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क्या देश में रची जा रही है बड़ी खौफनाक साजिश..! बिहार में 850 करोड़ का 'कैलीफोर्नियम' जब्त - gopalganj police seized californium - GOPALGANJ POLICE SEIZED CALIFORNIUM

Gopalganj Police Seized Californium: गोपालगंज पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए पुलिस ने बहुमूल्य 50 ग्राम रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलीफोर्नियम के साथ 3 तस्करों को गिरफ्तार किया है. जब्त 50 ग्राम कैलीफोर्नियम की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 850 करोड़ रुपये आंकी गई है. क्या होता है कैलीफोर्नियम और यह इंसान के लिए कितना घातक है, जानें.

गोपालगंज से कैलीफोर्नियम बरामद
गोपालगंज से कैलीफोर्नियम बरामद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 9, 2024, 1:43 PM IST

Updated : Aug 9, 2024, 2:18 PM IST

गोपालगंज: जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के बल्थरी चेकपोस्ट पर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी करते हुए 50 ग्राम बहुमूल्य रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलीफोर्नियम जब्त किया है. जब्त किए गए पदार्थ के साथ तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक तस्कर और दो लाइन शामिल हैं.

गोपालगंज से 850 करोड़ का कैलीफोर्नियम बरामद: इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि बहुमूल्य पदार्थ की तस्करी की जा रही है. प्राप्त सूचना के आधार पर कुचायकोट थाना द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए एक टीम का गठन किया गया. गठित टीम ने तत्काल छापेमारी करते हुए 50 ग्राम रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलीफोर्नियम को जब्त किया. साथ ही तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है.

कैलीफोर्नियम
कैलीफोर्नियम (ETV Bharat)

"1 ग्राम कैलीफोर्नियम की कीमत करीब 17 करोड़ रुपए बताई जा रही है. जब्त की गई 50 ग्राम कैलीफोर्नियम की कीमत करीब 850 करोड़ रुपए बताई जा रही है. इसका इस्तेमाल न्यूक्लियर रिएक्टर से न्यूक्लियर पावर के उत्पादन और साथ ही कई गंभीर ब्रेन कैंसर जैसे बीमारियों को ठीक करने में भी होता है."- स्वर्ण प्रभात, एसपी

तीन तस्करों से पूछताछ जारी: फिलहाल इसकी जांच के लिए डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी से संपर्क साधा जा रहा है. एफएसएल की विशेष टीम पदार्थ की जांच करेगी. तस्करी, हैंडलिंग और बैकवर्ड फॉरवर्ड लिंकेज को भी खंगाला जा रहा है. वहीं गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है. गिरफ्तार अभियुक्तों में एक तस्कर यूपी के कुशीनगर के रहने वाला है. वहीं दो अभियुक्त लाइनर की भूमिका में हैं, जो गोपालगंज के रहने वाले बताए जाते हैं.

तस्कर और लाइनर की हुई पहचान: तीनों की पहचान उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के तमकुही राज थाना क्षेत्र के परसौनी बुजुर्ग गांव निवासी स्वर्गीय चंद्रदेव प्रसाद के 40 वर्षीय बेटा छोटे लाल प्रसाद, नगर थाना क्षेत्र के कौशल्या चौक वार्ड नंबर 22 निवासी योगेंद्र साह के 40 वर्षीय बेटा चंदन गुप्ता और महमदपुर थाना क्षेत्र के कुशहर मठिया निवासी हरेंद्र राम के 28 वर्षीय बेटा चंदन राम के रूप में की गई है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

'महीनों से बेचने की हो रही थी कोशिश'-एसपी: एसपी ने बताया कि कई महीनों से तस्कर इस पदार्थ को बेचने की कोशिश में था. रेडियोएक्टिव पदार्थ की हैंडलिंग और अग्रतर जांच के लिए एफएसएल की विशेष टीम को बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि उक्त पदार्थ का टेस्ट लैब रिपोर्ट है. IIT Madras में टेस्ट हुआ है, पांडिचेरी के न्यूक्लियर पावर कंपनी है.

'बरामद सर्टिफिकेट फेक'- IIT मद्रास के प्रोफेसर: पुलिस ने पांडिचेरी पुलिस से भी सम्पर्क साधा है. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर के पास बरामद सर्टिफिकेट के बारे में IIT मद्रास के प्रोफेसर एस मोहन से बात की गई तो उन्होंने इस सर्टिफिकेट को फेक बताया है. साथ ही कंपनी से सम्पर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है.

