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गरजेंगे राफेल और तेजस, प्रचंड के प्रहार से कांपेगा दुश्मन, आज होगा वायु सेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

Indian Air Force Exercise. जैसलमेर के चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में आज 17 फरवरी को भारतीय वायु सेना अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास 'वायु शक्ति 2024' करने जा रही है. 2022 में यह कार्यक्रम होना था, जो रूस-युक्रेन युद्ध की वजह से स्थगित हो गया था. अंतिम बार यह युद्धाभ्यास 2016 में आयोजित हुआ था.

Air Force's biggest maneuver
वायु सेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 15, 2024, 2:10 PM IST

Updated : Feb 17, 2024, 6:21 AM IST

वायु सेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर की चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय वायु सेना अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रही है, जिसे वायु शक्ति 2024 नाम दिया गया है. शनिवार को इस युद्धाभ्यास का मुख्य कार्यक्रम जैसलमेर की चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में किया जाएगा. इससे पहले इस युद्धाभ्यास का फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया था. इस दौरान फायरिंग रेंज समेत आसपास का इलाका बम गोले के धमाकों व लड़ाकू विमानों की आवाजाही से गूंज उठा. फुल ड्रेस रिहर्सल में मिनट टू मिनट वायु योद्धाओं ने अपना युद्ध कौशल दिखाया तो हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो गया. साथ ही इस दौरान समूचा फिल्ड फायरिंग रेंज का इलाका वायु सेना के हवाई जहाजों व बम गोलों के धमाकों से गूंज उठा.

बता दें कि इस युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय वायु योद्धा अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करेंगे. साथ ही इस अभ्यास में करीब 121 एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से सुखोई 30 एमकेआई, तेजस, प्रचंड और मुख्य रूप से राफेल जैसे लड़ाकू विमान इस अभ्यास का हिस्सा होंगे. दिन व रात के समय होने वाले इस अभ्यास में इन लड़ाकू विमानों के साथ-साथ ध्रुव हेलीकॉप्टर की मदद से दुश्मन को नेस्तनाबूद करने व उनके ठिकानों को तहस-नहस करने का अभ्यास किया जाएगा. साथ ही, विमानो की डॉग फाइट का भी अभ्यास किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- तस्करी का आसान रास्ता भारतमाला हाईवे, जैसलमेर में 100 किलोमीटर तक कोई पुलिस थाना नहीं...चौकियों की दरकार

फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान जैसलमेर समेत आसपास के एयरबेस से बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरकर चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में बने दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को अपना निशाना बनाया है. गौरतलब है कि हर तीन साल में होने वाले भारतीय वायु सेना के इस सबसे बड़े युद्धाभ्यास में करीब 77 फाइटर जेट, 41 हेलीकॉप्टर, 5 मालवाहक विमान सहित कुल 121 एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही पायलट से लेकर ग्राउंड स्टाफ तक कुल 15 हजार से अधिक भारतीय वायु सेना के जांबाज इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे.

राफेल, जगुआर और तेजस होंगे शामिल : वायुसेना के इस अभ्यास में राफेल भी शामिल होगा, जो सुपरसोनिक स्पीड में उड़ान भरते और एयर टू एयर मिसाइल को फायर करता दिखेगा. वहीं, सुखोई-30 फाइटर जेट कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग करते दिखाई देंगे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के लड़ाकू विमानों से गिराए जाने वाले बमों का निशाना बनाकर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान नेस्तनाबूद करेंगे.

इसे भी पढ़ें- भारतीय सेना ने दिखाई ताकत, 'ठिकानों' को किया नेस्तनाबूद

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री के भी शामिल होने की संभावना : चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में साल भर सेना के युद्धाभ्यास चलते रहते हैं. 3 साल में एक बार भारतीय वायु सेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करती है. 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उस समय के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए थे. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 17 फरवरी को आयोजित होने जा रहे वायु शक्ति अभ्यास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर आ सकते हैं. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर भी तैयारियां की जा रही है.

