नई दिल्ली: भारत में ज्यादातर लोग ट्रेन से सफर करना पसंद करते हैं. इसकी एक वजह यह है कि रेल बेहद किफायती होती है. भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए कुछ नियम बनाए हैं, जिनका यात्रियों को हर हाल में पालन करना ही होता है. अगर कोई यात्री रेलवे के बनाए इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसे भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. साथ ही उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.
ऐसा ही एक नियम रेलवे टिकट से जुड़ा है. दरअसल, कई बार जब कोई यात्री अपना ट्रेन में अपना टिकट बुक करवाता है तो उसे कंफर्म टिकट नहीं मिलता. ऐसे में उसको वेटिंग टिकट दिया जाता है. कई बार यह टिकट कंफर्म नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में यात्री अन्य कोच में सफर करने लगते हैं. हालांकि, सवाल यह है कि क्या रेलवे ऐसा करने की इजाजत देता है? क्या कोई यात्री वेटिंग टिकट पर जनरल या स्लीपर कोच में यात्रा कर सकता है? जवाब है नहीं.
भरना पड़ सकता है जुर्माना
अगर कोई शख्स वेटिंग टिकट लेकर ट्रेन में सफर करता है तो ऐसा करना उसे भारी पड़ सकता है. भारतीय रेलवे के अनुसार ऐसा करना गैर कानूनी है और यात्री ऐसा करता है तो टीटीई उस पर भारी जुर्माना लगा सकता है.
कितना लग सकता है जुर्माना?
कई बार यात्री वेटिंग के लेकर अन्य कोच में सफर करने लगते हैं, वे सोचते हैं कि उनके पास वेटिंग टिकट तो है ही. हालांकि, रेलवे के नियम के अनुसार यात्री ऐसा नहीं कर सकते है. अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर करता है तो टीटीई आप पर लगभग 250 रुपये का फाइन लगा सकता है.
रेलवे के नियम के अनुसार अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट लेकर ट्रेन के एसी कोच में सफर करता है औपर टीटीई उसे पकड़ लेता है तो वह यात्री पर 440 रुपये का फाइन लगा सकता है. इतना ही नहीं अगर टीटीई चाहे तो यात्री को ट्रेन से उतार भी सकता है.
उल्लेखनीय है कि अगर आपका टिकट वेटिंग लिस्ट में है और टिकट कंफर्म नहीं हुआ है तो इसका मतलब यह है कि आपका टिकट कैंसिल हो गया है. ऐसे में आप उस टिकट को लेकर सफर नहीं कर सकते है. अगर आपको उसी ट्रेन से कहीं जाना भी है तो उसके लिए आपको जनरल टिकट लेना होगा. वेटिंग के टिकट से जनरल कोच में सफर नहीं किया जा सकता.