क्या है कैलिफोर्नियम पदार्थ ?: कैलिफोर्नियम एक बेहद महंगा रेडियोएक्टिव पदार्थ है. भारत में आम आदमी इसको खरीद या बेच नहीं सकता है. कैलिफोर्नियम धातु का प्रतीक सीएफ और परमाणु संख्या 98 है. यह प्राकृतिक नहीं है, बल्कि अमेरिका की एक लैब में सिंथेसाइज किया गया था. ट्रांसयूरेनियम एमिलमेंट्स में से एक कैलिफोर्नियम एक चांदी के रंग जैसी धातु होती है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

यह पदार्थ करीब 900 डिग्री सेल्सियस पर पिघलता है. यह शुद्ध रूप में इतना मुलायम होता है कि इसे नार्मल ब्लेड से आसानी से काटा जा सकता है. यह पदार्थ उन ट्रांसयूरेनियम एमिलमेंट्स में से एक है, जिन्हें इतनी मात्रा में बनाया गया है कि उन्हें खुली आंखों से देखा जा सके.

कहां होता है कैलिफोर्नियम का इस्तेमाल?: इंडस्ट्रियल फील्ड में कैलिफोर्नियम का प्रयोग होता है. इसकी सहायता से ऑयल के कुओं में पानी और तेल की लेयर का पता लगाया जाता है. इसके अलावा गोल्ड और सिल्वर के डिटेक्शन, पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर में इसका इस्तेमाल किया जाता है. कैंसर चिकित्सा में भी इसकी प्रयोग होता है. मेडिकल फील्ड में इसका इस्तेमाल कैंसर मरीजों और एक्सरे मशीनों में होता है. कैलिफोर्नियम एक आइसोटोप Cf-252 बेहद ताकतवर न्यूट्रॉन सोर्स होता है. यह न्यूट्रॉन न्यूक्लियर रिएक्टर्स को शुरू करने में मददगार होता है.

इंसानों के लिए कितना नुकसानदायक? : न्यूट्रॉन, इंसानों की लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. लंबे समय के लिए Cf-252 बहुत मजबूत स्त्रोत है. इसलिए यह लाल रक्त कोशिकाओं को तुरंत मार सकता है. इससे कई समस्याएं हो सकती हैं. लंबे समय तक अगर आप इसके संपर्क में आते तो, ल्यूकेमिया और ब्लड कैंसर होने का खतरा हो सकता है.

ये भी पढ़ें- एक करोड़ की स्मैक के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार, अन्तर्राज्यीय गिरोह का हुआ भंडाफोड़, छपरा पुलिस की बड़ी कार्रवाई - Smack Smugglers Arrested In Chapra

गोपालगंज: जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के बल्थरी चेकपोस्ट पर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी करते हुए 50 ग्राम बहुमूल्य रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलीफोर्नियम जब्त किया है. जब्त किए गए पदार्थ के साथ तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक तस्कर और दो लाइन शामिल हैं.

गोपालगंज से 850 करोड़ का कैलीफोर्नियम बरामद: इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि बहुमूल्य पदार्थ की तस्करी की जा रही है. प्राप्त सूचना के आधार पर कुचायकोट थाना द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए एक टीम का गठन किया गया. गठित टीम ने तत्काल छापेमारी करते हुए 50 ग्राम रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलीफोर्नियम को जब्त किया. साथ ही तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है.

कैलीफोर्नियम
कैलीफोर्नियम (ETV Bharat)

"1 ग्राम कैलीफोर्नियम की कीमत करीब 17 करोड़ रुपए बताई जा रही है. जब्त की गई 50 ग्राम कैलीफोर्नियम की कीमत करीब 850 करोड़ रुपए बताई जा रही है. इसका इस्तेमाल न्यूक्लियर रिएक्टर से न्यूक्लियर पावर के उत्पादन और साथ ही कई गंभीर ब्रेन कैंसर जैसे बीमारियों को ठीक करने में भी होता है."- स्वर्ण प्रभात, एसपी

तीन तस्करों से पूछताछ जारी: फिलहाल इसकी जांच के लिए डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी से संपर्क साधा जा रहा है. एफएसएल की विशेष टीम पदार्थ की जांच करेगी. तस्करी, हैंडलिंग और बैकवर्ड फॉरवर्ड लिंकेज को भी खंगाला जा रहा है. वहीं गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है. गिरफ्तार अभियुक्तों में एक तस्कर यूपी के कुशीनगर के रहने वाला है. वहीं दो अभियुक्त लाइनर की भूमिका में हैं, जो गोपालगंज के रहने वाले बताए जाते हैं.

