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अभी नहीं, इसका मतलब ये नहीं कि कल इंडिया गुट सरकार बनाने का दावा नहीं करेगा : ममता - Mamata Banerjee Slams NDA

Mamata Banerjee Slams NDA : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनडीए गठबंधन पर निशाना साधा है. ममता ने एनडीए सरकार को अलोकतांत्रिक और असंंवैधानिक करार दिया. साथ ही कहा कि वह शपथग्रहण में नहीं शामिल होंगी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 8, 2024, 8:07 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने केंद्र में प्रस्तावित भाजपा नीत एनडीए सरकार को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार दिया. उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक की पार्टियां घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही हैं और सही समय पर उचित कदम उठाएंगी.

ममता ने कहा 'आज इंडिया ब्लॉक ने भले ही केंद्र में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कल ऐसा नहीं होगा. एनडीए की सरकार बनाने की ये कोशिश मूलतः देश के लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है. अगर यह सरकार बनी तो यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक होगी.'

शपथ ग्रहण में नहीं शामिल होंगी ममता : ममता ने यहां अपने आवास पर नवनिर्वाचित पार्टी सांसदों और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात कही. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगी.

'जनादेश बीजेपी के खिलाफ': पत्रकारों से बात करते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, 'नतीजों से साफ है कि जनादेश बीजेपी के खिलाफ है. देश को बदलाव की जरूरत है और हम (इंडिया ब्लॉक) इंतजार कर रहे हैं और देख रहे हैं. इस जनादेश के बाद नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए. मोदी को जाना चाहिए था.' संसद में तृणमूल कांग्रेस का रुख बताते हुए ममता ने कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन को वापस लेने की मांग करेगी.

ममता ने कहा कि 'किसी को यह समझना चाहिए कि अगर हम लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के सदस्यों की संख्या जोड़ दें तो तृणमूल कांग्रेस के पास अब 42 सदस्य हैं. हम संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं और हमारे सदस्य सरकार के किसी भी मनमाने कदम के खिलाफ मुखर रहेंगे. हम चाहते हैं कि सीएए को रद्द किया जाए या जिलाधिकारियों की पहले की निर्णय लेने की शक्तियां बहाल की जाएं. हम एनआरसी के कार्यान्वयन के सख्त खिलाफ हैं और हम समान नागरिक संहिता के खिलाफ अपने रुख के साथ-साथ इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.'

'राज्यों का बकाया जारी करे केंद्र' : ममता ने कहा कि 'केंद्र द्वारा राज्यों का सारा बकाया तुरंत जारी किया जाना चाहिए. हम जानते हैं कि जिस दिन नतीजे घोषित हुए उस दिन शेयर बाजार में सूचकांक संख्याओं के साथ एक बड़ा घोटाला हुआ है. हम इसकी विस्तृत जांच चाहते हैं.'

भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, '2019 में तृणमूल 161 विधानसभा क्षेत्रों में और भाजपा 121 में आगे थी. इस बार, हम बंगाल में 192 विधानसभा क्षेत्रों में आगे हैं और भाजपा केवल 90 क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने में सफल रही है. इससे पता चलता है कि जनता ने उन्हें किस तरह नकार दिया है. ऐसी ही स्थिति पूरे देश में हो रही है. उन्होंने (बीजेपी) एजेंसियों को तैनात करने से लेकर पार्टियों को तोड़ने तक हर कोशिश की है. लेकिन, उन्हें पहले आत्मनिरीक्षण करना चाहिए क्योंकि, वे अंदर से टूट रहे हैं. हम चाहते हैं कि केंद्र की यह अस्थिर सरकार जाए. मैं अपनी व्यक्तिगत क्षमता में कह सकती हूं कि अगर मैं इस स्थिति में होती, तो कभी भी सरकार बनाने का दावा नहीं करती क्योंकि मैं एक ऐसी पार्टी के रूप में नहीं उभरी हूं, जिसने संसद में आधे रास्ते का आंकड़ा पार कर लिया है. यानी मुझे प्रधानमंत्री बनने का नैतिक अधिकार नहीं है.'

बैठक के दौरान सांसदों द्वारा आधिकारिक तौर पर ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष चुना गया. उन्होंने कहा, पार्टी के अनुभवी नेता सुदीप बनर्जी लोकसभा में टीएमसी के नेता होंगे और काकोली घोष दस्तीदार उपनेता होंगे जबकि कल्याण बनर्जी मुख्य सचेतक होंगे. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का नेतृत्व डेरेक ओ ब्रायन करेंगे और सागरिका घोष उपनेता होंगी, जबकि नदीमुल हक मुख्य सचेतक होंगे.

