ETV Bharat / bharat

खत्म हो रहा ग्वालियर का पानी! भीषण गर्मी में यहां हर रोज होती है पानी के लिए मारामारी - Water Left for 15 Days In Gwalior

चिलचिलाती धूप और पानी के लिए परेशान लोग, खाली बर्तन लेकर कुएं बावड़ी पर महिलाओं बच्चों की भीड़, यह नजारा हमने कई बार फिल्मों में देखा है. कुछ ऐसे ही हालत इन दोनों मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बने हुए हैं, अंतर सिर्फ इतना है कि यहां भीड़ कुएं पर नहीं बल्कि पानी के टैंकरों पर लगती है क्योंकि नलों में अब पानी नहीं आ रहा, कहा जा रहा है कि ग्वालियर का पानी खत्म हो रहा है. ग्वालियर से पीयूष श्रीवास्तव की यह खास रिपोर्ट.

left water in TIGHRA DAM 15 DAYS
तिघरा डैम में बचा 15 दिन के लिए पानी (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 4:01 PM IST

ग्वालियर। एक तरफ नौतपा की भीषण गर्मी और दूसरी और ग्वालियर जल संकट से गुजर रहा है. बताया जा रहा है कि ग्वालियर के तिघरा डैम में सिर्फ दो हफ्ते का पानी बचा है. ऐसे में कई इलाके पेयजल समस्या की वजह से प्यासे बैठे हैं. नगर निगम पानी की आपूर्ति टैंकरों से कर रहा है लेकिन ज्यादातर इलाकों में यह पूरी नहीं हो पा रही है. ग्वालियर का रामनगर इलाका तो जैसे दशकों पीछे चला गया है. यहां जब पानी का टैंकर आता है तो पानी के लिए लोगों में भगदड़ और मारामारी की स्थिति बन जाती है. कुछ ऐसे ही हालात ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान भी बने.

भीषण गर्मी में हर रोज ऐसे ही होती है पानी के लिए मारामारी (ETV Bharat)

टैंकरों से हो रहा पेयजल सप्लाई

जिला मुख्यालय से लगा रामनगर इलाका एक पिछड़ा और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. स्थानीय रहवासी आज भी यहां मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली सड़क के लिए तरस रहे हैं, हद तो इस बात की है कि लोगों को यहां पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है. ईटीवी भारत ने जब इस तपिश भरी गर्मी में पानी की व्यवस्था को लेकर रामनगर का रुख किया तो पता चला कि इस क्षेत्र में प्रतिदिन टैंकरों के जरिए करीब 400 लोगों की आबादी को पानी सप्लाई किया जा रहा है.

Water Left for 15 Days In Gwalior
पानी का टैंकर पहुंचते ही कॉलोनी में मच जाती है भगदड़ (ETV Bharat)

टैंकर आते ही मचती है भगदड़

हमारे सामने ही नगर निगम का एक 5000 लीटर कैपेसिटी वाला पानी का टैंकर आया तो स्थानीय लोगों ने जैसे बर्तन लेकर दौड़ लगा दी. देखते ही देखते लोगों ने पानी के टैंकर को घेर लिया कोई सर पर ड्रम रख कर लाया तो कोई हाथों में बर्तन लेकर दौड़ता दिखाई दिया. कुछ ही देर में टैंकर के आसपास पानी भरने वालों की भीड़ और बर्तनों का जमावड़ा लग गया. पानी भरने की होड़ और इस बात का डर की कहीं पानी खत्म हो गया तो अगले दिन तक क्या होगा हर तरफ सिर्फ चिल्लाने की आवाज थी.

Water Crisis In Gwalior
बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग बर्तन लेकर पहुंचते हैं पानी लेने (ETV Bharat)

रामनगर में फेल हो गयी नलजल योजना

लोगों ने बताया कि यहां नल-जल योजना की लाइन तो डाली गई लेकिन नलों में पानी नहीं आता है. ना ही गांव में लगे हैंडपंपों से पानी निकल रहा है. यहां पानी भर रही महिलाओं और लोगों से बातचीत की. महिलाओं ने अपनी पीड़ा तो बताई पर साथ ही अपने हालात और मजबूरी का दर्द भी उनकी आवाज में साफ झलकता दिखाई दिया.

