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25 साल बाद खत्म हुआ वनवास, आजगमढ़ से इस मंदिर से चोरी भगवान राम-लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां फिर से होंगी स्थापित - Idols will be returned to temple - IDOLS WILL BE RETURNED TO TEMPLE

अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने में 400 वर्ष का समय लगा तो वहीं आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील क्षेत्र के महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से चोरी हुई भगवान राम-लक्ष्मण और हनुमान जी की अष्टधातु की मूर्तियां एक बार फिर से स्थापित करने में 25 वर्ष का समय लग गया.

आजमगढ़ के इस मंदिर को वापस मिलेंगी मूर्तियां.
आजमगढ़ के इस मंदिर को वापस मिलेंगी मूर्तियां. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 29, 2024, 5:23 PM IST

आजमगढ़: अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने में 400 वर्ष का समय लगा तो वहीं आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील क्षेत्र के महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से चोरी हुई भगवान राम-लक्ष्मण और हनुमान की अष्टधातु की मूर्तियां एक बार फिर से स्थापित करने में 25 वर्ष का समय लग गया. लोग फिर से भगवान के दर्शन कर सकेंगे. महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से 1999 में भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गईं थीं. पुलिस ने मूर्तियां तो बरामद कर लीं लेकिन यह मूर्तियां अभी तक थाने के मालखाने में बंद रहीं. अब 24 सितंबर को कोर्ट ने इन मूर्तियों को बाहर निकालने का आदेश जारी किया है. अब फिर से विधि-विधान से प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी.

आजमगढ़ के इस मंदिर को वापस मिलेंगी मूर्तियां. (Video Credit; ETV Bharat)

आस्था का केंद्र है महर्षि दत्तात्रेय आश्रम: जिला मुख्यालय से 15 किमी की दूरी पर निजामाबाद कस्बा स्थित है. कस्बे से सटकर सेंटरवा मार्ग पर गौसपुर ग्राम सभा में तमसा और कुंवर नदी के संगम पर स्थित महर्षि दत्तात्रेय आश्रम आस्था का एक बड़ा केंद्र है. दर्शन पूजन के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में लोग तमसा और कुंअर नदी के संगम पर डुबकी लगाकर भगवान दत्तात्रेय आश्रम पर दर्शन पूजन करते हैं और हवन भी करते हैं. मान्यता के अनुसार हवन-पूजन और दर्शन करने के बाद जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वह पूर्ण होती है. यहां पर अष्टधातु की भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां हैं.

1996 में चोरी हो गईं मूर्तियां: 1996 में मंदिर से मूर्तियां चोरी हो गईं थीं. बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया और उसे दोबारा स्थापित किया गया. इसके बाद यहां पुलिस चौकी के स्थापना की मांग उठने लगी. पुलिस चौकी तो स्थापित नहीं हुई, लेकिन उसके पहले 1999 में चोरों ने फिर से मूर्ति चुरा ली. पुलिस ने दूसरी बार भी मूर्ति को बरामद तो कर लिया लेकिन उसे थाने के मालखाने में जमा कर दिया. जिसे बाहर लाने के लिए मंदिर के पुजारी कोर्ट में केस लड़ रहे थे. 24 सितंबर को कोर्ट ने इन मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालने का आदेश दिया. इस आदेश के जारी होते ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई. अब मंदिर के पुजारी मूर्ति की फिर से स्थापित करने के प्रयास में जुट गए हैं. वहीं लोगों का कहना है कि भगवान राम 25 साल का वनवास काटकर अपने धाम आ रहे हैं. उनका भव्य तरीके से स्वागत किया जाएगा और विधि विधान से उनकी स्थापना की जाएगी.

पुलिस चौकी बनाने की मांग: इस संबंध में पुजारी रविदास जी महाराज ने कहा कि पूरे विधि विधान के साथ भगवान की घर वापसी की जाएगी. कहा कि उनकी कोशिश है कि मूर्ति की स्थापना से पहले आश्रम के निकट पुलिस चौकी बनाई जाए, जिससे कि सुरक्षा को लेकर कोई दिक्कत भविष्य में ना हो. आश्रम परिसर में काफी लंबे समय से यज्ञ और प्रवचन करने वाले व्यास कमलेश्वर पाठक ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र वासियों में काफी खुशी है. 25 साल के वनवास के बाद एक बार फिर से राम लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति की स्थापित की जाएगी.

दत्तात्रेय आश्रम के पुजारी रविदास जी महाराज के अधिवक्ता श्रवण कुमार राय ने बताया कि मंदिर से राम लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति चोरी हो गई थी जिसे तत्कालीन विवेचक ने बरामद किया था. इसके बाद से मूर्ति मालखाने में थी. मंदिर के पुजारी द्वारा मूर्ति के रिलीज के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिसमें माननीय न्यायालय ने 24 सितंबर को मूर्ति रिलीज करने का आदेश दिया है.

