नई दिल्ली : साइबर क्राइम से निपटने के लिए तीन सरकारी ने एक साथ कमर कसी है. इनमें दूरसंचार विभाग (DOT), गृह मंत्रालय (MHA) और राज्य पुलिस साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए मिलकर काम करेंगे. इस प्रयास का उद्देश्य धोखेबाजों के नेटवर्क को नष्ट करना और नागरिकों को डिजिटल खतरों से बचाना है.
बताया जाता है कि गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि साइबर अपराधों में 28,200 मोबाइल हैंडसेट का दुरुपयोग किया गया था. इसी क्रम में डीओटी ने आगे विश्लेषण किया और पाया कि इन मोबाइल हैंडसेटों के साथ आश्चर्यजनक रूप से 20 लाख नंबरों का उपयोग किया गया था. इसके बाद, दूरसंचार विभाग ने देश भर के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 28,200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने और इन मोबाइल हैंडसेटों से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों का तत्काल पुन: सत्यापन करने तथा पुन: सत्यापन में विफल रहने पर कनेक्शन काटने के निर्देश जारी किए.
यह एकीकृत दृष्टिकोण सार्वजनिक सुरक्षा तथा दूरसंचार बुनियादी ढांचे की अखंडता की रक्षा करने और एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण सुनिश्चित करने के प्रति साझी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. गौरतलब है कि तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर फ्रॉड की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. फलस्वरूप अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये नकली आवाज निकालकर बच्चों के अपहरण आदि का दावा कर रुपये वसूल लिए जाते हैं.
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