ने कहा कि इन्हें तुरंत मुंबई के एक बड़े अस्पताल में भर्ती करना होगा, लेकिन मुंबई के लिए फ्लाइट नहीं होने की वजह से यह उनकी जिंदगी और मौत का सवाल बन गया था. इसलिए जबलपुर से मुंबई की फ्लाइट जबलपुर के लोगों की अहम जरूरत है.

JABALPUR NO FLYING DAY
नो फ्लाइंग डे पर लोगों का आंदोलन (ETV Bharat)

कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया का आरोप

जबलपुर की निवासी बिंदु पांडे कहती हैं कि 'वे सीनियर सिटीजन हैं और उनके बच्चे बाहर रहते हैं. ट्रेन की यात्रा करना उनके लिए कठिन है. इसलिए जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी को ठीक किया जाना चाहिए, ताकि वे आसानी से अपने परिवार के लोगों से मिल-जुल सकें. इस आंदोलन में कांग्रेस के नेता व विधायक लखन घनघोरिया ने भी हिस्सा लिया. लखन घनघोरिया का कहना है कि 'जब जबलपुर में ढंग का एयरपोर्ट नहीं था, तब भी जबलपुर में 16 फ्लाइट्स आती जाती थी. कुछ दिनों के लिए जब मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी थी. तब एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए जमीन का आवंटन हुआ था. अब एयरपोर्ट 430 करोड़ रुपए की लागत से बनकर भी तैयार हो गया है, लेकिन इसमें फ्लाइट की संख्या घटा दी गई है. उन्होंने तो आरोप भी लगाया है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि यह सजा सजाए एयरपोर्ट किसी बड़ी कंपनी को सौंप दिया जाए.'

यहां पढ़ें...

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विवेक तन्खा ने सिंधिया से मांगा न्याय, बोले-ग्वालियर में फ्लाइट्स की वर्षा जबलपुर में अकाल

नो फ्लाइंड डे पर लोगों ने नहीं की यात्राएं

जबलपुर में नो फ्लाइंग डे के मौके पर लोगों ने यात्राएं नहीं की, हालांकि इस आंदोलन में बीजेपी की ओर से कोई शामिल नहीं हुआ, लेकिन सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संस्थाओं के कई लोग आए, क्योंकि जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी कमजोर होने की वजह से जबलपुर के विकास में फर्क पड़ रहा है और इस बात का एहसास सभी को है.

जबलपुर। नो फ्लाइंग डे के मौके पर गुरुवार को एमपी के जबलपुर से लोगों ने हवाई यात्राएं नहीं की. बड़े पैमाने पर लोगों ने जबलपुर के टैगोर गार्डन से एयरपोर्ट तक की एक रैली भी निकाली और एक सभा के माध्यम से अपना विरोध भी जताया. विरोध जताने वाले इन लोगों का कहना है कि 'जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी सुधारी जानी चाहिए और जबलपुर को मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और जयपुर जैसी शहरों के लिए सीधी विमान सेवाएं चाहिए. यदि सरकार यहां से विमान सेवाएं चालू नहीं करती, तो वह इसी तरह के आंदोलन करते रहेंगे.

जबलपुर में नो फ्लाइंग डे पर आंदोलन (ETV Bharat)

नो फ्लाइंग डे पर जबलपुर में आंदोलन

मध्य प्रदेश ब्राह्मण सभा की सदस्य सुमित्रा मिश्रा का कहना है कि 'वे जबलपुर के 45 डिग्री तापमान में भी आज नो फ्लाइंग डे के मौके पर एयरपोर्ट में आंदोलन करने के लिए शौक से नहीं आई हैं, बल्कि जबलपुर से मुंबई की फ्लाइट उनकी जरूरत है. उन्होंने बताया कि उनके बच्चे मुंबई में पढ़ते हैं और यदि बच्चों को एक-दो दिन की छुट्टियां मिलती हैं तो ना वे आ पाते हैं ना परिवार उनसे मिलने के लिए मुंबई जा पता है, क्योंकि मुंबई आने-जाने में ट्रेन से पूरा दिन लग जाता है. इसी तरीके से उनके एक मित्र के घर में मेडिकल इमरजेंसी आ गई थी. डॉक्टर ने कहा कि इन्हें तुरंत मुंबई के एक बड़े अस्पताल में भर्ती करना होगा, लेकिन मुंबई के लिए फ्लाइट नहीं होने की वजह से यह उनकी जिंदगी और मौत का सवाल बन गया था. इसलिए जबलपुर से मुंबई की फ्लाइट जबलपुर के लोगों की अहम जरूरत है.

JABALPUR NO FLYING DAY
नो फ्लाइंग डे पर लोगों का आंदोलन (ETV Bharat)

कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया का आरोप

जबलपुर की निवासी बिंदु पांडे कहती हैं कि 'वे सीनियर सिटीजन हैं और उनके बच्चे बाहर रहते हैं. ट्रेन की यात्रा करना उनके लिए कठिन है. इसलिए जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी को ठीक किया जाना चाहिए, ताकि वे आसानी से अपने परिवार के लोगों से मिल-जुल सकें. इस आंदोलन में कांग्रेस के नेता व विधायक लखन घनघोरिया ने भी हिस्सा लिया. लखन घनघोरिया का कहना है कि 'जब जबलपुर में ढंग का एयरपोर्ट नहीं था, तब भी जबलपुर में 16 फ्लाइट्स आती जाती थी. कुछ दिनों के लिए जब मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी थी. तब एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए जमीन का आवंटन हुआ था. अब एयरपोर्ट 430 करोड़ रुपए की लागत से बनकर भी तैयार हो गया है, लेकिन इसमें फ्लाइट की संख्या घटा दी गई है. उन्होंने तो आरोप भी लगाया है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि यह सजा सजाए एयरपोर्ट किसी बड़ी कंपनी को सौंप दिया जाए.'

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नो फ्लाइंड डे पर लोगों ने नहीं की यात्राएं

जबलपुर में नो फ्लाइंग डे के मौके पर लोगों ने यात्राएं नहीं की, हालांकि इस आंदोलन में बीजेपी की ओर से कोई शामिल नहीं हुआ, लेकिन सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संस्थाओं के कई लोग आए, क्योंकि जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी कमजोर होने की वजह से जबलपुर के विकास में फर्क पड़ रहा है और इस बात का एहसास सभी को है.

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