वहीं संबंध में एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया है कि थाना निजामाबाद क्षेत्र के दत्तात्रेय आश्रम से 1996 में कुछ मूर्तियां लूटी गई थीं, जिसमें मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. पुलिस ने मूर्तियों को बरामद कर ली थीं. 24 सितंबर को माननीय न्यायालय आजमगढ़ द्वारा मूर्तियों को रिलीज करने का आदेश दिया गया है, इसके बाद मूर्तियों फिर से स्थापित की जाएगी.

यह भी पढ़ें : फर्रुखाबाद में फिर गरजा बाबा का बुलडोजर; 30 से अधिक अवैध मकान जमींदोज, अखिलेश ने बताया- प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा - Bulldozer action in Farrukhabad

आजमगढ़: अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने में 400 वर्ष का समय लगा तो वहीं आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील क्षेत्र के महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से चोरी हुई भगवान राम-लक्ष्मण और हनुमान की अष्टधातु की मूर्तियां एक बार फिर से स्थापित करने में 25 वर्ष का समय लग गया. लोग फिर से भगवान के दर्शन कर सकेंगे. महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से 1999 में भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गईं थीं. पुलिस ने मूर्तियां तो बरामद कर लीं लेकिन यह मूर्तियां अभी तक थाने के मालखाने में बंद रहीं. अब 24 सितंबर को कोर्ट ने इन मूर्तियों को बाहर निकालने का आदेश जारी किया है. अब फिर से विधि-विधान से प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी.

आजमगढ़ के इस मंदिर को वापस मिलेंगी मूर्तियां. (Video Credit; ETV Bharat)

आस्था का केंद्र है महर्षि दत्तात्रेय आश्रम: जिला मुख्यालय से 15 किमी की दूरी पर निजामाबाद कस्बा स्थित है. कस्बे से सटकर सेंटरवा मार्ग पर गौसपुर ग्राम सभा में तमसा और कुंवर नदी के संगम पर स्थित महर्षि दत्तात्रेय आश्रम आस्था का एक बड़ा केंद्र है. दर्शन पूजन के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में लोग तमसा और कुंअर नदी के संगम पर डुबकी लगाकर भगवान दत्तात्रेय आश्रम पर दर्शन पूजन करते हैं और हवन भी करते हैं. मान्यता के अनुसार हवन-पूजन और दर्शन करने के बाद जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वह पूर्ण होती है. यहां पर अष्टधातु की भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां हैं.

1996 में चोरी हो गईं मूर्तियां: 1996 में मंदिर से मूर्तियां चोरी हो गईं थीं. बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया और उसे दोबारा स्थापित किया गया. इसके बाद यहां पुलिस चौकी के स्थापना की मांग उठने लगी. पुलिस चौकी तो स्थापित नहीं हुई, लेकिन उसके पहले 1999 में चोरों ने फिर से मूर्ति चुरा ली. पुलिस ने दूसरी बार भी मूर्ति को बरामद तो कर लिया लेकिन उसे थाने के मालखाने में जमा कर दिया. जिसे बाहर लाने के लिए मंदिर के पुजारी कोर्ट में केस लड़ रहे थे. 24 सितंबर को कोर्ट ने इन मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालने का आदेश दिया. इस आदेश के जारी होते ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई. अब मंदिर के पुजारी मूर्ति की फिर से स्थापित करने के प्रयास में जुट गए हैं. वहीं लोगों का कहना है कि भगवान राम 25 साल का वनवास काटकर अपने धाम आ रहे हैं. उनका भव्य तरीके से स्वागत किया जाएगा और विधि विधान से उनकी स्थापना की जाएगी.

पुलिस चौकी बनाने की मांग: इस संबंध में पुजारी रविदास जी महाराज ने कहा कि पूरे विधि विधान के साथ भगवान की घर वापसी की जाएगी. कहा कि उनकी कोशिश है कि मूर्ति की स्थापना से पहले आश्रम के निकट पुलिस चौकी बनाई जाए, जिससे कि सुरक्षा को लेकर कोई दिक्कत भविष्य में ना हो. आश्रम परिसर में काफी लंबे समय से यज्ञ और प्रवचन करने वाले व्यास कमलेश्वर पाठक ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र वासियों में काफी खुशी है. 25 साल के वनवास के बाद एक बार फिर से राम लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति की स्थापित की जाएगी.

दत्तात्रेय आश्रम के पुजारी रविदास जी महाराज के अधिवक्ता श्रवण कुमार राय ने बताया कि मंदिर से राम लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति चोरी हो गई थी जिसे तत्कालीन विवेचक ने बरामद किया था. इसके बाद से मूर्ति मालखाने में थी. मंदिर के पुजारी द्वारा मूर्ति के रिलीज के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिसमें माननीय न्यायालय ने 24 सितंबर को मूर्ति रिलीज करने का आदेश दिया है.

वहीं संबंध में एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया है कि थाना निजामाबाद क्षेत्र के दत्तात्रेय आश्रम से 1996 में कुछ मूर्तियां लूटी गई थीं, जिसमें मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. पुलिस ने मूर्तियों को बरामद कर ली थीं. 24 सितंबर को माननीय न्यायालय आजमगढ़ द्वारा मूर्तियों को रिलीज करने का आदेश दिया गया है, इसके बाद मूर्तियों फिर से स्थापित की जाएगी.

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