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दुर्ग के कुम्हारी बस हादसे की ग्राउंड रिपोर्ट, दिल झकझोर देने वाले एक्सीडेंट का पूरा सच जानिए - Kumhari bus accident

मंगलवार का दिन छत्तीसगढ़ के लिए अमंगल साबित हुआ. मंगलवार की रात को दुर्ग के कुम्हारी में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. यहां निजी कंपनी के कर्मचारियों को ले जा रही बस 40 फीट गहरे खाई में गिर गई. इस भीषण सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई और 14 लोग घायल हैं. सड़क दुर्घटना के बाद अब कई तरह से सवाल उठ रहे हैं. ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर इस हादसे के कारणों का पता किया तो कई बड़े खुलासे हुए.

REPORT OF KUMHARI BUS ACCIDENT
कुम्हारी एक्सीडेंट पर ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 10, 2024, 9:03 PM IST

Updated : Apr 10, 2024, 11:29 PM IST

कुम्हारी हादसे का पूरा सच जानिए

दुर्ग: दुर्ग के कुम्हारी में मंगलवार रात को बड़ी सड़क दुर्घटना हुई. कुम्हारी से भिलाई जाते वक्त बस 40 फीट गहरी खाई में गिर गई. इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है और 14 लोग घायल हैं. इस सड़क दुर्घटना से छत्तीसगढ़ में मातम का माहौल है. किसी ने अपने पिता को खोया, किसी ने अपने भाई को खोया और किसी ने अपनी मां को खोया. आखिर इस हादसे की मूल वजह क्या है. क्यों यह रोड खतरनाक सड़क में तब्दील होती जा रही है. इसका जायजा ईटीवी भारत की टीम ने लिया. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए जो यह बताते हैं कि यह सड़क क्यों जानलेवा सड़क बन चुकी है.

इसी खाई में गिरी बस
इसी खाई में गिरी बस
राहत और बचाव कार्य की तस्वीरें
राहत और बचाव कार्य की तस्वीरें

कुम्हारी सड़क की हालत खस्ताहाल: कुम्हारी सड़क की हालत बेहद खस्ताहाल है. एक तरह से देखा जाए तो यह सड़क कच्ची है. सड़क के दोनों किनारे पर मुरुम की गहरी गहरी खदाने हैं जो अब खाई का रूप ले चुकी है. इन खदानों को भरने की जरूरत न तो जिला प्रशासन ने समझी और न ही जिस कंपनी ने यहां से मुरूम खनन का काम किया उसने समझी. इस वजह से सड़क के किनारे चालीस से पचास फीट की खाई है.

दुर्ग जिला प्रशासन की जांच
दुर्ग जिला प्रशासन की जांच

सड़क के दोनों किनारों पर नहीं है रेलिंग: ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि सड़क के दोनों किनारों पर कोई रेलिंग नहीं है. दोनों तरफ खाई और दोनों तरफ रेलिंग का नहीं होना यहां हादसे का कारण बनता है. ट्रैफिक मानदंडों के मुताबिक बिना रेलिंग वाली सड़क जिसके दोनों ओर खाई हो वह यातायात के लिए सुरक्षित नहीं मानी जाती है. बावजूद इसके इस सड़क पर परिचालन होता है. इसे रोकने की जहमत न तो ट्रैफिक विभाग ने उठाई न ही जिला प्रशासन ने उठाई है. अगर समय रहते इस सड़क पर गाड़ियों का परिचालन रोक दिया जाता तो यह हादसा नहीं होता.

सड़क पर लाइटिंग की व्यवस्था न होना: कुम्हारी की इस सड़क पर लाइटिंग की व्यवस्था नहीं है. रात के अंधेरे में इस सड़क पर अगर रौशनी के बिना सफर किया जाए तो वह साक्षात मौत को निमंत्रण देने जैसा है. मंगलवार को बस हादसे में यही हुआ. बस की लाइटिंग फेल हो गई और ड्राइवर ने संतुलन खो दिया. जिससे बस खाई में गिर गई.

विकसित सड़क तैयार करने की जिम्मेदारी किसकी?: सड़क खस्ताहाल है तो इसको विकसित करने की जिम्मेदारी किसकी है. क्या उस कंपनी की नहीं है जो इस सड़क से रोजाना कर्मचारियों को लाने और ले जाने का काम करती है. इसके अलावा क्या जिला प्रशासन को इस तरह की सड़कों को लेकर सचेत रहने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो अगर सड़क को बिना दुरुस्त किए इस पर गाड़ियों का परिचालन होता है तो यह हमेशा जानलेवा साबित होता रहेगा.

