मलप्पुरम (केरल): विधायक पीवी अनवर ने पुलिस अधिकारियों पर खुफिया रिपोर्टों को गलत तरीके से संभालने और एडीजीपी अजित कुमार जैसे उच्च प्रोफ़ाइल वाले लोगों से जुड़े मुद्दों को छिपाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.मीडिया से बात करते हुए अनवर ने दावा किया कि अजीत कुमार से संबंधित खुफिया रिपोर्ट को मुख्यमंत्री तक पहुंचने से रोका गया. अनवर के अनुसार, मुख्यमंत्री को खुफिया रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं थी क्योंकि कुछ अधिकारियों ने इसे रोक रखा था. इससे पुलिस विभाग में पारदर्शिता की कमी का पता चलता है और आंतरिक संचार और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं.
अनवर ने एक अन्य मुद्दे को भी उजागर किया है, जहां पुलिस ने कथित तौर पर संदीपानंद स्वामी के आश्रम को जलाने में शामिल संदिग्धों को बचाने की कोशिश की थी. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद ही मामले को संभालने के लिए एक नई टीम नियुक्त की गई. अनवर का कहना है कि यह घटना इस बात का उदाहरण है कि पुलिस के भीतर आरएसएस से जुड़े लोग किस तरह सरकार के लिए संकट पैदा कर रहे हैं.
इससे पहले विधायक पी.वी. अनवर ने पहले आरोप लगाया था कि कानून एवं व्यवस्था के एडीजीपी एम.आर. अजित कुमार हाल ही में त्रिशूर पूरम उत्सव को प्रभावित करने में शामिल थे. अनवर का दावा है कि इस महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम में व्यवधान की साजिश हाल के लोकसभा चुनावों के दौरान त्रिशूर में भाजपा उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए रची गई थी. अनवर के आरोपों में यह भी कहा गया है कि एडीजीपी अजीत कुमार ने पार्टी महासचिव दत्तात्रेय होसबोले और प्रवक्ता राम माधव सहित प्रमुख आरएसएस नेताओं के साथ कई बैठकें कीं. अनवर के अनुसार, ये बैठकें भाजपा के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाकर चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की व्यापक योजना का हिस्सा थीं.
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