नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (जेडीएन) ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) 2024 परीक्षा में कथित विसंगतियों की सीबीआई जांच की मांग की है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में जेडीएन ने कहा कि सरकार को भावी मेडिकल उम्मीदवारों के हित में सभी आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए.
हाल ही में आयोजित नीट 2024 में देखी गई अनियमितताओं और विसंगतियों को उजागर करने वाले आठ महत्वपूर्ण बिंदुओं को उठाते हुए, डॉक्टरों के नेटवर्क ने कहा कि पटना के शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज है, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि पेपर की कस्टडी में सेंध लगी थी.
डॉक्टरों के नेटवर्क ने दावा किया कि 'लाखों रुपए चुकाने वाले 25 छात्रों को 4 मई की रात को पेपर दिया गया. वे 5 मई को NEET की परीक्षा में शामिल हुए और उन्होंने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उन्हें परीक्षा में वही पेपर मिला था.'
इसमें कहा गया है कि उड़ीसा, झारखंड और कर्नाटक राज्यों के 16 छात्रों को NEET UG 2024 के लिए पंचमहाल गोधरा में केंद्र आवंटित किए गए थे. इसमें कहा गया कि 'केंद्र के प्रिंसिपल, माता-पिता और कुछ छात्र अभी भी गिरफ़्तार हैं. यह अजीब है कि इन छात्रों को उनके गृह राज्य के अलावा किसी अन्य राज्य में केंद्र कैसे आवंटित किया गया, जबकि ऑनलाइन पंजीकरण फ़ॉर्म में यह विकल्प उपलब्ध नहीं था.'
जेडीएन ने कहा कि 700-720 के स्कोर रेंज पर 7-10 गुना रैंक इन्फ्लेशन है, 672-710 के स्कोर पर 5-6 गुना रैंक इन्फ्लेशन है और 642-672 के स्कोर रेंज पर 4-5 गुना रैंक इन्फ्लेशन है. उदाहरण के लिए, 2023 में 648 अंक पाने वाले छात्र की रैंक 7,400 थी, लेकिन 2024 में इस स्कोर पर एआईआर 31,000 है.
डॉक्टरों के नेटवर्क ने दावा किया कि 'नीट यूजी के नतीजे समय से पहले 4 जून 2024 को घोषित कर दिए गए, जब सभी मीडिया चैनल आम चुनाव के नतीजों को प्रसारित करने में व्यस्त थे. सूचना बुलेटिन में उल्लिखित परिणाम की तारीख 14 जून 2024 थी, अब तक एनटीए ने इस बिंदु को स्पष्ट नहीं किया है.'
ग्रेस मार्क का जिक्र करते हुए डॉक्टरों के नेटवर्क ने कहा कि एनटीए की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ग्रेस मार्क माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित तंत्र और फार्मूले के अनुसार दिए गए थे, जो 2018 के डब्ल्यू.पी. 551 में दिनांक 13.06.2018 के अपने फैसले के अनुसार थे.
जेडीएन ने कहा कि '1563 उम्मीदवारों को समय की हानि के लिए मुआवजा दिया गया. लेकिन उसी याचिका में यह उल्लेख किया गया है कि यह फॉर्मूला मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं पर लागू नहीं किया जा सकता. हम उन केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज की भी मांग करते हैं, जहां समय की हानि के लिए क्षतिपूर्ति अंक दिए जाते हैं.'
ईटीवी भारत से बात करते हुए जेडीएन आईएमए स्टैंडिंग कमेटी की संयोजक डॉ. ज्योति आर ने कहा कि एनटीए ने पूरे मामले पर कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं दिया है. डॉ. ज्योति ने कहा कि 'हम नीट 2024 परीक्षा में हुई अनियमितताओं और विसंगतियों की सीबीआई जांच की मांग करते हैं. स्पष्टता जरूरी है, क्योंकि यह लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा है.'