ईटीवी भारत के सवाल
ईटीवी भारत के सवाल

दुर्ग हादसा, सिस्टम से ईटीवी भारत के सवाल

  1. कुम्हारी सड़क को कब किया जाएगा पक्का ?
  2. कच्ची सड़क पर क्यों जारी है यातायात ?
  3. रात के समय इस सड़क पर वाहन चलाना खतरनाक
  4. सड़क पर क्यों नहीं है लाइटिंग की व्यवस्था ?
  5. दोनों तरफ मुरुम के खदान को क्यों नहीं भरा गया ?
  6. कब इस सड़क को किया जाएगा विकसित ?
  7. सड़क के दोनों ओर कब बनेगा स्थाई रेलिंग ?

घटना के चश्मदीदों ने क्या कहा: कुम्हारी में हुए इस हादसे पर स्थानीय निवासी दिलेश्वरी साहू ने बताया कि वह इलाके में किराना का दुकान चलाती हैं. मंगलवार की रात को बेहद जोर की आवाज आई. काफी धूल का गुबार उड़ा और उसके बाद लोगों की चीख पुकार सुनाई देने लगी. हमने देखा तो पता चला कि मुरूम खदान के गड्ढे में एक बस गिर गई है. इलाके में रोशनी भी नहीं थी जिससे राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानी हुई.

"तब मुझे एहसास हुआ कि एक बड़ी गाड़ी गिरी है, लेकिन यह आकलन नहीं कर सका कि यह किस तरह का वाहन था। अचानक मैंने चीखें सुनीं। मैंने तुरंत अपने परिवार के सदस्यों को बुलाया और सड़क से गुजर रहे कुछ लोगों को भी रोका और पुलिस को फोन किया. जिसके बाद पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत बचाव कार्य शुरू हो सका. मैं जब तक जीवित हूं इस घटना को नहीं भूलूंगी": दिलेश्वरी साहू, स्थानीय निवासी

बस हादसे पर सीएम ने क्या कहा: इस बस हादसे को सीएम विष्णुदेव साय ने दुर्भाग्यजनक बताया है. सीएम ने कहा कि "मेरी जानकारी के अनुसार, कंपनी ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा और एक नौकरी देने का फैसला किया है. कंपनी और सरकार घायलों के इलाज का ख्याल रख रही है". सीएम विष्णुदेव साय ने गुरुवार को रायपुर एम्स में घायलों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना.

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने घटनास्थल का लिया जायजा: डिप्टी सीएम विजय शर्मा बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने इस दौरान मजिस्ट्रियल जांच की बात कही. इसके अलावा डिप्टी सीएम ने कहा कि इस घटना के दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.

मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएम
मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएम

"जिस मार्ग पर हादसा हुआ है उस मार्ग में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. सड़क के किनारे पोल लगाकर अस्थाई बैरिकेटिंग का काम कराने के निर्देश दे दिए गए हैं. रोड सेफ्टी,परिवहन विभाग,पीडब्ल्यूडी विभाग और यातायात विभाग विभाग के अधिकारी जांच में जुट गए हैं.": विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़

परिवहन विभाग की जांच में क्या निकला: परिवहन विभाग ने इस घटना के बाद बस को लेकर जांच किया. बस साईं ट्रैवल्स नेहरू नगर के नाम पर है. बस के फिटनेस और बीमा से जुड़े दस्तावेज वैलिड पाए गए हैं. सड़क की दुर्दशा और खस्ताहाल स्थिति से अब भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जिसका जवाब सिस्टम और प्रशासन को आने वाले समय में अपने कार्यों से देना होगा.

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कुम्हारी हादसे का पूरा सच जानिए

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इसी खाई में गिरी बस
इसी खाई में गिरी बस
राहत और बचाव कार्य की तस्वीरें
राहत और बचाव कार्य की तस्वीरें

कुम्हारी सड़क की हालत खस्ताहाल: कुम्हारी सड़क की हालत बेहद खस्ताहाल है. एक तरह से देखा जाए तो यह सड़क कच्ची है. सड़क के दोनों किनारे पर मुरुम की गहरी गहरी खदाने हैं जो अब खाई का रूप ले चुकी है. इन खदानों को भरने की जरूरत न तो जिला प्रशासन ने समझी और न ही जिस कंपनी ने यहां से मुरूम खनन का काम किया उसने समझी. इस वजह से सड़क के किनारे चालीस से पचास फीट की खाई है.

दुर्ग जिला प्रशासन की जांच
दुर्ग जिला प्रशासन की जांच

सड़क के दोनों किनारों पर नहीं है रेलिंग: ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि सड़क के दोनों किनारों पर कोई रेलिंग नहीं है. दोनों तरफ खाई और दोनों तरफ रेलिंग का नहीं होना यहां हादसे का कारण बनता है. ट्रैफिक मानदंडों के मुताबिक बिना रेलिंग वाली सड़क जिसके दोनों ओर खाई हो वह यातायात के लिए सुरक्षित नहीं मानी जाती है. बावजूद इसके इस सड़क पर परिचालन होता है. इसे रोकने की जहमत न तो ट्रैफिक विभाग ने उठाई न ही जिला प्रशासन ने उठाई है. अगर समय रहते इस सड़क पर गाड़ियों का परिचालन रोक दिया जाता तो यह हादसा नहीं होता.

