नई दिल्ली : भारत ने मुख्य युद्धक टैंक के लिए पहले स्वदेश निर्मित 1500 अश्वशक्ति (हॉर्स पावर) क्षमता के इंजन का पहला परीक्षण बुधवार को मैसूरु में किया गया. रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने इसे एक परिवर्तनकारी क्षण करार दिया और कहा कि यह देश की सैन्य क्षमता को बढ़ाएगा.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह उपलब्धि देश की रक्षा क्षमताओं में 'एक नए युग की शुरुआत' करती है, जो तकनीकी कौशल एवं रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. बयान के मुताबिक अरमाने ने 20 मार्च को मैसूर परिसर में बीईएमएल के इंजन डिवीजन में मुख्य युद्धक टैंक के लिए भारत के पहले स्वदेश निर्मित 1500 अश्वशक्ति (एचपी) इंजन के पहले परीक्षण का नेतृत्व किया.
बयान में अरमाने के हवाले से कहा गया, 'यह एक परिवर्तनकारी क्षण है जो भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाएगा.' बयान के मुताबिक, '1500 एचपी क्षमता का इंजन सैन्य प्रणोदन प्रणालियों में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें उच्च शक्ति से वजन अनुपात, अधिक ऊंचाई पर, शून्य से नीचे तापमान में और रेगिस्तानी वातावरण सहित चरम स्थितियों में संचालन क्षमता जैसी अत्याधुनिक विशेषताएं हैं. उन्नत प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित, यह इंजन विश्व स्तर पर सबसे उन्नत इंजन के समान है.'
भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) के प्रबंध निदेशक शांतनु रॉय ने कहा कि यह उपलब्धि 'देश में रक्षा उत्पादन में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में बीईएमएल की स्थिति को मजबूत करती है, इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में देश की जरूरतों को पूरा करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.'
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