चंडीगढ़: हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. यह खुलासा स्वयं प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से हुआ है. इसके अनुसार सिविल अस्पतालों में आने वाले मरीजों से न केवल डॉक्टर दुर्व्यवहार करते हैं, बल्कि मरीजों को अपने-अपने प्राइवेट अस्पतालों में रेफर करते हैं. यहां तक कि मरीजों से ऑपरेशन के पैसे तक लिए जा रहे हैं. अस्पतालों में दवाइयों की कमी और पैसे लेकर एमएलआर काटने वाले डॉक्टरों तक का जिक्र है. ऐसे कई डॉक्टरों और कई अस्पतालों के नाम की लिस्ट हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सार्वजनिक की गई है.
कई सरकारी डॉक्टर चला रहे हैं प्राइवेट अस्पताल: स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश के सिविल अस्पतालों में तैनात कई डॉक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने अपने या अपनी पत्नी के नाम पर प्राइवेट अस्पताल चला रहे हैं. इस रिपोर्ट में डॉक्टरों के नाम और उनके अस्पतालों की जानकारी भी सार्वजनिक की गई है.
यहां हैं निजी अस्पताल: डॉक्टरों ने अंबाला, चरखी दादरी, बल्लभगढ़, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, हांसी, जींद जिलों में अपने-अपने प्राइवेट अस्पताल खोले हुए हैं. पत्र में लिखा है कि अंबाला में एक, चरखी दादरी में दो, फतेहाबाद में एक, गुुरुग्राम में एक, हिसार में एक, महेंद्रगढ़ में तीन, पानीपत में एक और पलवल में 2 ऐसे चिकित्सक तैनात हैं, जो मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर करते हैं और वहां से कमिशन लेते हैं.
12 डॉक्टरों पर मरीजों को प्राइवेट अस्पताल रेफर करने के आरोप: डायरेक्टर द्वारा भेजी रिपोर्ट के साथ उन 12 डॉक्टरों की एक ऐसी सूची भी संलग्न है, जो मरीजों को अपने प्राइवेट अस्पताल में रेफर करते हैं.
डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के निर्देश: स्वास्थ्य विभाग के जॉइंट डायरेक्टर (प्रशासन) ने सभी सिविल सर्जन को लेटर लिखकर जांच के दायरे में आए ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई करने को कहा है. जांच के दायरे में आए सभी डॉक्टरों और अस्पतालों के नाम का उल्लेख किया गया है.
इन सिविल और जनरल अस्पतालों में यह मिली कमियां: हरियाणा के 11 अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमियां पाई गई हैं. यह अस्पताल नारायणगढ़, दादरी, जींद, असंध, नीलोखेड़ी, कलानौर, महम, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद और सोनीपत में हैं, जहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है. इनके अलावा 25 जनरल अस्पताल नारायणगढ़, दादरी, फतेहाबाद, सोहना, हिसार, झज्जर, बहादुरगढ़, जींद, कैथल, असंध, नीलोखेड़ी, कुरुक्षेत्र, नारनौल, मांडीखेड़ा नगीना, पलवल, पानीपत, समालखा, रेवाड़ी, रोहतक, कलानौर, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, सोनीपत और यमुनानगर के हैं, जहां MRI की सुविधा नहीं है. सिविल अस्पताल सोहना में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते डॉक्टरों द्वारा मरीजों को सिविल अस्पताल सेक्टर-10 गुरुग्राम में रेफर किया जाता है, करीब 25 किलोमीटर दूर है. इससे मरीज काफी परेशानी हैं.
नॉन-अप्रूव्ड लैब में कराए जा रहे टेस्ट: हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में सिविल अस्पताल दादरी के कुछ डॉक्टरों के समय पर नहीं आने का खुलासा भी किया गया है. नतीजतन लैब टेक्नीशियन मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए उन लैब में भेज रहे हैं, जो हरियाणा सरकार से स्वीकृत (अप्रूव्ड) तक नहीं है. सिविल अस्पताल सोनीपत में तैनात ENT डॉ. प्रदीप लाकड़ा के ड्यूटी के समय सीट पर नहीं बैठने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ऑपरेशन के पैसे लेते हैं डॉक्टर: प्रदेश के डॉक्टरों के लिए मुसीबत बनी इस रिपोर्ट में उन डॉक्टरों के भी नाम हैं जिनका मरीजों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है. सिविल सर्जन को लिखे पत्र में भिवानी, चरखी दादरी, हिसार, हांसी, कैथल, पंचकूला, सोनीपत, नागरिक अस्पताल में तैनात डॉक्टरों का मरीजों के साथ व्यवहार ठीक नहीं होने की शिकायत मिलने की बात लिखी गई है. बड़ा खुलासा करते हुए यह आरोप लगे हैं कि सिविल अस्पताल पलवल में डॉक्टर ऑपरेशन के एवज में पैसे लेते हैं.
HCMS का दबाव बनाने का आरोप: वहीं, इस मामले में हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन (HCMS) के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा कि बिना जांच के डॉक्टरों के नाम सार्वजनिक करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग केवल डॉक्टरों पर दबाव बनाना चाहता है.
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