इंदौर: दुनिया भर में पोहे के लिए पहचाने जाने वाले इंदौर शहर में अब मिलेट्स के हेल्दी पोहे ने दस्तक दी है. यह हेल्दी पोहा छत्तीसगढ़ की शेफ कविता ओझा ने मिलेट्स से तैयार किया है. जिसे उन्होंने इंदौर में आयोजित मिलेट्स के मेले में लॉन्च किया है. दरअसल, इंदौर में शुक्रवार यानी 13 दिसंबर से 3 दिवसीय मिलेट्स उत्सव की शुरुआत हुई. इसमें कृषि विशेषज्ञों ने स्टॉल लगाकर मिलेट्स भोजन के बारे में जानकारी दी.
मेले में लगा मिलेट्स पोहे का स्टॉल
ढक्कनवाला कुआं में आयोजित मिलेट्स मेले में छत्तीसगढ़ की सेफ कविता ओझा ने भी पोहे का स्टॉल लगाया था. यह साधारण पोहा नहीं, बल्कि मिलेट्स से तैयार खास पोहा था. उन्होंने कहा कि "जैविक मेले में लोग मिलेट्स से जुड़े अनाजों के स्टॉल लगाते हैं और इनके बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है. मिलेट्स अनाज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इसलिए मैंने भी मेले में मिलेट्स पोहे का स्टॉल लगाया और लोगों को मिलेट्स पोहा परोस रही हूं."
सेहत के लिए फायदेमंद
कविता ओझा ने बताया कि "मिलेट्स के रूप में पहचानी जाने वाली कुटकी का प्रयोग करते हुए इस पोहे को तैयार किया गया है. कुटकी से तैयार पोहे को बनाने की विधि सामान्य पोहे को बनाने जैसी है. सामन्य पोहा ठंडा होने के बाद सेहत के लिए हानिकारक होता है, लेकिन मिलेट्स पोहा में ऐसा नहीं होता है. यह स्वास्थ्य और सेहत के लिए फायदेमंद होता है. आजकल डॉक्टर्स भी खाने में मिलेट्स अनाज खाने की सलाह देते हैं. मिलेट्स या मोटे अनाज में कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम फास्फोरस और विटामिन जैसे आदि तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं."
अधिकारियों ने की सरहाना
मेले में आए लोगों को कविता ओझा ने मिलेटस पोहे को खिलाया और लोगों से इसको लेकर फीडबैक भी लिया. पोहा खाने के बाद लोगों का कहना था कि इस पोहे का स्वाद आम पोहे से अलग है. यह जायका और स्वाद बेजोड़ है. इतना ही नहीं उन्होंने जब लोगों को पोहा खिलाया, तो हर किसी ने इस पोहे की तारीफ की. कविता ने कहा कि "वे पोहे के अलावा मिलेट्स से बने अन्य व्यंजन भी परोस रही हैं. उनके इस प्रयास की मेले में आए कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी ने भी सराहना की.
ऐसी है पोहे को लेकर दीवानगी
इंदौरी पोहे शब्द का ईजाद इंदौर शहर में पोहे की शुरुआत होने से हुआ है. इंदौरी पोहा पर्यटकों को लंबे समय से अपनी ओर आकर्षित करता रहा है, आज के समय में पोहा इंदौर की पहचान बन गया है. बता दें कि इंदौर में पोहे की शुरुआत एक चटपटे चावल के नाश्ता के रूप में हुई थी. इंदौर के अलावा देश भर में लोग पोहे को जलेबी, सेव उसल और प्याज सौंफ के मिश्रण के साथ नाश्ते के रूप में खाते हैं.
रोजाना 80 टन पोहे की है खपत
पोहे को सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में खाते हैं. हालांकि देश भर में इसे पसंद किया जाता है. लोग इसे हेल्दी नाश्ता मानते है. पोहे की लोकप्रियता को देखते हुए हर साल 7 जून को विश्व पोहा दिवस भी मनाया जाता है. इंदौर में पोहे की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां के लोग रोज करीब 80 टन पोहा खा जाते हैं. यहां पोहे के अलग-अलग 7 रूप हैं. वहीं पोहे को लेकर चर्चित चौपाटी और दुकान भी है.
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बड़ी-बड़ी हस्तियों ने लिया पोहे के स्वाद
आपको बता दें कि 1950 में कांग्रेस के अधिवेशन में इंदौर आए पंडित जवाहरलाल नेहरू को पोहा ही परोसा गया था. इसके अलावा कौन बनेगा करोड़पति में भी पोहे पर सवाल आ चुके हैं. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से लेकर राहुल गांधी तक इंदौर के पोहे का स्वाद ले चुके हैं, जबकि सुनील गावस्कर से लेकर विराट कोहली और देश के तमाम लोग इंदौर के 56 दुकान पर पोहा जलेबी खाने पहुंचते हैं. हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इंदौर के छप्पन दुकान पर पहुंचकर पोहे खाने का जिक्र किया था.