उत्तराखंड: ऊंचे हिमालयी क्षेत्र में बसे खूबसूरत ऐतिहासिक नगर जोशीमठ के जमीन धंसने के दृश्यों को पूरे देश और दुनिया ने देखा था. उच्च हिमालय क्षेत्र में आई यह भीषण त्रासदी की तस्वीर अपने आप में बिल्कुल नए तरह की आपदा का संकेत दे रही थी. उत्तराखंड में पहली बार ऐसा हुआ था कि जब प्रकृति ने केवल संकेत भर दिया था और पूरे के पूरे शहर पर संकट खड़ा हो गया था.
जोशीमठ में अव्यवस्थित निर्माण पर है रोक: यही वजह थी कि राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक जोशीमठ के हालात पर बेहद गंभीर हुईं. यहां पर महीनों तक तमाम केंद्रीय और राज्य की टेक्निकल एजेंसियों ने दिन-रात मेहनत कर जोशीमठ शहर के हालात को सुधारने के लिए काम किया. कई तकनीकी संस्थानों ने जोशीमठ शहर की धरती के नीचे हो रही गतिविधियों पर चिंता जाहिर करते हुए जोशीमठ शहर को बचाने के लिए कवायद शुरू की. इस पूरे ऑपरेशन से निष्कर्ष निकाला गया कि फिलहाल जोशीमठ शहर में किसी भी तरह का अव्यवस्थित निर्माण प्रतिबंधित रहेगा. यहां पर केवल एनडीएमए (National Disaster Management Authority) और राज्य की आपदा प्रबंधन एजेंसी के अप्रूवल पर ही शहर को री डेवलप करने का प्लान तैयार होगा.
जोशीमठ में हो रहा अवैध निर्माण! आपको बता दें कि जोशीमठ नगर पालिका में 9 वार्ड हैं. इन सभी नौ वार्ड में निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिए गए थे. लेकिन ताजा तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है. जोशीमठ से आई ताजा तस्वीरों में जोशीमठ शहर में हो रहे निर्माण कार्य को साफ तौर से देखा जा सकता है. जोशीमठ शहर में हो रहा यह निर्माण कार्य जोशीमठ नगर पालिका के सुनील वार्ड का है. इस निर्माण कार्य की तस्वीरों को लेकर जब हमने जोशीमठ के एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ से बात की तो उन्होंने कहा कि जोशीमठ नगर पालिका के सभी वार्डों में निर्माण कार्य फिलहाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है. लगातार प्रशासन की टीम शहर में हो रही सभी गतिविधियों पर नजर भी रखती है. इस दौरान यदि कोई अवैध निर्माण करता पाया गया तो उस पर कार्रवाई भी की जाती है. जोशीमठ एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि इस तरह से अवैध निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं. अब तक 6 से ज्यादा लोगों के खिलाफ नोटिस जारी हो चुके हैं.
अवैध निर्माण पर होगा एक्शन: सोशल मीडिया पर वायरल होते अवैध निर्माण की इन तस्वीरें का उत्तराखंड शासन ने भी संज्ञान लिया. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में फिलहाल सभी टेक्निकल एजेंसियों के विचार विमर्श के बाद निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है. जोशीमठ शहर को री डेवलप करने के लिए एक विस्तृत डीपीआर तैयार की गई है. सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य की तकनीकी एजेंसियां जोशीमठ शहर का पुनर्निर्माण करेंगी और तब तक जोशीमठ में निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी और स्थानीय अधिकारियों को पहले ही जानकारी दे दी गई है. उसके बावजूद भी अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो इस खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
क्या है जोशीमठ आपदा? उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ शहर में जनवरी 2023 में दरारें पड़ने और भू धंसाव से ये सुर्खियों में आ गया था. जब 800 से ज्यादा मकानों, दीवारों, फर्श और सड़कों पर दरारें आईं तो ये नेशनल से लेकर इंटरनेशनल लेवल पर छा गया. स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार और यहां तक कि केंद्र सरकार ने इसका संज्ञान लिया. करीब 200 मकानों को आनन-फानन में खाली कराया गया. 800 से अधिक घरों को रहने के लिए खतरनाक मानते हुए उन पर लाल निशान लगाए गए थे. सरकार ने लोगों को विस्थापित करना शुरू कर दिया था.
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