हैदराबादः भारतीय राजनीति में परिवारों का दबदबा सदा से रहा है. आज के समय में लगभग हर पार्टी में परिवार की विरासत संभालने वाले सांसद व विधायक हैं. लेकिन पति-पत्नी एक साथ किसी न किसी सदन के सदस्य रहें, यह थोड़ा इंटेरेस्टिंग जरूर है. उप-चुनाव के परिणाम में भी ऐसा देखने को मिला. हिमाचल प्रदेश के सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर उप-चुनाव में देहरा से निर्वाचित हुईं हैं. लोकसभा में भी ऐसे उदाहरण मौजूद हैं. आइए इन पर एक नजर डालते हैं.
विधानसभा उपचुनाव में दो सीटों पर कांग्रेस पार्टी को मिली जीत का जश्न मनाने पहुंचे उत्साहित कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) July 13, 2024
इस उपचुनाव में देवभूमि की देवतुल्य जनता ने धनबल को हराया है और जनबल को जिताकर ऐसा सन्देश दिया है कि आने वाले 50 सालों में कोई भी खरीद-फरोख्त की राजनीति करने… pic.twitter.com/hoJ97Kt6wE
तेलंगाना (2023-2028)
कांग्रेस के दिग्गज नेता एन. उत्तम कुमार रेड्डी और उनकी पत्नी पद्मावती रेड्डी ने क्रमशः हुजूरनगर और कोडाद निर्वाचन क्षेत्रों से जीत हासिल की. दोनों 2023 में तेलंगाना विधानसभा के लिए चुने गए. उत्तम कुमार रेड्डी नलमाडा को 116,707 (54.21%) वोट मिले और उनकी पत्नी पद्मावती रेड्डी को क्रमशः 125,783 (60.19%) वोट मिले.
झारखंड (2019-2024)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन दोनों एक ही विधानसभा के सदस्य हैं. कल्पना सोरेन ने 2024 में उपचुनाव जीता जबकि हेमंत सोरेन 2019 से सदस्य थे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय विधानसभा उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार दिलीप कुमार वर्मा को 82,000 से अधिक मतों से हराया.
विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने पर माननीय मुख्यमंत्री को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
— Kalpana Murmu Soren (@JMMKalpanaSoren) July 8, 2024
जय झारखंड। pic.twitter.com/9ksVp1pe7e
हिमाचल (2022-2027)
हिमाचल प्रदेश के सीएम कांग्रेस उम्मीदवार सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुरः कमलेश ठाकुर ने जुलाई 2024 में उपचुनाव जीता. कमलेश ठाकुर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, भाजपा के होशियार सिंह को 9,000 से अधिक मतों से हराया। 2010 में देहरा के गठन के बाद से कांग्रेस ने कभी जीत हासिल नहीं की है.
गोवा (2022-2027)
- विश्वजीत राणे ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपने वालपोई निर्वाचन क्षेत्र को बरकरार रखा. उनकी पत्नी देविया राणे ने भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पोरेम निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव जीता.
- कांग्रेस के माइकल लोबो ने अपने पारंपरिक विधानसभा क्षेत्र कलंगुट से जीत हासिल की, जबकि उनकी पत्नी डेलिलाहवोन ने भी कांग्रेस के टिकट पर सिओलिम से जीत हासिल की. डेलिलाह लोबो ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर सिओलिम निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के चार बार के विधायक दयानंद मांड्रेकर को 1,727 मतों के अंतर से हराया था.
- भाजपा के अटानासियो मोनसेराटे पणजी से जीते, जबकि उनकी पत्नी जेनिफर भाजपा के टिकट पर तालेगाओ से जीतीं. जेनिफर मोनसेराटे मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के पहले कार्यकाल के दौरान गोवा कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री थीं.
बिहार (2005-2010) कौशल यादव और उनकी पत्नी पूर्णिमा यादव - दोनों ही निर्दलीय सदस्य के रूप में विधानसभा के लिए चुने गए हैं.
हरियाणा (2014-2019)
एचजेसी प्रमुख कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई ने क्रमशः हिसार जिले के आदमपुर और हांसी क्षेत्रों से जीत हासिल की. रेणुका बिश्नोई को 46335 और कुलदीप बिश्नोई को 56757 वोट मिले. दोनों 2014-2019 विधानसभा के दौरान सदस्य थे.
1952 से पति-पत्नी दंपत्ति लोकसभा सदस्य
चौथी लोकसभा (1967-1971)
ए के गोपालन नांबियार और सुशीला गोपालनः ए के गोपालन नांबियार, जिन्हें ए के जी के नाम से जाना जाता है. एक स्वतंत्रता सेनानी और संसद में विपक्ष के पहले नेता थे. वे 1952 से 1977 तक पालघाट (केरल) से लोकसभा के लिए चुने गए थे. उनकी पत्नी सुशीला गोपालन एक प्रमुख मार्क्सवादी और ट्रेड यूनियनिस्ट थीं. वे पहली बार 1967 में चिरायनकिल (केरल) से लोकसभा के लिए चुनी गई थीं. पति-पत्नी दोनों सीपीएम के सदस्य थे.
