बीकानेर. भारतीय सेना और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच पांचवें धर्मा गार्डियन संयुक्त सैन्य अभ्यास शनिवार को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज मे संपन्न हुआ. सेना प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच अंतरसंचालन हासिल करना और संयुक्त राष्ट्र के परिचालन प्रक्रियाओं और युद्ध अभ्यासों से एक-दूसरे को परिचित कराना था. इस संयुक्त अभ्यास में भारत की राजपूताना राइफल्स बटालियन और जापान के पक्षों से 40 सैनिकों का समूह शामिल रहा.
सैन्य सहयोग को बढ़ावा: सेना प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि अभ्यास का प्राथमिक उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत अर्ध-शहरी वातावरण में संयुक्त अभियानों को अंजाम देने के लिए संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाना था. दो चरणों में आयोजित यह अभ्यास शुरू में कॉम्बैट कंडीशनिंग और कार्यनीतिक प्रशिक्षण पर केंद्रित था, जिसे दोनों टुकड़ियों ने सफलतापूर्वक पूरा किया.
संयुक्त रूप से प्राप्त की सफलता: लगातार पिछले 12 दिनों से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में दोनों सेनाओं के सैनिकों की ओर से एक दूसरे के साथ अर्जित रणकौशल को दूसरे चरण में धरातल पर आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए अंजाम दिया गया.
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अस्थाई बेस से दुश्मन के ठिकाने पर कार्रवाई: इस दौरान दोनों सेनाओं के सैनिकों ने संयुक्त गतिविधियों में अस्थायी ऑपरेटिंग बेस स्थापित करते हुए गांव में छिपे आतंकियों को सर्च ऑपरेशन के बहाने ढूंढ कर निकाला और इस दौरान तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बाज के सिर पर कैमरा लगाकर उनकी लोकेशन और स्थिति का पता किया. इस दौरान डॉग स्क्वायड की मदद से आतंकियों को जिंदा पकड़ने में भी सफलता हासिल की.
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गूंजी धोरों की धरती: महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार को हुए इस युद्ध अभ्यास के आखिरी चरण में बंकर का इस्तेमाल करते हुए दोनों देशों के सैनिकों ने दुश्मन के ठिकानों पर गोलीबारी की. इस दौरान बड़ी मात्रा में दुश्मन के ठिकानों पर गोलियां और मोर्टार बम बरसाए गए.
सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ अभ्यास: युद्ध अभ्यास के आखिरी दिन भारत और जापान की सेवा के उच्च अधिकारी मौजूद रहे। जापानी सेना के बटालियन कमांडर कर्नल टेमोयूकी कबेटो और कंपनी कमांडर मेजर अबे इसाया मौजूद रहे तो वहीं भारतीय सेना की ओर से ब्रिगेडियर आईपी सिंह कर्नल जॉनी मलिक और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रतीक मौजूद रहे.