गुवाहाटी: गुवाहाटी हाई कोर्ट ने असम के सात टॉप लेवल के अधिकारियों को तीन हमार उग्रवादियों की हत्या की घटना पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मृतकों के परिवार वालों ने पुलिस गोलीबारी के खिलाफ अदालत में रिट याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि तीनों युवकों का उग्रवादी समूह से कोई संबंध नहीं था. रिट याचिका के बाद, गुवाहाटी हाई कोर्ट ने असम पुलिस के महानिदेशक, राज्य के मुख्य सचिव, कछार के जिला आयुक्त और कछार के पुलिस अधीक्षक सहित सात अधिकारियों को नोटिस जारी किया.
बता दें, गोलीबारी 17 जुलाई की मध्य रात्रि को कछार के भुबन पहाड़ पर हुई थी. अदालत ने आदेश दिया है कि तीनों उग्रवादियों के शवों को सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुर्दाघर में तब तक रखा जाए जब तक कि अदालत का दोबारा आदेश ना आ जाए.
दरअसल, 16 जुलाई को कछार पुलिस ने कछार के धलाई गंगानगर से तीन हमार युवकों को चाकू के साथ गिरफ्तार किया था. उसी रात पुलिस अधीक्षक नोमल महत्ता के नेतृत्व में कछार पुलिस की एक टीम ने तीनों गिरफ्तार उग्रवादियों के साथ असम-मिजोरम सीमा पर भुबन पहाड़ में एक अभियान चलाया था. उस समय अभियान के बहाने पहाड़ियों में छिपे उग्रवादी संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने अचानक पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी. पुलिस ने भी उन्हें गोलियों से जवाब दिया.
पुलिस और उग्रवादियों के बीच करीब एक घंटे तक गोलीबारी हुई. पुलिस द्वारा पकड़े गए तीन उग्रवादी कैडर दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी में मारे गए. मारे गए तीन उग्रवादियों में से दो कछार के थे और एक मणिपुर का बताया गया. तीनों मृतक कैडर हमार उग्रवादी समूह से थे.
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