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जैसलमेर फील्ड फायरिंग रेंज में देश की सैन्य ताकत का दिखा जलवा, स्वदेशी एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण - Anti tank missile test - ANTI TANK MISSILE TEST

राजस्थान के जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में राष्ट्रीय अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी एंटी टैंक मिसाइल का कामयाब परीक्षण किया. यह मिसाइल पल भर में ही टारगेट को नेस्तनाबूद कर देती है.

एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण
एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 13, 2024, 4:19 PM IST

जयपुर : जैसलमेर फील्ड फायरिंग रेंज में मंगलवार को डीआरडीओ ने स्वदेश में विकसित मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपी-एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि यह परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर की एक फील्ड फायरिंग रेंज में हुआ है. यह एक ऐसा हथियार है, जिसका डर दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को चलाने वाले को होगा. इसे भविष्य में भारतीय टैंकों में भी लगाया जा सकता है.

दुश्मन का टैंक मिल जाएगा खाक में : DDRO के मुताबिक भारत में विकसित यह एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल टैंक को निशाना बनाने में सक्षम है. इसे सरलता के साथ एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है, जहां वह दुश्मन के टैंक पर निशाना साध सकती है. इसका इस्तेमाल दिन और रात दोनों वक्त में किया जा सकता है. जैसलमेर में मंगलवार को इसके टेंडेम वारहेड सिस्टम का ट्रायल पूरा हो चुका है, जिसमें इस मिसाइल को अत्यधिक प्रोटेक्शन वाले टैंक को खत्म में सक्षम पाया गया. इससे पहले भी मिसाइल के फायर कंट्रोल सिस्टम का विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण किया गया. मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम में मिसाइल, लॉन्चर, टारगेट एक्विजिशन सिस्टम और एक फायर कंट्रोल यूनिट शामिल है.

इसे भी पढ़ें- स्वदेशी 'जोरावर' टैंक का अनावरण, पहाड़ी क्षेत्र में चढ़ाई करने में सक्षम, लद्दाख में किया जाएगा तैनात - Indigenous Zorawar Tank

खतरनाक है ये हथियार : DRDO के अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में वारहेड फ्लाइट ट्रायल सफलतापूर्वक किए गए हैं और मिसाइल का प्रदर्शन और वारहेड का प्रदर्शन अच्छा पाया गया है. भारत के इस अत्याधुनिक स्वदेशी हथियार एंटी-टैंक मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक वैपन लगा हुआ है, जिसका फायर एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर कवर वाले बख्तरबंद वाहनों को भेद सकता है. DRDO के अधिकारियों का कहना है कि युद्ध के मैदान में इस हथियार के इस्तेमाल के बाद दुश्मन का कोई टैंक या बख्तरबंद वाहन इसके कहर से बच नहीं सकेगा.

जयपुर : जैसलमेर फील्ड फायरिंग रेंज में मंगलवार को डीआरडीओ ने स्वदेश में विकसित मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपी-एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि यह परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर की एक फील्ड फायरिंग रेंज में हुआ है. यह एक ऐसा हथियार है, जिसका डर दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को चलाने वाले को होगा. इसे भविष्य में भारतीय टैंकों में भी लगाया जा सकता है.

दुश्मन का टैंक मिल जाएगा खाक में : DDRO के मुताबिक भारत में विकसित यह एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल टैंक को निशाना बनाने में सक्षम है. इसे सरलता के साथ एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है, जहां वह दुश्मन के टैंक पर निशाना साध सकती है. इसका इस्तेमाल दिन और रात दोनों वक्त में किया जा सकता है. जैसलमेर में मंगलवार को इसके टेंडेम वारहेड सिस्टम का ट्रायल पूरा हो चुका है, जिसमें इस मिसाइल को अत्यधिक प्रोटेक्शन वाले टैंक को खत्म में सक्षम पाया गया. इससे पहले भी मिसाइल के फायर कंट्रोल सिस्टम का विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण किया गया. मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम में मिसाइल, लॉन्चर, टारगेट एक्विजिशन सिस्टम और एक फायर कंट्रोल यूनिट शामिल है.

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खतरनाक है ये हथियार : DRDO के अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में वारहेड फ्लाइट ट्रायल सफलतापूर्वक किए गए हैं और मिसाइल का प्रदर्शन और वारहेड का प्रदर्शन अच्छा पाया गया है. भारत के इस अत्याधुनिक स्वदेशी हथियार एंटी-टैंक मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक वैपन लगा हुआ है, जिसका फायर एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर कवर वाले बख्तरबंद वाहनों को भेद सकता है. DRDO के अधिकारियों का कहना है कि युद्ध के मैदान में इस हथियार के इस्तेमाल के बाद दुश्मन का कोई टैंक या बख्तरबंद वाहन इसके कहर से बच नहीं सकेगा.

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