सड़क पर लाइटिंग की व्यवस्था न होना: कुम्हारी की इस सड़क पर लाइटिंग की व्यवस्था नहीं है. रात के अंधेरे में इस सड़क पर अगर रौशनी के बिना सफर किया जाए तो वह साक्षात मौत को निमंत्रण देने जैसा है. मंगलवार को बस हादसे में यही हुआ. बस की लाइटिंग फेल हो गई और ड्राइवर ने संतुलन खो दिया. जिससे बस खाई में गिर गई.

विकसित सड़क तैयार करने की जिम्मेदारी किसकी?: सड़क खस्ताहाल है तो इसको विकसित करने की जिम्मेदारी किसकी है. क्या उस कंपनी की नहीं है जो इस सड़क से रोजाना कर्मचारियों को लाने और ले जाने का काम करती है. इसके अलावा क्या जिला प्रशासन को इस तरह की सड़कों को लेकर सचेत रहने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो अगर सड़क को बिना दुरुस्त किए इस पर गाड़ियों का परिचालन होता है तो यह हमेशा जानलेवा साबित होता रहेगा.

ईटीवी भारत के सवाल
ईटीवी भारत के सवाल

दुर्ग हादसा, सिस्टम से ईटीवी भारत के सवाल

  1. कुम्हारी सड़क को कब किया जाएगा पक्का ?
  2. कच्ची सड़क पर क्यों जारी है यातायात ?
  3. रात के समय इस सड़क पर वाहन चलाना खतरनाक
  4. सड़क पर क्यों नहीं है लाइटिंग की व्यवस्था ?
  5. दोनों तरफ मुरुम के खदान को क्यों नहीं भरा गया ?
  6. कब इस सड़क को किया जाएगा विकसित ?
  7. सड़क के दोनों ओर कब बनेगा स्थाई रेलिंग ?

घटना के चश्मदीदों ने क्या कहा: कुम्हारी में हुए इस हादसे पर स्थानीय निवासी दिलेश्वरी साहू ने बताया कि वह इलाके में किराना का दुकान चलाती हैं. मंगलवार की रात को बेहद जोर की आवाज आई. काफी धूल का गुबार उड़ा और उसके बाद लोगों की चीख पुकार सुनाई देने लगी. हमने देखा तो पता चला कि मुरूम खदान के गड्ढे में एक बस गिर गई है. इलाके में रोशनी भी नहीं थी जिससे राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानी हुई.

"तब मुझे एहसास हुआ कि एक बड़ी गाड़ी गिरी है, लेकिन यह आकलन नहीं कर सका कि यह किस तरह का वाहन था। अचानक मैंने चीखें सुनीं। मैंने तुरंत अपने परिवार के सदस्यों को बुलाया और सड़क से गुजर रहे कुछ लोगों को भी रोका और पुलिस को फोन किया. जिसके बाद पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत बचाव कार्य शुरू हो सका. मैं जब तक जीवित हूं इस घटना को नहीं भूलूंगी": दिलेश्वरी साहू, स्थानीय निवासी

बस हादसे पर सीएम ने क्या कहा: इस बस हादसे को सीएम विष्णुदेव साय ने दुर्भाग्यजनक बताया है. सीएम ने कहा कि "मेरी जानकारी के अनुसार, कंपनी ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा और एक नौकरी देने का फैसला किया है. कंपनी और सरकार घायलों के इलाज का ख्याल रख रही है". सीएम विष्णुदेव साय ने गुरुवार को रायपुर एम्स में घायलों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना.

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने घटनास्थल का लिया जायजा: डिप्टी सीएम विजय शर्मा बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने इस दौरान मजिस्ट्रियल जांच की बात कही. इसके अलावा डिप्टी सीएम ने कहा कि इस घटना के दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.

मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएम
मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएम

"जिस मार्ग पर हादसा हुआ है उस मार्ग में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. सड़क के किनारे पोल लगाकर अस्थाई बैरिकेटिंग का काम कराने के निर्देश दे दिए गए हैं. रोड सेफ्टी,परिवहन विभाग,पीडब्ल्यूडी विभाग और यातायात विभाग विभाग के अधिकारी जांच में जुट गए हैं.": विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़

परिवहन विभाग की जांच में क्या निकला: परिवहन विभाग ने इस घटना के बाद बस को लेकर जांच किया. बस साईं ट्रैवल्स नेहरू नगर के नाम पर है. बस के फिटनेस और बीमा से जुड़े दस्तावेज वैलिड पाए गए हैं. सड़क की दुर्दशा और खस्ताहाल स्थिति से अब भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जिसका जवाब सिस्टम और प्रशासन को आने वाले समय में अपने कार्यों से देना होगा.

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Last Updated : Apr 10, 2024, 11:29 PM IST
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