त्रिशूर: आयकर विभाग ने सीपीएम त्रिशूर जिला समिति के बैंक ऑफ इंडिया खाते को फ्रीज कर दिया है. यह कार्रवाई आयकर रिटर्न दाखिल न करने के आधार पर की गई. सीपीएम के जिला सचिव एमएम वर्गीस से कल आयकर विभाग ने पूछताछ की. इसके बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने बैंक ऑफ इंडिया की त्रिशूर शाखा में जांच पड़ताल की.
इसके बाद अकाउंट फ्रीज कर दिया गया. संकेत है कि 1998 में शुरू हुए इस खाते में पांच करोड़ रुपये से ज्यादा हैं. वहीं, यह भी पता चला है कि इसी खाते से 2 अप्रैल को एक करोड़ रुपये निकाले गए थे. आयकर विभाग ने भी इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं त्रिशूर जिला सचिव एमएम वर्गीस ने जवाब दिया कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और सब कुछ पारदर्शी है.
उन्होंने कहा कि चुनावी गतिविधियों के लिए धन की निकासी स्वाभाविक है. उन्होंने भाजपा पर चुनाव में वाम मोर्चे की बढ़त को रोकने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया. पिछले महीने ईडी ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट दी थी कि सीपीएम के पास गुप्त खाते हैं. इस कदम के बाद ईडी ने सीपीएम जिला सचिव को पूछताछ के लिए बुलाया.
एमएम वर्गीस ने चुनाव प्रचार की जिम्मेदारियों की ओर इशारा करते हुए विस्तार की मांग की लेकिन ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया. एक और नोटिस जारी होने के बाद वह शुक्रवार को पूछताछ के लिए उपस्थित हुए. बारह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद आखिरकार उन्हें सोमवार को फिर से पेश होने के निर्देश के साथ रिहा कर दिया गया.
पूर्व सांसद और सीपीएम राज्य सचिवालय सदस्य पीके बीजू से गुरुवार को भी पूछताछ की गई. सोमवार को भी उनसे दोबारा पूछताछ की जाएगी. चुनाव नजदीक आते-आते ईडी और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियां सीपीआईएम से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और बैंक धोखाधड़ी के मामलों पर अपनी कार्रवाई तेज कर रही है. सीपीआईएम ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां बीजेपी के हित में राजनीति से प्रेरित होकर काम कर रही हैं.