रांची: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जैसे-जैसे मतदान के दिन करीब आते जा रहे हैं. झारखंड में भी चुनावी पारा चढ़ता जा रहा है. एक ओर भारतीय जनता पार्टी और आजसू पार्टी का NDA है तो दूसरी ओर झमुमो, कांग्रेस, राजद और सीपीआई माले वाला I.N.D.I.A ब्लॉक. इस बार मुख्य चुनावी मुकाबला इन दोनों के बीच ही होना है जिसे कहीं-कहीं ट्राइएंगल बनाने की कोशिश सीपीआई-सीपीएम जैसे दल कर सकते हैं.
2024 लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा-आजसू और INDIA ब्लॉक के दावे अलग अलग हैं. NDA जहां इस बार परफेक्ट -14 का दावा कर रही हैं तो I.N.D.I.A का दावा 2004 का इतिहास राज्य की जनता दोहराएगी तब राज्य की 14 लोकसभा सीट में से 13 सीट पर UPA की जीत हुई थी और भाजपा की ओर से सिर्फ बाबूलाल मरांडी जीत दर्ज कर पाए थे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या INDIA ब्लॉक के लिए 2004 का परफॉरमेंस को दोहराना आसान होगा?
क्या इस बार झारखंड में भाजपा और NDA को परास्त करने के लिए बने INDIA ब्लॉक के द्वारा 2004 वाला प्रदर्शन दोहराया जा सकता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत ने बात की झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ टीवी पत्रकार राजेश कुमार से. उन्होंने कहा कि राजनीति में भविष्यवाणी करना आसान नहीं होता, जनता का मूड क्या है, उसके मन में क्या चल रहा है, यह तो 04 जून को ही पता चलेगा जब मतगणना होगी.
वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि 2019 के चुनावी नतीजे को देखें तो उसके आधार पर कहा जा सकता है कि 2024 का चुनावी डगर INDIA के लिए झारखंड में नामुमकिन नहीं तो आसान भी नहीं है. उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में अगर कोई पार्टी 50% से अधिक मत अकेले पा जाती है तो वह अजय स्थिति में आ जाती है. ऐसे में विपक्ष के लिए जीत की राह बनाना बेहद कठिन हो जाता है.
2019 में राज्य की 14 लोकसभा सीट में से 02 पर तब की महागठबंधन (आज की INDIA) दल झामुमो-कांग्रेस की जीत हुई तो 12 सीट पर NDA (BJP+Ajsu) के उम्मीदार जीते. लेकिन बात सिर्फ इतना भर नहीं है. जिन 12 लोकसभा सीट पर NDA की जीत हुई उसमें से 08 ऐसी सीटें थीं जहां NDA उम्मीदवार को अकेले 55% से अधिक मत मिले, जबकि एक सीट पर 55% से थोड़ा ही कम वोट NDA को मिला.
ऐसे में 2019 में लोकसभा चुनाव में 09 लोकसभा सीट ऐसी रहीं जहां कुल पड़े मतों का 50% से अधिक मत पाकर भाजपा या आजसू पार्टी के उम्मीदवार जीते.
वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि सिर्फ तीन लोकसभा सीट (दुमका, लोहरदगा और खूंटी) पर ही भाजपा उम्मीदवार 50% से कम वोट पाकर जीते. वहीं राजमहल और सिंहभूम में NDA की हार हुई.
उन्होंने कहा कि अगर 2004 जैसा रिजल्ट INDIA ब्लॉक को चाहिए तो उसके के लिए मोदी और भाजपा विरोध की हवा नहीं आंधी की जरूरत होगी, जो अभी तो कम से कम नहीं दिख रहा है.