Water crisis deepens in summer
टैंकर आते ही यहां पानी के लिए होती है मारामारी (ETV Bharat)

महिलाओं ने बताई जलसंकट की पीड़ा

महिलाओं का कहना था कि पानी को लेकर बहुत परेशानी है. अपने घर से दूर जाकर पानी ढोकर लाने में हालत खराब हो रही है. पानी की इतनी शॉर्टेज है कि घर में पूर्ति नहीं हो पाती. महिला ने बताया कि नलों में पानी नहीं आता. पानी एक बड़ी समस्या बन गई है यहां जनता प्यासी मर रही है. सर्दियों और बरसात में तो टैंकर भी दो-तीन दिन में आता है हालांकि अभी लगभग हर रोज एक टैंकर यहां आ रहा है.

10 मिनट में खाली टैंकर, कुछ लोग रह जाते हैं प्यासे

आज पानी एक सबसे बड़ी जरूरत है, खासकर इस गर्मी के सीजन में लोगों का नहाना धोना तक मुहाल हो रहा है. भरे पूरे परिवार के लोग पानी की कमी की वजह से परेशान है. इन्हीं रहवासियों में से एक महिला ने बताया कि घर में छोटे बच्चे भी हैं घर के अन्य सदस्य भी हैं इसलिए पानी ज्यादा लगता है और अगर कहीं किसी दिन टैंकर ना आए तो उसे दिन लोग खाली हाथ रह जाते हैं प्यासे रह जाते हैं.

ये भी पढ़ें:

विदिशा में पानी की भारी किल्लत, लोग पानी के लिए खून बहाने को तैयार

भूजल संरक्षण : इंदौर में गहराते जल संकट को रोकने के लिए बड़ा कदम, इन जगहों पर वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाना हुआ जरूरी

बूढ़े, जवान क्या बच्चे तक ढोते हैं पानी

रामनगर में रहने वाले इन लोगों का जीवन अब इस भीषण गर्मी में भी सिर्फ इन टैंकरों पर निर्भर है और अगर समय पर टैंकर पर न पहुंचे यह टैंकर का पानी खत्म हो गया तो घर में पानी की बूंद के लिए भी लोग तरस जाते हैं. क्या जवान, क्या बूढ़े, बच्चे तक पानी भरकर अपने घर की ओर जाते नज़र आये इस भीषण गर्मी में जिस तरह का नजारा दिखाई दिया वह सिस्टम के तमाम विकास के दावों को खोखला साबित कर रहा है.

ग्वालियर। एक तरफ नौतपा की भीषण गर्मी और दूसरी और ग्वालियर जल संकट से गुजर रहा है. बताया जा रहा है कि ग्वालियर के तिघरा डैम में सिर्फ दो हफ्ते का पानी बचा है. ऐसे में कई इलाके पेयजल समस्या की वजह से प्यासे बैठे हैं. नगर निगम पानी की आपूर्ति टैंकरों से कर रहा है लेकिन ज्यादातर इलाकों में यह पूरी नहीं हो पा रही है. ग्वालियर का रामनगर इलाका तो जैसे दशकों पीछे चला गया है. यहां जब पानी का टैंकर आता है तो पानी के लिए लोगों में भगदड़ और मारामारी की स्थिति बन जाती है. कुछ ऐसे ही हालात ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान भी बने.

भीषण गर्मी में हर रोज ऐसे ही होती है पानी के लिए मारामारी (ETV Bharat)

टैंकरों से हो रहा पेयजल सप्लाई

जिला मुख्यालय से लगा रामनगर इलाका एक पिछड़ा और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. स्थानीय रहवासी आज भी यहां मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली सड़क के लिए तरस रहे हैं, हद तो इस बात की है कि लोगों को यहां पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है. ईटीवी भारत ने जब इस तपिश भरी गर्मी में पानी की व्यवस्था को लेकर रामनगर का रुख किया तो पता चला कि इस क्षेत्र में प्रतिदिन टैंकरों के जरिए करीब 400 लोगों की आबादी को पानी सप्लाई किया जा रहा है.

