रायपुर: बस्तर में नक्सलियों के बिछाए आईईडी में 11 मार्च को एक युवा घायल हो गया. उसके बाद नक्सलियों ने उसे बंधक बनाकर रखा और फिर परिवार वालों के गुहार पर उसे 28 मार्च को छोड़ा. नक्सलियों की इस करतूत से घायल युवक गुड्डू मरकाम की स्थिति बेहद गंभीर है. इस आदिवासी युवक का इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. रविवार को छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने घायल युवक से मुलाकात की और बस्तर के हालात पर बड़ा बयान दिया. विजय शर्मा ने बस्तर में नक्सलियों की हिंसा को विकास में बाधक बताया है. उन्होंने कहा कि पूरे बस्तर के जंगलों में नक्सलियों के लगाए आईईडी से न सिर्फ जवानों बल्कि स्थानीय निवासियों, पशुओं और जंगल का विनाश हो रहा है. आईईडी की वजह से बस्तर का विकास नहीं हो पा रहा है.
आईईडी की वजह से नहीं हो रहा बस्तर का विकास: बस्तर में जगह जगह सड़कों और अन्य मार्गों पर नक्सलियों ने आईईडी बिछा रखा है जिसकी वजह से बस्तर का विकास नहीं हो पा रहा है. गुड्डु मरकाम ऊर्फ गुड्डु लेकाम के बारे में बात करते हुए गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि "वह 11 मार्च को गंगालू इलाके में आईईडी ब्लास्ट में घायल हो गया था. उसके बाद नक्सलियों ने उसे बंधक बना लिया. जब गांव वालों ने नक्सलियों के ऊपर दवाब बनाया तो उसे छोड़ा गया. फिर उसे बीजापुर के अस्पताल में भर्ती किया गया. वहां से युवक को रायपुर रेफर किया गया है. रायपुर के निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. युवक की हालत बेहद नाजुक है और उसके पैर में इन्फेक्शन फैल गया है. एक पैर काटने की बात डॉक्टर कह रहे हैं."
"बस्तर के गांव में विकास के मार्ग में आईईडी बहुत बड़ा बाधक है. बस्तर में विकास नहीं पहुंच पा रहा है इसकी एक वजह वहां बिछे हुए आईईडी हैं. ऐसा करना नहीं चाहिए और इससे ही सामान्य लोगों के जीवन में बड़ी परेशानी होती है. अभी घायल युवक से मिला नौजवान युवक है बहुत खतरनाक स्थिति है. मैंने डॉक्टर से उनके स्वास्थ्य को लेकर चर्चा की है और उचित इलाज की बात कही है": विजय शर्मा, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री, छत्तीसगढ़
"नक्सलियों से आम शहरी भी हो रहे तबाह": गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि "नक्सलियों से कौन बचा है. सिर्फ सुरक्षाकर्मी की बात नहीं है आम सिविलियन, जानवर और प्रकृति को भी नक्सलियों और उनके बिछाए आईईडी से नुकसान हो रहा है. अगर बस्तर के गांव में बिजली पहुंच जाए. अस्पताल की सुविधा हो जाए तो किसी को क्या दिक्कत है. यह आईईडी जो बस्तर के इलाके में बिछे पड़े हैं उससे बस्तर की उन्नति का मार्ग बाधित हो रहा है. बस्तर के गांवों में स्कूल, हॉस्पिटल, बिजली, सड़क और पानी नहीं पहुंच पा रहा है क्योंकि ये आईईडी बस्तर में बहुत बड़े बाधक हैं."
नक्सलियों ने युवक को कब बनाया था बधंक: नक्सलियों ने युवक को 11 मार्च को उस वक्त बंधक बनाया था जब वह तेलंगाना के चेरला से लौट रहा था. इस दौरान आईईडी विस्फोट में युवक बुरी तरह घायल हो गया था और वह दर्द से कराह रहा था. जिसके बाद माओवादियों ने उसे बंधक बना लिया था. फिर 17 दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद उसके माता पिता की गुहार पर नक्सलियों ने उसे 28 मार्च को छोड़ा.