संगरूर, खानौरी: किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का खानौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 52वें दिन भी जारी है. दल्लेवाल की तबीयत दिन-ब-दिन गिरती जा रही है. उनके समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठे 111 किसान नेताओं में से एक की तबीयत अचानक बिगड़ गई. बताया जा रहा है कि स्ट्रोक के कारण युवा किसान की तबीयत बिगड़ी है. उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा दी गई.
किसान को पड़ा मिर्गी का दौरा
मौके पर मौजूद डॉक्टर ने बताया कि यह किसान कल से अनशन कर रहा है और आज उसे मिर्गी का दौरा पड़ा है. जिसे ठीक करने में चिकित्सा विभाग ने मदद की. उन्होंने कहा कि किसान काफी समय से एक ही जगह पड़ा हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि कई किसान विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन अब वे उपवास के कारण कोई दवा नहीं ले सकते हैं. इस वजह से भी उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल किसान की हालत में सुधार है और वह फिर से आमरण अनशन पर बैठने की तैयारी कर रहा है.
15 जनवरी 2025 को खनुरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे दोनों मंचों के 111 किसान नेताओं की सूची में सुखजीत सिंह दोनों झंडे, पलविंदर सिंह महल, सुखबीर सिंह रामकोट, निर्मल सिंह फाजिल्का, अरुण सिन्हा बिहार, गुरसेवक सिंह नूरपुर, नसीब सिंह संघना सहित 111 किसान नेता शामिल हैं. बता दें कि जिनकी तबीयत बिगड़ी है उनका संबंध कपूरथला के युवा किसान से है, जो कल 15 जनवरी को किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के समर्थन में आमरण अनशन करने वाले जत्थे के साथ आए थे.
किसानों की मांगें क्या हैं?
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के अलावा, किसान ऋण माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 में हुई लखीमपुर खेड़ी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है.