Water Left for 15 Days In Gwalior
पानी का टैंकर पहुंचते ही कॉलोनी में मच जाती है भगदड़ (ETV Bharat)

टैंकर आते ही मचती है भगदड़

हमारे सामने ही नगर निगम का एक 5000 लीटर कैपेसिटी वाला पानी का टैंकर आया तो स्थानीय लोगों ने जैसे बर्तन लेकर दौड़ लगा दी. देखते ही देखते लोगों ने पानी के टैंकर को घेर लिया कोई सर पर ड्रम रख कर लाया तो कोई हाथों में बर्तन लेकर दौड़ता दिखाई दिया. कुछ ही देर में टैंकर के आसपास पानी भरने वालों की भीड़ और बर्तनों का जमावड़ा लग गया. पानी भरने की होड़ और इस बात का डर की कहीं पानी खत्म हो गया तो अगले दिन तक क्या होगा हर तरफ सिर्फ चिल्लाने की आवाज थी.

Water Crisis In Gwalior
बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग बर्तन लेकर पहुंचते हैं पानी लेने (ETV Bharat)

रामनगर में फेल हो गयी नलजल योजना

लोगों ने बताया कि यहां नल-जल योजना की लाइन तो डाली गई लेकिन नलों में पानी नहीं आता है. ना ही गांव में लगे हैंडपंपों से पानी निकल रहा है. यहां पानी भर रही महिलाओं और लोगों से बातचीत की. महिलाओं ने अपनी पीड़ा तो बताई पर साथ ही अपने हालात और मजबूरी का दर्द भी उनकी आवाज में साफ झलकता दिखाई दिया.

Water crisis deepens in summer
टैंकर आते ही यहां पानी के लिए होती है मारामारी (ETV Bharat)

महिलाओं ने बताई जलसंकट की पीड़ा

महिलाओं का कहना था कि पानी को लेकर बहुत परेशानी है. अपने घर से दूर जाकर पानी ढोकर लाने में हालत खराब हो रही है. पानी की इतनी शॉर्टेज है कि घर में पूर्ति नहीं हो पाती. महिला ने बताया कि नलों में पानी नहीं आता. पानी एक बड़ी समस्या बन गई है यहां जनता प्यासी मर रही है. सर्दियों और बरसात में तो टैंकर भी दो-तीन दिन में आता है हालांकि अभी लगभग हर रोज एक टैंकर यहां आ रहा है.

10 मिनट में खाली टैंकर, कुछ लोग रह जाते हैं प्यासे

आज पानी एक सबसे बड़ी जरूरत है, खासकर इस गर्मी के सीजन में लोगों का नहाना धोना तक मुहाल हो रहा है. भरे पूरे परिवार के लोग पानी की कमी की वजह से परेशान है. इन्हीं रहवासियों में से एक महिला ने बताया कि घर में छोटे बच्चे भी हैं घर के अन्य सदस्य भी हैं इसलिए पानी ज्यादा लगता है और अगर कहीं किसी दिन टैंकर ना आए तो उसे दिन लोग खाली हाथ रह जाते हैं प्यासे रह जाते हैं.

ये भी पढ़ें:

विदिशा में पानी की भारी किल्लत, लोग पानी के लिए खून बहाने को तैयार

भूजल संरक्षण : इंदौर में गहराते जल संकट को रोकने के लिए बड़ा कदम, इन जगहों पर वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाना हुआ जरूरी

बूढ़े, जवान क्या बच्चे तक ढोते हैं पानी

रामनगर में रहने वाले इन लोगों का जीवन अब इस भीषण गर्मी में भी सिर्फ इन टैंकरों पर निर्भर है और अगर समय पर टैंकर पर न पहुंचे यह टैंकर का पानी खत्म हो गया तो घर में पानी की बूंद के लिए भी लोग तरस जाते हैं. क्या जवान, क्या बूढ़े, बच्चे तक पानी भरकर अपने घर की ओर जाते नज़र आये इस भीषण गर्मी में जिस तरह का नजारा दिखाई दिया वह सिस्टम के तमाम विकास के दावों को खोखला साबित कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.