नैनीताल: शहद का उत्पादन कर रहे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए नैनीताल राजभवन में हनी महोत्सव आयोजित किया गया. इस दौरान प्रदेश भर से आए शहद उत्पादकों ने राजभवन में स्टाल लगाकर शहद की गुणवत्ता और उससे होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी. हनी महोत्सव को लेकर लोगों में काफी क्रेज देखा गया.
राजभवन में हनी महोत्सव: राजभवन में आयोजित हनी महोत्सव में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया. गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस उत्सव में उत्तराखंड के विभिन्न मौन पालकों एवं विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा मौन पालन उत्पादों का प्रदर्शन किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा मौन पालन की उपयोगिता को बताते हुए किसानों को मौन पालन के लिए प्रेरित किया गया.
शहद उत्पादक हुए सम्मानित: राज्यपाल ने मौन पालकों द्वारा लगाये गये स्टालों का भ्रमण कर उनसे जानकारी ली और साथ ही उन्हें प्रोत्साहित किया. कार्यक्रम में राज्यपाल ने प्रगतिशील मौन पालकों को उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया. सम्मानित किए जाने वाले मौन पालकों में उधमसिंह नगर के बिक्रमजीत सिंह, चंपावत के रघुवर मुरारी, नैनीताल के मनोज कुमार, शेखर भट्ट, हरीश सजवाण और नारायण सिंह फर्त्याल शामिल रहे.
अर्थव्यवस्था बढ़ा सकता है मौन पालन: इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड को मौन पालन के क्षेत्र में बड़ा आशीर्वाद है, जो आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को बढ़ाने योगदान दे सकता है. उत्तराखंड में पैदा होने वाले शहद के औषधीय गुण अलग ही हैं. उन्होंने कहा कि यहां शहद उत्पादन को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है. गवर्नर ने कहा कि मौन पालन के पारंपरिक तरीकों से हटकर जीबी पंत विवि शोध एवं तकनीकी के आधार पर शहद उत्पादकता को बढ़ाने में सहयोग करे. शहद उत्पादन के पश्चात इसकी पैकेजिंग एवं मार्केटिंग के साथ-साथ किस प्रकार वैल्यू एडिशन किया जाए, इस क्षेत्र में विवि, किसानों को सहायता करे. इस दौरान प्रथम महिला गुरमीत कौर, कुमाऊं विवि के कुलपति डॉ. दीवान सिंह रावत, उत्तराखंड मुक्त विवि के कुलपति डॉ. ओपीएस नेगी, डीआईजी योगेन्द्र यादव, निदेशक प्रसार डॉ. जितेंद्र क्वात्रा समेत विभिन्न जिलों के मौन पालक और जीबी पंत विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक उपस्थित रहे.
शहद के उत्पादन को 40 हजार टन करना लक्ष्य: राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कहा वर्तमान में उत्तराखंड में करीब 3,000 किलो शहद का उत्पादन हो रहा है. इसे बढ़ाकर 40 हजार टन तक किया जाना है. पंतनगर विवि स्लोवेनिया के साथ मिलाकर शहद उत्पादन को बढ़ाने के लिए एमओयू साइन कर रहा है. वन यूनिवर्सिटी वन रिसर्च के अंतर्गत शोध कार्य कर रहा है, जिसके जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे. आने वाली 26 जनवरी तक शोध पूरा हो जाएगा.
उत्तराखंड का शहद सबसे शुद्ध: हनी महोत्सव के दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड का शहद विश्व में सबसे शुद्ध शहद है. बीते दिनों उत्तराखंड के शहद की गुणवत्ता जांचने के लिए जर्मनी और रुड़की लैब में भेजा गया था. जांच के दौरान हर पैमाने पर उत्तराखंड में उत्पादित किया जा रहा शहद सबसे बेहतर मिला.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड राजभवन में शुरू हुआ वसंतोत्सव, देहरादून में सजा फूलों का संसार, तीन दिनों खुले रहेंगे द्वार