उत्तरकाशी: गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित गोमुख ट्रेक खुलने में इस बार दो माह का समय लग सकता है. ट्रेक पर बड़े-बड़े हिमखंड आए हुए हैं. पार्क की गश्त पर जा रही वन विभाग की टीम के कदम भी इन हिमखंडों ने रोक दिए हैं, जिसके चलते टीम देवगाड़ से आगे गश्त के लिए नहीं जा सकी. टीम का कहना है कि गोमुख ट्रेक खुलने में इस बार दो माह से अधिक का समय लग सकता है.
गंगोत्री स्थित कनखू बैरियर की वन विभाग की टीम उच्च अधिकारियों के निर्देश पर बीते सोमवार को गंगोत्री नेशनल पार्क के प्रतिबंधित क्षेत्र और करीब 22 किमी लंबे गंगोत्री-गोमुख-तपोवन ट्रेक की गश्त के लिए रवाना हुई थी. सोमवार शाम तक गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम वन दरोगा राजवीर रावत के नेतृत्व में कनखू बैरियर से करीब सात किमी की दूरी देवगाड़ पर पहुंची.
रावत ने बताया कि देवगाड़ से आगे बड़े-बड़े हिमखंड आए हुए हैं. इस कारण टीम आगे नहीं बढ़ पाई. वन विभाग की टीम ने हिमखंडों के बीच रास्ता तलाशने की कोशिश की, लेकिन कई किमी तक फैले हिमखंडों को पार करना संभव नहीं हुआ. राजवीर रावत की मानें तो गोमुख-तपोवन ट्रेक पर बड़े हिमखंडों को देखकर स्थिति यही लग रही है कि यह ट्रेक मई माह तक ही खुल पाएगा. इससे इस बार पर्वतारोहियों को इस ट्रेक और गंगोत्री ग्लेशियर की चोटियों के आरोहण के लिए इंतजार करना पड़ सकता है. क्योंकि गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट अप्रैल माह में खुल जाते हैं.
गंगोत्री नेशनल पार्क के वन दरोगा राजवीर रावत ने बताया कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी होने के कारण गंगोत्री और देवगाड़ के बीच करीब 15 किमी के क्षेत्र में भरल अच्छी संख्या में दिख रही हैं, जो कि पार्क के पारिस्थितिक तंत्र के लिए सकारात्मक संदेश है.
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