रांची: झारखंड कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के पुत्र आदित्य के नाम से रांची नगर निगम द्वारा तीन-तीन जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाने से जुड़े मामले की भाजपा द्वारा की गई जांच की मांग पर झारखंड सरकार ने सफाई दी है.
एक वैध, बाकी को किया गया निरस्त
झारखंड सरकार के अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि आधिकारिक वेबसाइट पर आईएएस राजीव रंजन के पुत्र के नाम से सिर्फ एक वैध जन्म प्रमाण पत्र अंकित है और अन्य को निरस्त किया जा चुका है. निदेशालय के मुताबिक झारखंड में जन्म, मृत्यु और मृत जन्म का रजिस्ट्रेशन भारत सरकार के आधिकारिक वेबसाइट https://dc.crsorgi.gov.in/crs पर ऑनलाइन किया जाता है. रांची नगर निगम में साल 2023 में कुल जन्म की निबंधन संख्या 22885 और मृत्यु निबंधन की संख्या 6504 थी. साल 2024 में जन्म निबंधन की संख्या 25845 और मृत्यु निबंधन की संख्या 6451 थी.
बर्थ सर्टिफिकेट पर झारखंड सरकार की सफाई
दरअसल, 19 जनवरी को झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता अजय शाह ने आईएएस अधिकारी के पुत्र के नाम से तीन-तीन जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का हवाला देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि आम नागरिकों को अपने बच्चों का जन्म पत्र बनवाने के लिए नगर निगम के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते हैं. वहीं, प्रभावशाली अधिकारी अपने रसूख का इस्तेमाल कर नियम और कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उनका आरोप था कि यह मामला पासपोर्ट में संशोधन से जुड़ा हुआ है, जो आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर है.
सबसे खास बात है कि अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय ने अपनी सफाई में स्पष्ट किया है कि आईएएस के पुत्र के नाम से वेबसाइट पर सिर्फ एक वैध जन्म प्रमाण पत्र है. साथ ही यह भी कहा गया है कि अन्य को निरस्त कर दिया गया है. इस जवाब से साफ है कि कई जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए थे.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पासपोर्ट में जन्म की तारीख बदलने के लिए दिए गए आवेदन पर पासपोर्ट कार्यालय द्वारा नगर निगम से पत्राचार के बाद इसका खुलासा हुआ था. इसके मुताबिक आईएएस के पुत्र का रांची में अलग-अलग जगह पर एक ही तारीख लेकिन अलग-अलग साल का जिक्र करते हुए जन्म का प्रमाण पत्र जारी हुआ था. पहला जन्म प्रमाण पत्र 13 अक्टूबर 2013 की तिथि से बना था. दूसरा जन्म प्रमाण पत्र 13 अक्टूबर 2015 की तिथि से बना था. जबकि तीसरा जन्म प्रमाण पत्र 13 अक्टूबर 2017 की तिथि से बना था.
ये भी पढ़ें: निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को मिली जमानत, नए कानून के तहत मिली राहत, 28 महीने बाद खुली हवा में लेंगी सांस