इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के युगपुरुष धाम में अनाथ बच्चों की मौत से जुड़े मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. आश्रम समेत अस्पताल में मरने वाले जिन 6 बच्चों को जिस पंचकुइया स्थित श्मशान में दफनाया गया है. वहां पहले से ही आश्रम के कुछ और बच्चों के शव चोरी छुपे दफनाए गए हैं. यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि श्मशान में बच्चों को दफनाने के लिए कब्र खोदने वाले कर्मचारी किया है.
युगपुरुष धाम से जुड़े मामले में बड़ा खुलासा
इस सनसनीखेज मामले की पड़ताल के लिए जब ईटीवी भारत की टीम पंचकुइया मुक्तिधाम परिसर में मौजूद बच्चों के श्मशान स्थल पर पहुंची, तो वहां युगपुरुष धाम के बच्चों की एक दो नहीं बल्कि 6 कब्र मौजूद थी. जिनमें 6 बच्चों के शव दफनाए गए हैं. यहां श्मशान में दफनाने के लिए लाई जाने वाली डेड बॉडी के लिए कब्र खोदने वाले बलदेव बग्गन ने ईटीवी भारत से चर्चा में बताया कि 'बच्चों के श्मशान में कब्र खोदने का काम वही करता है. जिसने हाल ही में युगपुरुष धाम आश्रम से लाए गए 6 मृत बच्चों को दफनाने के लिए कब्र खोदी है. ईटीवी भारत ने खोदी गई सभी कब्रों का पास जाकर देखा.
चोरी-छिपे पहले भी दफनाए गए और बच्चे
इस दौरान बलदेव ने खुलासा करते हुए कहा कि 'हाल ही में मृत हुए छह बच्चों के अलावा कुछ दिन पहले से यहां आश्रम से इक्का-दुक्का मृत बच्चों के शव दफनाने के लिए लाये गए हैं. उन बच्चों के शव को भी ऑटो से आश्रम की एक मैडम और दो कर्मचारी लाए थे. उन्हें भी यही दफनाया गया है.' इतना ही नहीं जब श्मशान परिसर में बच्चों को दफनाने से पूर्व जिस रजिस्टर में एंट्री की जाती है. इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि श्मशान स्थित नगर निगम के कार्यालय से बच्चों के अंतिम संस्कार के रिकॉर्ड को दर्ज करने वाला रजिस्टर और रिकॉर्ड ही गायब है.
श्मशान से गायब एंट्री और रिकार्ड रजिस्टर
यहां मुक्ति धाम के कार्यालय में अंतिम संस्कार का रिकॉर्ड और जानकारी दर्ज करने वाले कर्मचारी गुलाब सिंह का कहना था कि 'युगपुरुष धाम में बच्चों की मौत से जुड़े मामले की जांच के लिए एसडीएम मल्हारगंज द्वारा रजिस्टर जब्त कर लिया गया है.' हालांकि जब ईटीवी भारत ने संबंधित एसडीएम निधि वर्मा से चर्चा की तो उनका कहना था कि 'उनके द्वारा रजिस्टर नहीं लिया गया है.' वहीं मौके पर जिस दिन से मौत का मामला सामने आया है, उसी दिन से एक नया रजिस्टर तैयार कर रखा गया है. जिसमें 3 जुलाई से ही एंट्री दर्ज है. इसके पूर्व का रिकॉर्ड अज्ञात बताया गया है. इधर इस मामले के संज्ञान में आने के बाद इंदौर जिला प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति के प्रमुख एडीएम गौरव बेनल का कहना है कि 'अन्य बच्चों को दफनाने संबंधी भी पड़ताल अब की जाएगी. वहीं रजिस्टर कहां है इसका भी पता किया जाएगा. उन्होंने कहा बच्चों से जुड़ा रिकॉर्ड जहां भी होगा, उसे भी बुलवाया जाएगा.'
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शव दफनाने के पहले पोस्टमार्टम जरूरी
दरअसल, युगपुरुष धाम आश्रम में बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद हुई मौत पर शुरू से ही आश्रम द्वारा पर्दा डाला जा रहा था. आज खुद जांच समिति के प्रतिवेदन पर इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने पांच नहीं बल्कि छह बच्चों की मौत की पुष्टि की. इनमें से जिस बच्चे की मौत सबसे पहले हुई, उसे आश्रम प्रबंधन द्वारा पंचनामे अथवा पोस्टमार्टम के बिना ही दफना दिया गया. यही स्थिति उन बच्चों को लेकर बताई जा रही है, जिन्हें चोरी छुपे दफनाने के लिए कब्र बलदेव द्वारा खुदवाई गई. हालांकि अब यह मामला उजागर हो रहा है, तो संस्था की प्राचार्य अनीता शर्मा का कहना है कि 'वर्तमान में मारे गए पांच बच्चों के अलावा अन्य दो बच्चे अंकित और शुभम के शव उनके परिजनों द्वारा दफनाए गए हैं. जिनका पोस्टमार्टम उनके द्वारा कराया गया होगा.' इधर इस मामले के खुलासे के बाद अब मारे गए बच्चों की संख्या 6 नहीं बल्कि 7 बच्चों हो चुकी है. जबकि अब तक की जांच में कुल 6 बच्चों का ही मृत होना बताया जा रहा है.