गोरखपुर : तीन लोगों ने विवाहिता के साथ गैंगरेप किया था. उसके प्राइवेट पार्ट को भी चोट पहुंचाई थी. घटना में तीन दोषियों को न्यायालय ने सोमवार को सजा सुनाई. अपर जनपद न्यायाधीश/फास्ट ट्रैक कोर्ट मनोज कुमार ने तीनों दोषियों को 30-30 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. तीनों को 50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी देना होगा. ऐसा न करने पर एक- एक साल का कारावास अलग से भुगतना होगा. देवरिया जिले के सलेमपुर निवासी राजा अंसारी उर्फ इम्तियाज मोहम्मद अंसारी, शाहपुर थाना क्षेत्र के कृष्णानगर प्राइवेट काॅलोनी के संतोष चौहान और धर्मशाला पुरानी फलमंडी निवासी अंकित पासवान को दोषी करार दिया गया. घटना के 16 महीन के अंदर ही पीड़िता को न्याय मिल गया. घटना के बाद विवाहिता के परिजनों ने भी उसका साथ छोड़ दिया था. विवाहिता अकेले ही पैरवी कर रही थी.
7 सितंबर 2022 को हुई थी घटना : कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश चंद्र पांडेय ने बताया कि घटना 7 सितंबर 2022 की रात 10 से 11 बजे के बीच हुई थी. महराजगंज जिले की रहने वाली 25 साल की विवाहिता पति से विवाद के बाद एक हफ्ते पहले गोरखपुर आ गई थी. यहां उसे रहने का कोई ठिकाना नहीं मिला तो वह रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक के ऑउटर और धर्मशाला बाजार पुल के बीच गुजारा कर रही थी. तीन लोगों ने उसे अकेला देखकर उसे किडनैप कर लिया. इसके बाद उसे धर्मशाला बाजार रेलवे लाइन के किनारे ट्यूबवेल के पीछे झाड़ियों में ले गए. वहां उसके साथ गैंगरेप किया. शोर मचाने पर आरोपियों ने उसे बुरी तरह पीटा भी. प्राइवेट पार्ट को भी चोट पहुंचाई. उधर, पीड़िता के परिवार के लोगों ने उससे मिलने और मदद से इनकार कर दिया. पुलिस के मुताबिक उसके पति का कहना है कि जब वह एक बार घर छोड़कर चली गई तो अब वे उसे दोबारा नहीं स्वीकार कर सकते.
गंभीर हालत में थाने पहुंची थी पीड़िता : घटना के एक दिन बाद पुलिस ने एक संदिग्ध को उठाया था. उससे पूछताछ के बाद पुलिस अन्य आरोपियों तक पहुंच भी गई. उधर, अस्पताल में होश आने के बाद पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उसे गोरखपुर जंक्शन के आउटर से किडनैप कर लिया था. उसके साथ तीनों ने गैंगरेप किया था. हालांकि, महिला ने इस घटना में चौथे अपने परिचित युवक के शामिल होने की बात से इंकार कर दिया था. विरोध करने पर आरोपियों ने पीटकर उसे घायल भी कर दिया था. उनके चंगुल से छूटने के बाद गंभीर हालत में पीड़िता जीआरपी थाने पहुंची थी.
परिवार ने नहीं दिया साथ, अकेले लड़ी केस : सोमवार को इस मामले में कोर्ट से सजा होने के बाद पीड़िता ने कहा कि इस घटना के बाद ही उसके पति और परिवार ने उसका साथ छोड़ दिया था. वारदात में उसकी हालत काफी गंभीर हो गई थी. अस्पताल से पूरी तरह ठीक होने के बाद अकेले ही केस की पैरवी की. जिसका नतीजा यह हुआ कि 16 महीने बाद इस मामले के दोषियों को कोर्ट ने कड़ी सजा मिल सकी.
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