पाटन: गुजरात के पाटन स्थित धारपुर मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्र अनिल मेथानिया की रैगिंग के दौरान तीन घंटे तक खड़े रहने के बाद मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, रविवार देर रात मेथानिया बेहोश हो गए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
अनिल की मौत के बाद उनके परिवार ने वरिष्ठ छात्रों पर रैगिंग का आरोप लगाया और दावा किया कि इसी वजह से उनकी मौत हुई. उनके अनुसार, उस रात सभी प्रथम वर्ष के छात्र परिचयात्मक सत्र में शामिल हो रहे थे. कथित तौर पर उन्हें तीन घंटे तक खड़ा रहने के लिए मजबूर किया गया. जिसके बाद अनिल बेहोश हो गए.
परिवार अब भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है. घटना के बारे में बात करते हुए धारपुर मेडिकल कॉलेज के डीन हार्दिक शाह ने पुष्टि की कि अनिल बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान छात्रों ने खुलासा किया कि घटना के समय वास्तव में परिचयात्मक सत्र चल रहा था. कॉलेज ने अनिल के परिवार और पुलिस दोनों को सूचित कर दिया है. शाह ने कहा कि मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा.
सिद्धपुर के डिप्टी एसपी केके पंड्या ने कहा कि छात्र की मौत की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत भारतीय दंड संहिता की धारा 174 के तहत आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के 15 छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
प्राथमिकी के अनुसार, सभी आरोपी एमबीबीएस के दूसरे वर्ष के छात्र हैं, जिन्होंने कथित तौर पर पीड़िता सहित कुछ जूनियर छात्रों को शनिवार रात तीन घंटे से अधिक समय तक छात्रावास के कमरे में खड़ा रखा और उन्हें 'मानसिक और शारीरिक यातना' दी.
प्राथमिकी में कहा गया है कि उन पर गैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है. पाटन के धारपुर में जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि आरोपी छात्रों को अगले आदेश तक उनके छात्रावास और शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया है.