वाराणसी: ज्ञानवापी के मूल मुकदमे 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वर के बाद की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई. मंगलवार (9 अप्रैल 2024) को कोर्ट में इस मूल वाद में लोहता के मुख्तार अहमद ने पक्षकार बनने की याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई हुई. पक्षकार बनाए जाने को लेकर फैसला आने की संभावना थी, लेकिन कोर्ट ने अपना आदेश टाल दिया और अब इस मामले में 16 अप्रैल को सुनवाई होगी. एक अन्य मामले में 19 अप्रैल को को सुनवाई करेगा.
इस केस के नए पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने या न किए जाने को लेकर कोर्ट को आज (9 अप्रैल 2024) अपना निर्णय देना था. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पिछली सुनवाई पर जज ने फैसला सुरक्षित कर लिया था, और आज इस पर सुनवाई होनी थी कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आज भी फैसला नहीं सुनाया और अब 16 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होगी.
ज्ञानवापी मामले में 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वर वार्ड में सिविल जा सीनियर डिवीजन फास्ट्रेक कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. इस केस में अभी विजय शंकर रस्तोगी लॉर्ड विश्वेरनाथ के बाद मित्र की तरफ से अपना पक्ष रख रहे हैं. मुस्लिम पक्ष की तरफ से मुख्तार अहमद को पक्षकार बनाने की याचिका पर आज सुनवाई की हुई.
लोहता के मुख्तार अहमद ने अर्जी देकर ज्ञानवापी मुकदमे से संबंधित कई महत्वपूर्ण तथ्य और दस्तावेज अपने पास होने का दावा किया है. जिसके लिए उसे पक्ष कर बनाए जाने की बात भी कोर्ट के सामने उसने रखी है. मुख्तार अहमद को पक्षकार बनाए जाने के मुद्दे पर बहस पूरी हो चुकी है. वहीं मुख्तार अहमद अंसारी ने एक अन्य वार्ड दायर करते हुए ज्ञानवापी परिसर में मौजूद क़ब्र पर चादर पोशी सहित अन्य धार्मिक आयोजनों की भी मांग की है. जिस मामले में 20 अप्रैल को सुनवाई होगी.