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सुप्रीम कोर्ट से स्पाइसजेट को मिली राहत, कलानिधि मारन की याचिका खारिज - Supreme Court

Kalanithi Maran, कलानिधि मारन और केएएल एयरवेज की स्पाइसजेट के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी.साथ ही कोर्ट ने मामले को हाई कोर्ट की एकल बेंच को नए सिरे से विचार करने के लिए वापस भेज दिया है.

SUPREME COURT
सुप्रीम कोर्ट (ANI)
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By Sumit Saxena

Published : Jul 26, 2024, 9:44 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट को राहत देते हुए शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कलानिधि मारन और केएएल एयरवेज की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के उस फैसले को खारिज कर दिया था जिसमें स्पाइसजेट को मीडिया उद्यमी और उनकी कंपनी को ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये लौटाने को कहा गया था.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने यह स्पष्ट किया कि अदालत उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी और मारन और उनकी फर्म की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी की दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, 'नहीं, नहीं...हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे. इसे वापस (उच्च न्यायालय में) जाने दें.' अब सुप्रीम कोर्ट ने खंडपीठ के फैसले को यथावत रखते हुए मामले को नए सिरे से विचार के लिए नए एकल बेंच को वापस भेज दिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले एकल पीठ के आदेश की आलोचना की. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 34 के तहत मामले की अपर्याप्त हैंडलिंग को रेखांकित किया. साथ ही उन्होंने नए एकल न्यायाधीश द्वारा मामले की गहन पुनर्विचार की आवश्यकता पर जोर दिया.

बता दें कि मई 2024 में दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने स्पाइसजेट के एमडी अजय सिंह की याचिका पर एक आदेश पारित किया था. इसके तहत एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को रद्द कर दिया था. वहीं आदेश में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के उस निर्णय को बरकरार रखा गया था, जिसमें स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह को ब्याज के साथ मोटी रकम मारन को वापस करने के लिए कहा गया था. इसी क्रम में पीठ ने 31 जुलाई 2023 को पारित एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह और स्पाइसजेट की अपील को स्वीकार कर ली थी और मध्यस्थता न्यायाधिकरण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को संबंधित कोर्ट में वापस भेज दिया था.

ये भी पढ़ें - 'न पानी की पर्याप्त सप्लाई, न साफ-सफाई की व्यवस्था...' असम के डिटेंशन सेंटर्स पर SC ने जताई चिंता

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट को राहत देते हुए शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कलानिधि मारन और केएएल एयरवेज की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के उस फैसले को खारिज कर दिया था जिसमें स्पाइसजेट को मीडिया उद्यमी और उनकी कंपनी को ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये लौटाने को कहा गया था.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने यह स्पष्ट किया कि अदालत उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी और मारन और उनकी फर्म की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी की दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, 'नहीं, नहीं...हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे. इसे वापस (उच्च न्यायालय में) जाने दें.' अब सुप्रीम कोर्ट ने खंडपीठ के फैसले को यथावत रखते हुए मामले को नए सिरे से विचार के लिए नए एकल बेंच को वापस भेज दिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले एकल पीठ के आदेश की आलोचना की. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 34 के तहत मामले की अपर्याप्त हैंडलिंग को रेखांकित किया. साथ ही उन्होंने नए एकल न्यायाधीश द्वारा मामले की गहन पुनर्विचार की आवश्यकता पर जोर दिया.

बता दें कि मई 2024 में दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने स्पाइसजेट के एमडी अजय सिंह की याचिका पर एक आदेश पारित किया था. इसके तहत एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को रद्द कर दिया था. वहीं आदेश में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के उस निर्णय को बरकरार रखा गया था, जिसमें स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह को ब्याज के साथ मोटी रकम मारन को वापस करने के लिए कहा गया था. इसी क्रम में पीठ ने 31 जुलाई 2023 को पारित एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह और स्पाइसजेट की अपील को स्वीकार कर ली थी और मध्यस्थता न्यायाधिकरण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को संबंधित कोर्ट में वापस भेज दिया था.

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