आइए! एक नजर डालें 2019 में 50% से अधिक मत पाकर जीतने वाले उम्मीदवारों पर
गिरिडीह लोकसभा सीट
- विजेता- चंद्रप्रकाश चौधरी- आजसू पार्टी 648277 (59.63%)
- हार- जगरनाथ महतो- झामुमो 399930 (36.78%)
कोडरमा लोकसभा सीट
- विजेता- अन्नपूर्णा देवी- भाजपा 753016 (69.3%)
- हार- बाबूलाल मरांडी- जेवीएम(पी) 297416 (25.24%)
रांची लोकसभा सीट
- विजेता- संजय सेठ- भाजपा 706828 (57.42%)
- सुबोधकांत सहाय- कांग्रेस-423802(34.43%)
पलामू लोकसभा सीट
- विजेता- वीडी राम- भाजपा 755659 (63.19%)
- हार- घूरन राम- राजद 278053 (23.25%)
चतरा लोकसभा सीट
- विजेता- सुनील कुमार सिंह- बीजेपी 528077 (57.55%)
- हार- मनोज यादव- कांग्रेस 150206 (16.37%)
गोड्डा लोकसभा सीट
- विजेता- निशिकांत दुबे- भाजपा 637610 (54.25%)
- हार- प्रदीप यादव- जेवीएम(पी) 453383 (38.57%)
धनबाद लोकसभा सीट
- विजेता- पीएन सिंह- भाजपा 827234 (66.26%)
- हार- कीर्ति आजाद- कांग्रेस 341040 (27.32%)
जमशेदपुर लोकसभा सीट
- विजेता- विद्युत वरण महतो- भाजपा 679632 (59.7%)
- हार- चम्पाई सोरेन- झामुमो 377542 (33.16%)
हजारीबाग लोकसभा सीट
- विजेता- जयंत सिन्हा- भाजपा 728798 (67.9%)
- हार- गोपाल प्रसाद साहू- कांग्रेस 249250 (23.22%)
03 लोकसभा सीट जहां 2019 में भाजपा जीती पर वोट 50% से कम मिले
दुमका लोकसभा सीट
- विजेता- सुनील सोरेन, भाजपा 484923 (47.94%)
- हार- शिबू सोरेन, झामुमो 437333 (43.23%)
खूंटी लोकसभा सीट
- विजेता- अर्जुन मुंडा, भाजपा 382638 (47.17%)
- हार- कालीचरण मुंडा, कांग्रेस 381193 (47%)
लोहरदगा लोकसभा सीट
- विजेता- सुदर्शन भगत, भाजपा 371595 (46.06%)
- हार- सुखदेव भगत, कांग्रेस 361232 (44.78%)
अब एक नजर उन दो सीटों पर डालें जहां भाजपा की 2019 में हुई थी हार
राजमहल लोकसभा सीट
- विजेता- विजय हांसदा, झामुमो 507830 (49.08%)
- हार- हेमलाल मुर्मू, भाजपा 408635 (39.49%)
सिंहभूम लोकसभा सीट
- विजेता- गीता कोड़ा, कांग्रेस 431815 (50.5%)
- हार- लक्ष्मण गिलुआ, भाजपा 359660 (42.06%)
इस बार मोदी सरकार के 10 साल के काम के आधार पर जीतेंगे 14 की 14 सीटें- शिवपूजन पाठक
राज्य की लोकसभा की सभी 14 सीटें सहयोगी दलों के साथ मिलकर जीतने का दावा करते हुए झारखंड प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक कहते हैं कि 2019 में मोदी सरकार के पांच साल की उपलब्धियां थी, अब 10 साल की उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि जनता ने तीसरी बार मोदी सरकार बनाने का मन बना लिया है.
2019 में पुलवामा-बालाकोट के भरोसे जीती थी भाजपा, इस बार बेरोजगारी, महंगाई और चुनावी चंदे उसे डुबायेगी- कांग्रेस-झामुमो
झारखंड में 14 लोकसभा सीट पर 2004 जैसा प्रदर्शन करने की बात दोहराते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू कहते हैं कि 2019 के चुनावी नतीजे को केंद्र में रखकर कोई अनुमान न लगाइए. तब एक विशेष परिस्थिति पैदा की गई थी. पुलवामा के वीर शहीदों के नाम और बालाकोट की घटना का राजनीतिक लाभ लेकर भाजपा ने सफलता पाई थी. अब तो अमर शहीदों के परिवारवाले और देश की जनता पूछ रही है कि पुलवामा में RDX कहां से आया था, मामले की जांच के नतीजे क्या सामने आए.
इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने कहा कि इस बार मुद्दा युवाओं की बेरोजगारी, महंगाई, किसानों का MSP, चुनावी चंदा और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग है. जनता ने मन बना लिया है और देश के साथ-साथ राज्य से भी भाजपा का सफाया होगा.
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