श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के बट्टल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश को भारतीय सेना ने मंगलवार तड़के नाकाम कर दिया. घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के साथ भारी गोलीबारी के दौरान एक सैनिक घायल हो गया. अधिकारी ने बताया कि घायल सैनिक लांस नायक सुभाष चंद्र को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है और LOC के पास ऑपरेशन अभी जारी है. यह घटना मंगलवार सुबह कृष्णाघाटी बेल्ट के बट्टल सेक्टर में हुई है.
Op BATTAL
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) July 23, 2024
Alert troops foiled an #infiltration bid by effectively engaging infiltrating #terrorists with effective fire in the #Battal Sector at 0300h.
During the exchange of heavy fire, one braveheart has been injured.
Operations are continuing.@adgpi@NorthernComd_IA
भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर (16 कोर) ने एक्स पर एक पोस्ट में इस घटना की सूचना दी, व्हाइट नाइट कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सतर्क सैनिकों ने सुबह तीन बजे बट्टल सेक्टर में घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों पर प्रभावी गोलीबारी कर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया. भारी गोलीबारी के दौरान एक बहादुर घायल हो गया. इलाके में ऑपरेशन जारी है, साथ ही बचे हुए आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू किया गया है.
जम्मू में 24 घंटे में दूसरा हमला
यह हमला सोमवार को राजौरी के गुंधा में एक विलेज डिफेंस गार्ड (वीडीजी) सदस्य के घर पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के एक दिन बाद हुआ है. हालांकि, पास में मौजूद एक सतर्क सेना इकाई ने तेजी से जवाबी कार्रवाई की और बड़े नुकसान को रोका.
जम्मू में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि
जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में जम्मू में आतंकी हमलों में वृद्धि देखी गई है, गुरुवार 18 जुलाई को डोडा में आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में दो सैन्यकर्मी घायल हो गए थे. जद्दन बाटा गांव में एक सरकारी स्कूल में एक अस्थायी शिविर को आतंकवादियों ने निशाना बनाया, जिसमें एक सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे उधमपुर के एक अस्पताल में ले जाया गया.
एक अलग घटना में, राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास एक अग्रिम चौकी पर सुरक्षा बलों ने बुधवार 17 जुलाई देर रात संदिग्ध गतिविधि पर गोलीबारी की थी. वहीं, 16 जुलाई को डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे.
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