तस्कर और लाइनर की हुई पहचान: तीनों की पहचान उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के तमकुही राज थाना क्षेत्र के परसौनी बुजुर्ग गांव निवासी स्वर्गीय चंद्रदेव प्रसाद के 40 वर्षीय बेटा छोटे लाल प्रसाद, नगर थाना क्षेत्र के कौशल्या चौक वार्ड नंबर 22 निवासी योगेंद्र साह के 40 वर्षीय बेटा चंदन गुप्ता और महमदपुर थाना क्षेत्र के कुशहर मठिया निवासी हरेंद्र राम के 28 वर्षीय बेटा चंदन राम के रूप में की गई है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

'महीनों से बेचने की हो रही थी कोशिश'-एसपी: एसपी ने बताया कि कई महीनों से तस्कर इस पदार्थ को बेचने की कोशिश में था. रेडियोएक्टिव पदार्थ की हैंडलिंग और अग्रतर जांच के लिए एफएसएल की विशेष टीम को बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि उक्त पदार्थ का टेस्ट लैब रिपोर्ट है. IIT Madras में टेस्ट हुआ है, पांडिचेरी के न्यूक्लियर पावर कंपनी है.

'बरामद सर्टिफिकेट फेक'- IIT मद्रास के प्रोफेसर: पुलिस ने पांडिचेरी पुलिस से भी सम्पर्क साधा है. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर के पास बरामद सर्टिफिकेट के बारे में IIT मद्रास के प्रोफेसर एस मोहन से बात की गई तो उन्होंने इस सर्टिफिकेट को फेक बताया है. साथ ही कंपनी से सम्पर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है.

क्या है कैलिफोर्नियम पदार्थ ?: कैलिफोर्नियम एक बेहद महंगा रेडियोएक्टिव पदार्थ है. भारत में आम आदमी इसको खरीद या बेच नहीं सकता है. कैलिफोर्नियम धातु का प्रतीक सीएफ और परमाणु संख्या 98 है. यह प्राकृतिक नहीं है, बल्कि अमेरिका की एक लैब में सिंथेसाइज किया गया था. ट्रांसयूरेनियम एमिलमेंट्स में से एक कैलिफोर्नियम एक चांदी के रंग जैसी धातु होती है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

यह पदार्थ करीब 900 डिग्री सेल्सियस पर पिघलता है. यह शुद्ध रूप में इतना मुलायम होता है कि इसे नार्मल ब्लेड से आसानी से काटा जा सकता है. यह पदार्थ उन ट्रांसयूरेनियम एमिलमेंट्स में से एक है, जिन्हें इतनी मात्रा में बनाया गया है कि उन्हें खुली आंखों से देखा जा सके.

कहां होता है कैलिफोर्नियम का इस्तेमाल?: इंडस्ट्रियल फील्ड में कैलिफोर्नियम का प्रयोग होता है. इसकी सहायता से ऑयल के कुओं में पानी और तेल की लेयर का पता लगाया जाता है. इसके अलावा गोल्ड और सिल्वर के डिटेक्शन, पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर में इसका इस्तेमाल किया जाता है. कैंसर चिकित्सा में भी इसकी प्रयोग होता है. मेडिकल फील्ड में इसका इस्तेमाल कैंसर मरीजों और एक्सरे मशीनों में होता है. कैलिफोर्नियम एक आइसोटोप Cf-252 बेहद ताकतवर न्यूट्रॉन सोर्स होता है. यह न्यूट्रॉन न्यूक्लियर रिएक्टर्स को शुरू करने में मददगार होता है.

इंसानों के लिए कितना नुकसानदायक? : न्यूट्रॉन, इंसानों की लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. लंबे समय के लिए Cf-252 बहुत मजबूत स्त्रोत है. इसलिए यह लाल रक्त कोशिकाओं को तुरंत मार सकता है. इससे कई समस्याएं हो सकती हैं. लंबे समय तक अगर आप इसके संपर्क में आते तो, ल्यूकेमिया और ब्लड कैंसर होने का खतरा हो सकता है.

ये भी पढ़ें- एक करोड़ की स्मैक के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार, अन्तर्राज्यीय गिरोह का हुआ भंडाफोड़, छपरा पुलिस की बड़ी कार्रवाई - Smack Smugglers Arrested In Chapra

Last Updated : Aug 9, 2024, 2:18 PM IST
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