हजारीबागः सांसद जयंत सिन्हा ने आखिकार अपनी चुप्पी तोड़ दी. टिकट कटने के बाद उन्होंने मीडिया में किसी भी तरह का बयान नहीं दिया था. जब उन्हें झारखंड के प्रदेश महामंत्री राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने नोटिस जारी किया और स्पष्टीकरण की मांग की तो उन्होंने चुप्पी तोड़ दी. उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर अपना जवाब सार्वजनिक किया है. इस जवाब में जयंत सिन्हा का दर्द भी दिख रहा है.
हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा को भाजपा के प्रदेश महामंत्री सह राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. दो दिनों के अंदर ही सांसद जयंत सिन्हा ने उन्हें सोशल मीडिया साइट एक्स के माध्यम से जवाब दिया है. साथ ही यह अफसोस जाहिर किया कि आखिर उन्होंने बिना जाने समझे कैसे मीडिया के जरिए नोटिस जारी किया है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व में उन्होंने हिस्सा लिया था और पोस्टल बैलट पेपर के जरिए मतदान भी किया था.
उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हुए वार्ता को ध्यान दिलाते हुए बताया है कि 2 मार्च, 2024 को लोकसभा चुनाव से काफी समय पहले ही सक्रिय चुनावी दायित्व में भाग न लेने का निर्णय लिया था. ताकि वैश्विक जलवायु परिवर्तन से उभरे हुए मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट कर सकूं. यह निर्णय सार्वजनिक घोषणा करके मैसेज पोस्ट करके बताया गया था. उन्होंने यह भी एक मैसेज के जरिये बताया कि आर्थिक और शासन संबंधी नीतियों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा.
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी चाहती कि किसी प्रकार की चुनावी गतिविधि में भाग लूं तो निश्चित रूप से संपर्क कर सकते थे, लेकिन 2 मार्च, 2024 की घोषणा के बाद झारखंड के किसी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी सांसद, विधायक ने संपर्क नहीं किया. किसी भी पार्टी कार्यक्रम, रैली, संगठनात्मक बैठक के लिए आमंत्रित भी नहीं किया गया. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी अगर चाहते तो निश्चित रूप से आमंत्रित कर सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 29 अप्रैल को भाजपा उम्मीदवार मनीष जायसवाल की नामांकन रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन सूचना देर से मिली. सुबह हजारीबाग पहुंचना संभव नहीं था. दो मई को हजारीबाग पहुंचकर मनीष जायसवाल के आवास में शिष्टाचार भेंट करने के लिए पहुंचा. इस दौरान वो उपस्थित नहीं थे. ऐसे में उनके परिवार वालों को शुभकामना संदेश दिया था. इसके बाद मनीष जायसवाल ने कोई संपर्क नहीं साधा. इस कारण 3 मई को वापस दिल्ली लौट गया.
उन्हें अपने मैसेेज के जरिए यह भी बताया कि 10 मई को विदेश चला गया इसकी सूचना लोकसभा अध्यक्ष को भी दी गई. पार्टी द्वारा किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करने के कारण रुकने की भी कोई खास आवश्यकता नहीं दिखाई पड़ी. उसके पहले ही मैंने पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के जरिए मतदान किया. इसलिए जो आरोप लगाया गया है वह गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि मतदान के कर्तव्य का पालन उन्होंने किया है.
अपने मैसेज के जरिए उन्होंने यह भी बताया कि हजारीबाग का सांसद रहते हुए कई काम किए हैं और 2019 के चुनाव में रिकार्ड वोट से विजय हुआ था. उन्होंने प्रदेश महामंत्री पर सवाल खड़ा करते हुए यह भी कहा कि चुनाव समाप्त होने के बाद इस तरह का पत्र भेजना समझ के परे है.
अपने मैसेज के जरिए उन्होंने ये भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया से खुद को दूर रखने की खबर के बाद हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के हजारों मतदाता और पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली तक मिलने आए. सभी ने आग्रह किया था निर्णय पर विचार करें और वापस ले. साथ ही लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारी जारी रखें. उन्होंने कहा कि यह एक कठिन समय था. जिसमें जन भावना ऊफान पर थी लेकिन राजनीतिक मर्यादा और संयम उन्होंने बरकार रखा.
उन्होंने पत्र का जवाब झारखंड प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड प्रदेश प्रभारी, झारखंड क्षेत्रीय संगठन महामंत्री, झारखंड प्रदेश संगठन महामंत्री और जिला अध्यक्ष को भी दिया है. दरअसल प्रदेश महामंत्री सह राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने उनसे ये पूछा था कि आखिर आपने चुनाव के दौरान प्रचार प्रसार में हिस्सा नहीं लिया और न ही संगठनात्मक कामों में. यहां तक कि मतदान में भी हिस्सा नहीं लिया. आखिर इसके पीछे का कारण क्या है. आपके इस रवैये से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है. दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण दें.
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