वहीं, वायु सेना के इस युद्धाभ्यास में भारत की राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व रक्षामंत्री के साथ मुख्यमंत्री व राज्यपाल के भी शामिल होने की सम्भावना जताई जा रही है. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. बता दें कि पिछली बार साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ये कार्यक्रम स्थगित हो गया था. इसके दो साल बाद 2024 में अब यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.

वायु सेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर की चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय वायु सेना अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रही है, जिसे वायु शक्ति 2024 नाम दिया गया है. शनिवार को इस युद्धाभ्यास का मुख्य कार्यक्रम जैसलमेर की चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में किया जाएगा. इससे पहले इस युद्धाभ्यास का फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया था. इस दौरान फायरिंग रेंज समेत आसपास का इलाका बम गोले के धमाकों व लड़ाकू विमानों की आवाजाही से गूंज उठा. फुल ड्रेस रिहर्सल में मिनट टू मिनट वायु योद्धाओं ने अपना युद्ध कौशल दिखाया तो हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो गया. साथ ही इस दौरान समूचा फिल्ड फायरिंग रेंज का इलाका वायु सेना के हवाई जहाजों व बम गोलों के धमाकों से गूंज उठा.

बता दें कि इस युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय वायु योद्धा अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करेंगे. साथ ही इस अभ्यास में करीब 121 एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से सुखोई 30 एमकेआई, तेजस, प्रचंड और मुख्य रूप से राफेल जैसे लड़ाकू विमान इस अभ्यास का हिस्सा होंगे. दिन व रात के समय होने वाले इस अभ्यास में इन लड़ाकू विमानों के साथ-साथ ध्रुव हेलीकॉप्टर की मदद से दुश्मन को नेस्तनाबूद करने व उनके ठिकानों को तहस-नहस करने का अभ्यास किया जाएगा. साथ ही, विमानो की डॉग फाइट का भी अभ्यास किया जाएगा.

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फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान जैसलमेर समेत आसपास के एयरबेस से बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरकर चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में बने दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को अपना निशाना बनाया है. गौरतलब है कि हर तीन साल में होने वाले भारतीय वायु सेना के इस सबसे बड़े युद्धाभ्यास में करीब 77 फाइटर जेट, 41 हेलीकॉप्टर, 5 मालवाहक विमान सहित कुल 121 एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही पायलट से लेकर ग्राउंड स्टाफ तक कुल 15 हजार से अधिक भारतीय वायु सेना के जांबाज इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे.

राफेल, जगुआर और तेजस होंगे शामिल : वायुसेना के इस अभ्यास में राफेल भी शामिल होगा, जो सुपरसोनिक स्पीड में उड़ान भरते और एयर टू एयर मिसाइल को फायर करता दिखेगा. वहीं, सुखोई-30 फाइटर जेट कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग करते दिखाई देंगे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के लड़ाकू विमानों से गिराए जाने वाले बमों का निशाना बनाकर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान नेस्तनाबूद करेंगे.

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राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री के भी शामिल होने की संभावना : चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में साल भर सेना के युद्धाभ्यास चलते रहते हैं. 3 साल में एक बार भारतीय वायु सेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करती है. 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उस समय के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए थे. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 17 फरवरी को आयोजित होने जा रहे वायु शक्ति अभ्यास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर आ सकते हैं. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर भी तैयारियां की जा रही है.

वहीं, वायु सेना के इस युद्धाभ्यास में भारत की राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व रक्षामंत्री के साथ मुख्यमंत्री व राज्यपाल के भी शामिल होने की सम्भावना जताई जा रही है. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. बता दें कि पिछली बार साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ये कार्यक्रम स्थगित हो गया था. इसके दो साल बाद 2024 में अब यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.

Last Updated : Feb 17, 2024, 6:21 AM IST
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