हैदराबाद : हैदराबाद के उपनगर चिलुकुर में बालाजी मंदिर में गरुड़ प्रसादम लेने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की वजह लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इसकी वजह से लोगों ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ा. बता दें कि ब्रह्मोत्सवम के हिस्से के रूप में, ध्वजारोहण के बाद संतानहीनता से पीड़ित महिलाओं को गरुड़ प्रसाद वितरित करने की प्रथा है. इसी कड़ी में मंदिर के मुख्य पुजारी रंगराजन ने घोषणा की थी कि इस वर्ष भी उत्सव के दौरान गरुड़ प्रसादम वितरित किया जाएगा. वहीं इसको लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया गया.
मंदिर में प्रसाद लेने के लिए शहर के कोने-कोने और अन्य जिलों से कई महिलाएं और भक्त सुबह 4 बजे से चिलुकुर बालाजी मंदिर पहुंचना शुरू हो गए थे. वहां आने वालों में श्रद्धालुओं में सिर्फ आम महिलाएं ही नहीं थीं, बल्कि सॉफ्टवेयर, आईटी और एमएनसी में काम करने वाली महिला कर्मचारी भी आई थीं. नतीजा यह हुआ कि मंदिर की ओर जाने वाली सभी सड़कें वाहनों से खचाखच भर गईं. चूंकि भीड़ उम्मीद से अधिक थी.
फलस्वरूप शहर के लंगर हाउस से लेकर आउटर रिंग रोड, पुलिस अकादमी जंक्शन, अजीज नगर और चिलुकुरु स्क्वायर होते हुए मंदिर तक लगभग 30 किलोमीटर तक वाहन रुके रहे. इस वजह से उस मार्ग पर चेवेल्ला और विकाराबाद जाने वाले नियमित मोटर चालकों को भी जाम की समस्या का सामना करना पड़ा. मामले की जानकारी होने पर मोइनाबाद पुलिस ने ट्रैफिक नियंत्रित करने का प्रयास किया. वहीं ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण ट्रैफिक पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया. हालात को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और अतिरिक्त जवानों के साथ मंदिर आने वाले वाहनों को डायवर्ट किया गया. लेकिन जैसे ही भक्तों को चलने का निर्देश दिया गया वैसे ही करीब पांच से छह किलोमीटर तक प्रसादम लेने के लिए लोगों के बीच में प्रतिस्पर्धा हो गई.
इस संबंध में मोइनाबाद पुलिस ने बताया कि मंदिर प्रबंधन का अनुमान था कि करीब पांच हजार लोग आएंगे और उससे भी ज्यादा सुबह 10:30 बजे तक 60,000 से ज्यादा श्रद्धालु आ चुके थे, जिससे ट्रैफिक की समस्या पैदा हो गई. मंदिर के कर्मचारियों ने खुलासा किया कि 30 हजार लोगों को गरुड़ प्रसाद बांटा गया और फिर प्रसाद का वितरण बंद कर दिया गया. हालांकि, चिलुकुर मंदिर में भक्तों की संख्या में कमी नहीं आई है. सुबह 11 बजे तक करीब 60 हजार से अधिक भक्त आ चुके थे, और यह संख्या बढ़ रही थी. उन्होंने एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया.
उन्होंने बताया कि मंदिर के कर्मचारियों को उम्मीद थी कि केवल 5,000 लोग ही आएंगे. लेकिन हमारी उम्मीद से कहीं अधिक अप्रत्याशित संख्या में भक्त आए. इस वजह से कई इलाकों में ट्रैफिक जाम हो गया. वहीं कई श्रद्धालुओं ने अफसोस जताया है कि यहां श्रद्धालुओं के लिए उचित सुविधाएं नहीं हैं और पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. गर्मी की तपिश में प्रसाद के लिए आई महिलाओं की परेशानी का सामना करना पड़ा.
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