7वीं लोकसभा 1980-1984
मधु और प्रमिला दंडवतेः भारत के पूर्व रेल और वित्त मंत्री प्रोफेसर मधु दंडवते पांच बार सांसद रहे. 1980 में वे जनता पार्टी के टिकट पर महाराष्ट्र के राजापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए. उनकी पत्नी प्रमिला दंडवते जनता पार्टी के टिकट पर बॉम्बे उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुईं. वे 1980 से 1984 तक सातवीं लोकसभा में एक साथ रहे.
सातवीं लोकसभा, 1980-1984
चौधरी चरण सिंह और गायत्री देवीः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह ने तीन बार लोकसभा सांसद के रूप में कार्य किया. 1980 में वे उत्तर प्रदेश के बागपत निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए. उसी चुनाव में उनकी पत्नी गायत्री देवी कैराना लोकसभा सीट से निर्वाचित हुईं. दोनों ने 1980 से 1984 तक एक साथ लोकसभा में कार्य किया.
07वीं और 08वीं लोकसभा 1980-1989, दो बार हुए निर्वाचित
सत्येंद्र नारायण सिन्हा और किशोरी सिन्हा: सत्येंद्र नारायण सिन्हा और किशोरी सिन्हा दोनों बिहार के औरंगाबाद जिले के एक राजघराने से ताल्लुक रखते हैं. एस एन सिन्हा, जिन्हें प्यार से छोटे बाबू कहा जाता था. वे 1952 से छह बार औरंगाबाद से लोकसभा के लिए चुने गए. उनकी पत्नी किशोरी 1980 से 1989 के बीच लोकसभा में उनके साथ थीं. वे वैशाली से चुनी गई थीं.
14वीं और 16वीं लोकसभा (2004-209 और 2014-2019)
राजेश रंजन (पप्पू यादव) और रंजीत रंजनः राजेश रंजन (पप्पू यादव) और रंजीत रंजन एक और दिलचस्प जोड़ी है. दोनों पति-पत्नी हैं. पप्पू यादव पहली बार 1991 में 10वीं लोकसभा के पूर्णिया से सदस्य चुने गये. इसके बाद दूसरी बार 1996 में 11वीं लोकसभा के लिए पूर्णिया सदस्य चुने गये. तीसरी बार 13वीं लोकसभा के लिए 1999 में पूर्णिया से सदस्य चुने गये. 2004 में हुए उप-चुनाव के दौरान चौथी बार वे लोकसभा के लिए मधेपुरा से सदस्य चुने गये. 2014 में 16 लोकसभा के लिए हुए चुनाव के दौरान में 5वीं बार निर्वाचित हुए. इस बार भी मधेपुरा से सांसद चुने गये थे. 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए 2024 में हुए वे पहली छठी बार निर्वाचित हुए.
फरवरी 1994 में पप्पू यादव व रंजीत रंजन शादी के बंधन में बंधे. रंजीत रंजन पहली बार 2004 में 14वीं लोकसभा चुनाव के लिए सहरसा से चुनीं गईं. दूसरी बार 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए सुपौल निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुईं.
इस तरह पप्पू यादव व रंजीत रंजन दो बार 14वीं व 16वीं लोकसभा एक साथ सदस्य के रूप में निर्वाचित हुईं. वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में पप्पू यादव पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये हैं. वहीं उनकी पत्नी रंजीत रंजन जून 2002 में राज्य सभा कांग्रेस के टिकट पर छत्तीसगढ से निर्वाचित हुईं हैं.
कल बिहार दिवस के दिन सुपौल बकौर में पुल गिर गया था। आज माननीय कांग्रेस सांसद @Ranjeet4India जी घटनास्थल पर निरीक्षण करने, घायलों और मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंची।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) March 23, 2024
पुल निर्माण कंपनी, भ्रष्ट अधिकारियों और मंत्रियों पर कारवाई नहीं हुई। पर वहां जाने के कारण रंजीत रंजन जी पर… pic.twitter.com/HneH796Tda
18वीं लोकसभा में साथ-साथः अखिलेश यादव और डिंपल यादव (एक बार) मौजूदा 18वीं लोकसभा में अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी से कन्नौज लोकसभा सीट से जीते और डिंपल यादव भी मैनपुरी लोकसभा सीट से जीतीं.
श्रद्धेय नेताजी एवं सम्मानित जनता के आशीर्वाद से आज नामांकन पत्र दाखिल किया।
— Dimple Yadav (@dimpleyadav) April 16, 2024
मैनपुरी का विकास बढ़ता रहेगा,
साइकिल का पहिया चलता रहेगा। pic.twitter.com/jzLpuoyNGZ
मैनपुरी में जनसंपर्क,
— Dimple Yadav (@dimpleyadav) May 4, 2024
जनता का आभार। pic.twitter.com/hJp3pKzwML