शिमला: हिमाचल कांग्रेस का संकट फिलहाल सुलझता नजर आ रहा है. केंद्र से डैमेज कंट्रोल के लिए भेजे गए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने सभी विधायकों से बातचीत के बाद संकट का हल निकालने का दावा किया है. कई राउंड की बातचीत के बाद आज शिमला में हिमाचल के सीएम के सरकारी आवास ओकओवर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें पर्यवेक्षकों के अलावा सीएम सुखविंदर सुक्खी, प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, समेत तमाम मंत्री और कई कांग्रेस विधायक मौजूद थे. मीडिया से रूबरू हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार बनी रहेगी. वहीं, प्रतिभा सिंह ने कहा कि सब मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. यदि किसी को कोई दिक्कत हो तो उसे सामंजस्य कमेटी के समक्ष उठाया जाएगा. सीएम सुक्खू ने स्वीकार किया कि इंटेलिजेंस फेलियर रहा है कि सरकार छह विधायकों की नाराजगी को भांप न सकी। उन्होंने कहा कि अभी भी पार्टी में उनकी वापसी के रास्ते खुले हैं.
"सीएम सुक्खू ने राज्यसभा चुनाव को लेकर अपनी नाकामी मानी है. हमने सभी विधायकों और पीसीसी चीफ से बात की है. सभी डिफरेंस खत्म हुए हैं और सभी मिलकर एकजुट हैं और लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. पार्टी और सरकार को के बीच समन्वय के लिए 6 सदस्यीय कमेटी बना रहे हैं. जिसमें सीएम, डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के अलावा 3 सदस्य केंद्र से होंगे. सभी नेताओं ने मिलकर काम करने की शपथ ली है. अब सभी नेता किसी भी परिस्थिति में सरकार और पार्टी के हित में काम करेंगे. मुख्यमंत्री सभी को साथ लेकर चलेंगे और प्रदेश अध्यक्ष का पूरा समर्थन भी सरकार के साथ है. पार्टी से लेकर सरकार, मंत्री और विधायक तब सभी साथ मिलकर काम करेंगे"- डीके शिवकुमार, पर्यवेक्षक
कॉर्डिनेशन कमेटी का काम क्या होगा
भूपेंद्र हुड्डा ने बताया कि इस कमेटी का काम समन्वय के साथ आपस में सहमति बनाना होगा. कोई भी विधायक या संगठन का पदाधिकारी पार्टी या सरकार के बारे में मीडिया में नहीं जाएंगे. बल्कि पार्टी में कोई भी मनभेद, मतभेद या मुद्दा सुलझाने के लिए इस समन्वय समिति के समक्ष रखेंगे और हल निकालने की कोशिश करेंगे ताकि सरकार और संगठन के बीच समन्वय बना रहे.
"राज्यसभा चुनाव में हार का अफसोस है क्योंकि ये हमारी पक्की सीट है. हार के कारण सभी जानते हैं और इसकी चर्चा भी हो चुकी है. हमने सभी विधायकों, प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के साथ अलग-अलग बात की है. सभी सदस्यों ने अपने बीच के मतभेद दूर कर लिये हैं और अब एक सहमति बन गई है. अब सभी ने ये फैसला लिया है कि मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे और पार्टी को जिताएंगे. 6 सदस्यों की कॉर्डिनेशन कमेटी होगी जिसमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष के साथ 3 अन्य सदस्य दिल्ली से घोषित किए जाएंगे." - भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पर्यवेक्षक
सरकार पर स्पष्ट लेकिन सुक्खू के भविष्य का सवाल टाला
क्या सुखविंदर सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे ? इस सवाल का पर्यवेक्षकों ने साफ तो नहीं दिया लेकिन भूपेंद्र हुड्डा और डीके शिव कुमार दोनों ने ही कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार 5 साल चलेगी और सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के मुख्यमंत्री हैं. हालांकि भविष्य के मुख्यमंत्री के सवाल को कांग्रेस पर्यवेक्षक टालते रहे. डीके शिवकुमार ने हिमाचल में ऑपरेशन लोटस की बात को भी नकारा है. वहीं भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस एकजुट और मजबूत है.
"हमें खेद है कि राज्यसभा की सीट नहीं जिता पाए. हमने देश के जाने-माने वकील को उम्मीदवार उतारा था लेकिन हम हारे जिसका हमें अफसोस है. अब अगली चुनौती लोकसभा चुनाव हैं. जिसमें हमें एकजुट होकर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है ताकि जीत हासिल कर सकें. पार्टी पहले भी मजबूत है और आज भी मजबूत है. जो छोटी-मोटी बातें थी वो हमने बैठकर सुलझा ली हैं. संगठन और सरकार में तालमेल जरूरी है. इसके लिए समन्वय समिति बनाने का फैसला हुआ है." - प्रतिभा सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, हिमाचल
"राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद सरकार गिरने की अफवाहें उड़ी. सरकार सत्र में थी और बजट पारित होना था. मेरे इस्तीफे की अफवाह उड़ाई गई जिसका मैंने खंडन किया. बीजेपी सिर्फ 25 विधायकों के सहारे सरकार गिराने के सपने देख रही है. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई, विधायकों को हरियाणा पुलिस, सीआरपीएफ हेलीकॉप्टर से पंचकूला ले गई. क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक हिमाचल की जनता को फेस नहीं कर पाएंगे. मैं इंटेलिजेंस फेलियर मानता हूं, शायद हम ज्यादा शराफत में रह गए. मेरी अपनी भी कमी रही. हमारी सरकार 5 साल चलेगी. क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 विधायक हमारे भाई हैं. अगर वो लौटना चाहते हैं तो उनका स्वागत हैं. - सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे पर केंद्रीय पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और वो गुरुवार रात को होने वाली कैबिनेट बैठक में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासन बहुत जरूरी है. अनुशासन सरकार और पार्टी की प्राथमिकता है और हिमाचल कांग्रेस अब इसी अनुशासन के साथ मिलकर काम करेगी.
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