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जम्मू-कश्मीर के सांबा में सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'होमस्टे' की शुरुआत - इंटरनेशनल बॉर्डर पर होम स्टे

Homestay near the International Border : पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से जम्मू कश्मीर के इंटरनेशनल बॉर्डर पर होम स्टे की शुरुआत की गई है. इसके तहत सीमा के पास पर्यटक के रहने वाले घर में बंकर भी बनाया गया है. इससे आने वाले पर्यटकों को बॉर्डर का अनुभव हो सकेगा.

Start of home stay
होम स्टे की शुरुआत
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By PTI

Published : Feb 28, 2024, 5:24 PM IST

Updated : Feb 28, 2024, 10:47 PM IST

सांबा : पूर्व सरपंच मोहन सिंह भट्टी ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 'होमस्टे' की शुरुआत की है. तीन साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से संघर्षविराम लागू होने के बाद जमीनी स्थिति में स्पष्ट बदलाव आया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाल में सीमा पर शांति के मद्देनजर सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामगढ़ सेक्टर में प्रसिद्ध बाबा चमलियाल मंदिर के नजदीक होमस्टे के निर्माण के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी.

अतीत में भारत-पाकिस्तान के बीच सौहार्द के प्रतीक माने जाने वाले बाबा चमलियाल मंदिर में हजारों भक्त आते हैं, खासकर वार्षिक मेले के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है. भट्टी ने फत्वल के अपने दाग चन्नी गांव में दो मंजिला 'होमस्टे' बनाया है. उन्होंने आगंतुकों को सीमा पर रहने का एहसास कराने और सीमा पार से गोलाबारी की स्थिति में किसी भी क्षति को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय के रूप में भूमिगत बंकर भी बनाया है.

भट्टी ने कहा, 'सीमा पर अपनी यात्रा में, आप सबकुछ देख सकते हैं, लेकिन बंकर नहीं, जिसका उपयोग हम सीमा पार गोलाबारी के दौरान करते रहे हैं। जिसने (सीमा यात्रा के दौरान) यह बंकर नहीं देखा, उसने कुछ नहीं देखा.' उन्होंने कहा कि उन्होंने भूमिगत बंकर का निर्माण भी किया है ताकि दूसरी ओर से गोलीबारी या गोलाबारी होने की स्थिति में आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. सांबा के उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने कहा कि जिले में 55 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई स्थान हैं जिनमें बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है जैसे चमलियाल मंदिर, 300 साल पुराना मंदिर बामू चक, बाबा बाली करण और बाबा सिद्ध गोरिया.

शर्मा ने कहा, 'केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन दोनों सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. पिछले साल, चमलियाल मंदिर में आने वाले पर्यटकों को आवास की समस्याओं का सामना करना पड़ा और इस अंतर को पाटने के लिए हम होमस्टे को बढ़ावा दे रहे हैं.' उन्होंने कहा कि सीमावर्ती निवासियों, विशेषकर युवा उद्यमियों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है जो अपने घरों को 'होमस्टे' में बदलने के लिए तैयार हैं.

ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर प्रशासन की योजना डल से मानसबल झील तक शुरू होगी सीप्लेन सेवा

सांबा : पूर्व सरपंच मोहन सिंह भट्टी ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 'होमस्टे' की शुरुआत की है. तीन साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से संघर्षविराम लागू होने के बाद जमीनी स्थिति में स्पष्ट बदलाव आया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाल में सीमा पर शांति के मद्देनजर सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामगढ़ सेक्टर में प्रसिद्ध बाबा चमलियाल मंदिर के नजदीक होमस्टे के निर्माण के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी.

अतीत में भारत-पाकिस्तान के बीच सौहार्द के प्रतीक माने जाने वाले बाबा चमलियाल मंदिर में हजारों भक्त आते हैं, खासकर वार्षिक मेले के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है. भट्टी ने फत्वल के अपने दाग चन्नी गांव में दो मंजिला 'होमस्टे' बनाया है. उन्होंने आगंतुकों को सीमा पर रहने का एहसास कराने और सीमा पार से गोलाबारी की स्थिति में किसी भी क्षति को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय के रूप में भूमिगत बंकर भी बनाया है.

भट्टी ने कहा, 'सीमा पर अपनी यात्रा में, आप सबकुछ देख सकते हैं, लेकिन बंकर नहीं, जिसका उपयोग हम सीमा पार गोलाबारी के दौरान करते रहे हैं। जिसने (सीमा यात्रा के दौरान) यह बंकर नहीं देखा, उसने कुछ नहीं देखा.' उन्होंने कहा कि उन्होंने भूमिगत बंकर का निर्माण भी किया है ताकि दूसरी ओर से गोलीबारी या गोलाबारी होने की स्थिति में आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. सांबा के उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने कहा कि जिले में 55 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई स्थान हैं जिनमें बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है जैसे चमलियाल मंदिर, 300 साल पुराना मंदिर बामू चक, बाबा बाली करण और बाबा सिद्ध गोरिया.

शर्मा ने कहा, 'केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन दोनों सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. पिछले साल, चमलियाल मंदिर में आने वाले पर्यटकों को आवास की समस्याओं का सामना करना पड़ा और इस अंतर को पाटने के लिए हम होमस्टे को बढ़ावा दे रहे हैं.' उन्होंने कहा कि सीमावर्ती निवासियों, विशेषकर युवा उद्यमियों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है जो अपने घरों को 'होमस्टे' में बदलने के लिए तैयार हैं.

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Last Updated : Feb 28, 2024, 10:47 PM IST
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