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साइबर क्राइम से निपटने के लिए साथ आए तीन सरकारी विभाग, 28,200 फोन होंगे ब्लॉक - 28200 mobile handsets block - 28200 MOBILE HANDSETS BLOCK

28200 Mobile Handsets Block,साइबर क्राइम से निपटने के लिए तीन सरकारी विभाग के साथ काम करेंगें. वहीं जांच के बाद 28200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने के साथ ही इनसे जुड़े 20 लाख नंबरों कनेक्शनों को काटने का निर्देश दिया गया है.

mobile phone (symbolic)
मोबाइल फोन (प्रतीकात्मक) (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 10, 2024, 7:58 PM IST

नई दिल्ली : साइबर क्राइम से निपटने के लिए तीन सरकारी ने एक साथ कमर कसी है. इनमें दूरसंचार विभाग (DOT), गृह मंत्रालय (MHA) और राज्य पुलिस साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए मिलकर काम करेंगे. इस प्रयास का उद्देश्य धोखेबाजों के नेटवर्क को नष्ट करना और नागरिकों को डिजिटल खतरों से बचाना है.

बताया जाता है कि गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि साइबर अपराधों में 28,200 मोबाइल हैंडसेट का दुरुपयोग किया गया था. इसी क्रम में डीओटी ने आगे विश्लेषण किया और पाया कि इन मोबाइल हैंडसेटों के साथ आश्चर्यजनक रूप से 20 लाख नंबरों का उपयोग किया गया था. इसके बाद, दूरसंचार विभाग ने देश भर के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 28,200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने और इन मोबाइल हैंडसेटों से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों का तत्काल पुन: सत्यापन करने तथा पुन: सत्यापन में विफल रहने पर कनेक्शन काटने के निर्देश जारी किए.

यह एकीकृत दृष्टिकोण सार्वजनिक सुरक्षा तथा दूरसंचार बुनियादी ढांचे की अखंडता की रक्षा करने और एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण सुनिश्चित करने के प्रति साझी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. गौरतलब है कि तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर फ्रॉड की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. फलस्वरूप अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये नकली आवाज निकालकर बच्चों के अपहरण आदि का दावा कर रुपये वसूल लिए जाते हैं.

ये भी पढ़ें - साइबर फ्रॉड में उच्चतम स्तर पर केरल; 23,753 लोगों ने 2023 में 201 करोड़ रु गंवाए

नई दिल्ली : साइबर क्राइम से निपटने के लिए तीन सरकारी ने एक साथ कमर कसी है. इनमें दूरसंचार विभाग (DOT), गृह मंत्रालय (MHA) और राज्य पुलिस साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए मिलकर काम करेंगे. इस प्रयास का उद्देश्य धोखेबाजों के नेटवर्क को नष्ट करना और नागरिकों को डिजिटल खतरों से बचाना है.

बताया जाता है कि गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि साइबर अपराधों में 28,200 मोबाइल हैंडसेट का दुरुपयोग किया गया था. इसी क्रम में डीओटी ने आगे विश्लेषण किया और पाया कि इन मोबाइल हैंडसेटों के साथ आश्चर्यजनक रूप से 20 लाख नंबरों का उपयोग किया गया था. इसके बाद, दूरसंचार विभाग ने देश भर के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 28,200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने और इन मोबाइल हैंडसेटों से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों का तत्काल पुन: सत्यापन करने तथा पुन: सत्यापन में विफल रहने पर कनेक्शन काटने के निर्देश जारी किए.

यह एकीकृत दृष्टिकोण सार्वजनिक सुरक्षा तथा दूरसंचार बुनियादी ढांचे की अखंडता की रक्षा करने और एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण सुनिश्चित करने के प्रति साझी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. गौरतलब है कि तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर फ्रॉड की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. फलस्वरूप अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये नकली आवाज निकालकर बच्चों के अपहरण आदि का दावा कर रुपये वसूल लिए जाते हैं.

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