कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा, टीएमसी छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने शुक्रवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय की अंतरिम कुलपति शांति दत्ता का 9 घंटे तक घेराव किया. छात्र संगठन ने अंतरिम कुलपति दत्ता पर कार्यकाल खत्म होने के बाद भी विश्वविद्यालय की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, सिंडिकेट की बैठक की अध्यक्षता करने का आरोप लगाया. टीएमसी के प्रवक्ता अभिरूप चक्रवर्ती ने पुष्टि की कि शुक्रवार, 2 अगस्त को दोपहर 3 बजे शुरू हुआ घेराव आधी रात के आसपास खत्म हुआ.
बता दें कि, शुक्रवार आधी रात को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा टीएमसी छात्र परिषद (टीएमसीपी) द्वारा नौ घंटे से अधिक समय तक घेराव किए जाने के बाद अंतरिम कुलपति शांति दत्ता विश्वविद्यालय के पिछले गेट से बाहर निकल गईं. टीएमसी के प्रवक्ता अभिरूप चक्रवर्ती ने बताया कि, सेमेस्टर की परीक्षाएं एक दिन बाद शुरू होंगी और दत्ता की उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए, छात्र संगठन की तरफ से अनिश्चित काल तक घेराव नहीं किया गया. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, छात्र कभी भी दत्ता के नेतृत्व में सिडिंकेट की बैठक आयोजित करने की अनुमति नहीं देंगे. छात्रों ने ऐसी बैठक को अवैध करार दिया है.
इस कार्रवाई के पीछे के कारण के बारे में बात करते हुए चक्रवर्ती ने दत्ता पर छह महीने का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का आरोप लगाया. सूत्रों के अनुसार, बैठक शुरू होते ही छात्र परिषद के सदस्यों ने कुलपति के कमरे को अचानक बंद कर दिया और दरभंगा भवन को भी बंद कर दिया.
चक्रवर्ती ने कहा, 'उनका कार्यकाल छह महीने का था और वे अनधिकृत तरीके से पद पर बनी हुई थीं और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही थीं.' उन्होंने एक सर्च कमेटी का जिक्र किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सीयू और तीस अन्य राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के लिए स्थायी कुलपतियों का चयन करने के लिए गठित किया है. सिंडिकेट बैठक के बारे में टीएमसीपी द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रेस को कोई बयान देने से इनकार कर दिया.
छात्र परिषद के सदस्यों ने 11 महीने बीत जाने के बावजूद पीएचडी के नतीजे जारी न होने की भी शिकायत की. सदस्यों ने कहा कि पडुआ तृणमूल छात्र परिषद के सदस्य जो अपने पीएचडी नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें अभी तक नतीजे नहीं मिले हैं और यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है. दो दिन पहले, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के कुलपति निर्मल्य नारायण चक्रवर्ती को प्रवेश शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि को वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों द्वारा 12 घंटे से अधिक समय तक घेराव किया गया था.
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