इस सवाल का जवाब देते हुए कि वह जल्द ही राजधानी का दौरा करेंगी, ममता ने कहा, 'मैं इसके बजाय सभी इंडिया ब्लॉक नेताओं को सौहार्दपूर्वक आमंत्रित करती हूं.'

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ममता ने कहा 'आज इंडिया ब्लॉक ने भले ही केंद्र में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कल ऐसा नहीं होगा. एनडीए की सरकार बनाने की ये कोशिश मूलतः देश के लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है. अगर यह सरकार बनी तो यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक होगी.'

शपथ ग्रहण में नहीं शामिल होंगी ममता : ममता ने यहां अपने आवास पर नवनिर्वाचित पार्टी सांसदों और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात कही. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगी.

'जनादेश बीजेपी के खिलाफ': पत्रकारों से बात करते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, 'नतीजों से साफ है कि जनादेश बीजेपी के खिलाफ है. देश को बदलाव की जरूरत है और हम (इंडिया ब्लॉक) इंतजार कर रहे हैं और देख रहे हैं. इस जनादेश के बाद नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए. मोदी को जाना चाहिए था.' संसद में तृणमूल कांग्रेस का रुख बताते हुए ममता ने कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन को वापस लेने की मांग करेगी.

ममता ने कहा कि 'किसी को यह समझना चाहिए कि अगर हम लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के सदस्यों की संख्या जोड़ दें तो तृणमूल कांग्रेस के पास अब 42 सदस्य हैं. हम संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं और हमारे सदस्य सरकार के किसी भी मनमाने कदम के खिलाफ मुखर रहेंगे. हम चाहते हैं कि सीएए को रद्द किया जाए या जिलाधिकारियों की पहले की निर्णय लेने की शक्तियां बहाल की जाएं. हम एनआरसी के कार्यान्वयन के सख्त खिलाफ हैं और हम समान नागरिक संहिता के खिलाफ अपने रुख के साथ-साथ इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.'

'राज्यों का बकाया जारी करे केंद्र' : ममता ने कहा कि 'केंद्र द्वारा राज्यों का सारा बकाया तुरंत जारी किया जाना चाहिए. हम जानते हैं कि जिस दिन नतीजे घोषित हुए उस दिन शेयर बाजार में सूचकांक संख्याओं के साथ एक बड़ा घोटाला हुआ है. हम इसकी विस्तृत जांच चाहते हैं.'

भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, '2019 में तृणमूल 161 विधानसभा क्षेत्रों में और भाजपा 121 में आगे थी. इस बार, हम बंगाल में 192 विधानसभा क्षेत्रों में आगे हैं और भाजपा केवल 90 क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने में सफल रही है. इससे पता चलता है कि जनता ने उन्हें किस तरह नकार दिया है. ऐसी ही स्थिति पूरे देश में हो रही है. उन्होंने (बीजेपी) एजेंसियों को तैनात करने से लेकर पार्टियों को तोड़ने तक हर कोशिश की है. लेकिन, उन्हें पहले आत्मनिरीक्षण करना चाहिए क्योंकि, वे अंदर से टूट रहे हैं. हम चाहते हैं कि केंद्र की यह अस्थिर सरकार जाए. मैं अपनी व्यक्तिगत क्षमता में कह सकती हूं कि अगर मैं इस स्थिति में होती, तो कभी भी सरकार बनाने का दावा नहीं करती क्योंकि मैं एक ऐसी पार्टी के रूप में नहीं उभरी हूं, जिसने संसद में आधे रास्ते का आंकड़ा पार कर लिया है. यानी मुझे प्रधानमंत्री बनने का नैतिक अधिकार नहीं है.'

बैठक के दौरान सांसदों द्वारा आधिकारिक तौर पर ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष चुना गया. उन्होंने कहा, पार्टी के अनुभवी नेता सुदीप बनर्जी लोकसभा में टीएमसी के नेता होंगे और काकोली घोष दस्तीदार उपनेता होंगे जबकि कल्याण बनर्जी मुख्य सचेतक होंगे. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का नेतृत्व डेरेक ओ ब्रायन करेंगे और सागरिका घोष उपनेता होंगी, जबकि नदीमुल हक मुख्य सचेतक होंगे.

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