दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर फिर 23 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा से खुद को जोड़ लिया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में वैसे नक्सली शामिल हैं जो जंगल में पेड़ काटकर रास्ता बंद करते थे. जंगल में जवानों को निशाना बनाने के लिए बम प्लांट करते थे. इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने से लगातार माओवादियों का मनोबल गिरता जा रहा है.
23 नक्सलियों ने किया सरकार के सामने सरेंडर: सरेंडर करने वाले माओवादियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुर्वास नीति के तहत 25 - 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी गई. सरकार सरेंडर करने वाले नक्सलियों को तमाम वो सुविधाए देगी जिसके वो हकदार है. पूरे बस्तर में लोन वर्राटू और पूना नर्कोम योजना के तहत अबतक सैंकड़ों नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं.
वरिष्ठ अफसरों के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान को लगातार बड़ी सफलता मिल रही है. बीते कुछ महीनों में बड़ी संख्या में नक्सली हथियार छोड़ समाज की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं. आज भी 23 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं. हमारी कोशिश है कि सरकार की घर वापसी अभियान का गांव गांव तक प्रचार प्रसार किया जाए. नक्सलियों से भी हमारी अपील है कि वो हिंसा का रास्ता छोड़ आम जीवन में लौटें. जिन 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया उसमें 20 माओवादियों ने डीआरजी के सामने हथियार डाले जबकी 3 नक्सलियों ने सीआरपीएफ के सामने सरेंडर किया. - स्मृतिक राजनाला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, दंतेवाड़ा
अबतक 177 नक्सली डाल चुके हैं हथियार: बस्तर में लोन वर्राटू अभियान के तहत 177 ईनामी नक्सली सहित 761 माओवादी हथियार छोड़ समाज की मुख्यधारा से खुद को जोड़ चुके हैं. सरकार भी लगातार कोशिश कर रही है कि हिंसा के रास्ते पर गए लोगों को समझा बुझाकर वापस लाया जाए. लोन वर्राटू अभियान और पूना नर्कोम योजना को सफलता भी मिल रही है.